दाईं मुख्य नहर में जगह जगह हो रहा अतिक्रमण

प्रशासन की अनदेखी के चलते सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे अतिक्रमी

दाईं मुख्य नहर में जगह जगह हो रहा अतिक्रमण

पूर्व में प्रशासन द्वारा की गई कारवाई भी बेअसर साबित हो रही है।

कोटा। कोटा और बारां जिले सहित मध्य प्रदेश के कई गांवों में सिंचाई देने वाली दाईं मुख्य नहर पर फिर से अतिक्रमण होने लगा है। जिससे नहर की पाल कमजोर हो रही है साथ ही बहाव क्षेत्र में बाधा उत्पन्न हो रही है। दरअसल कोटा बैराज से ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के बार्इं व दाईं छोर पर दो मुख्य नहरें निकल रही हैं। जो शहर के कई रिहायशी इलाकों से होकर निकल रही है। शहर में नहर के बहाव क्षेत्र में तीन तालाब मौजूद हैं, जिन पर अतिक्रमियों द्वारा बेधड़क अतिक्रमण किया जा रहा है। जहां पूर्व में प्रशासन द्वारा की गई कारवाई भी बेअसर साबित हो रही है। वहीं नहर के पास बनी कॉलोनियों के लोगों घर और मौहल्ले का सारा कचरा नहर में उड़ेल रह हैं। ये अतिक्रमण और कचरा नहर के बहाव क्षेत्र में बाधा तो बन ही रहे हैं साथ ही पानी को भी प्रदूषित कर रहे हैं।

कोठड़ी तालाब में हो  रहे पक्के अतिक्रमण
शहर में दाईं मुख्य नहर पर छावनी इलाके में मौजूद कोठड़ी तालाब पर धड़ल्ले से अतिक्रमण हो रहा है। यहां पर अतिक्रमियों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने नहर की पाल को तोड़कर नहर के 20 से 30 फीट अंदर तक अतिक्रमण कर लिया है। अतिक्रमी अब नहर के बहाव क्षेत्र में अंदर घुसते जा रहे हैं, दीवारें खड़ी करते जा रहे हैं। जबकि नियमों के मुताबिक किसी भी नहर या तालाब की पाल के 30 फीट के दायरे में किसी प्रकार का निर्माण कार्य करना अवैध है। बावजूद तमाम नियमों के इन क्षेत्रों में हो रहे अतिक्रमण पर किसी प्रकार की कारवाई नहीं हो रही है। 

सूरसागर और श्रीराम नगर में भी बढ़ रहा अतिक्रमण
शहर के सूरसागर और श्रीराम नगर इलाके में भी नहरों पर अतिक्रमण बढ़ रहा है। जहां सूरसागर में थेकड़ा पुलिया के पास कचरा पॉइंट पर लोगों ने कई स्थाई झोपड़ियां बना ली हैं। स्थानीय निवासियों को कहना है कि यहां कचरे पॉइंट पर चलने वाले ट्रकों के कंपन्न और बोरिंग से नहर की दीवारों में दरारें आने लगी हैं। इसी तरह उद्योग नगर थाने के पास मौजूद लोहर बस्ती के लोग भी नहर की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। वहीं औद्योगिक क्षेत्र के श्रीराम नगर बस्ती में भी लोगों ने नहर की मौजूदा पाल को तोड़कर अपने मकान खड़े कर लिए हैं, और मकान के पास नई दीवार को पाल की तरह बनाकर भ्रमित कर रहे हैं। 

कचरा भी नहरों में ही डाल रहे
नहर के किनारे रहने वाले एक तरफ अतिक्रमण तो कर ही रहे हैं, साथ ही घरों से निकला कचरा भी उसमें ही डाल रहे हैं। जिससे नहर प्रदूषित होने के साथ उसका बहाव क्षेत्र भी कम हो रहा है। इन बस्तियों द्वारा नहर में फेंके गए कचरे के कारण आगे जाकर ये नहरों से निकलने वाले छोटी नहरों में बाधा उत्पन्न करती हैं। क्योंकि कचरे में मौजूद पॉलिथीन, प्लास्टिक कई बार इन नहरों के मुंहाने पर फंस जाती हैं, जिससे सिंचाई में समस्या आती है। उम्मेदगंज निवासी किसान प्रभुलाल ने बताया कि कई बार नहर से पानी लेते समय कचरे के कारण पानी का बहाव अवरोध होता है, जिसे हमें ही साफ करना पड़ता है।

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इनका कहना है
नहर के बहाव क्षेत्र के 30 फीट के भीतर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य अवैध है। शहर में नहरों पर हो रहे अतिक्रमण की जानकारी है, इन सभी स्थानों को चिन्हित किया हुआ है। रिर्पोट तैयार कर जिला प्रशासन को भेजी हुई है। आचार संहिता के कारण कारवाई रुकी हुई है चुनाव खत्म होते ही अभियान चलाकर अतिक्रमियों पर कारवाई की जाएगी।
- लाखन लाल गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, सीएडी कोटा 
 

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