मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी खारिज, हाईकोर्ट जाने का फैसला
आरोपियों की न्यायिक हिरासत आठ मई तक बढ़ा दी थी
उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। लाइसेंस शुल्क माफ व कम कर दिया गया।
नई दिल्ली। मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सीबीआई ने 2023 में उन्हें गिरफ्तार किया था। उस समय सिसोदिया आबकारी मंत्री भी थे। इसके बाद बीते साल नौ मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने भी उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अब हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि सिसोदिया ने कथित आबकारी नीति घोटाले के मामले में जमानत याचिका दायर की थी। यह दूसरी बार है जब कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज की है। मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 तो गिरफ्तार किया था। इससे पहले अदालत ने मनीष सिसोदिया, विजय नायर समेत अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत आठ मई तक बढ़ा दी थी।
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के सामने शुक्रवार को आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया था। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को एक रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया कि आरोपपत्र से संबंधित दस्तावेज को डिजिटल बनाने में कितना समय लगने की संभावना है। कार्यवाही के दौरान ईडी के विशेष लोक अभियोजक नवीन कुमार मट्टा और साइमन बेंजामिन ने आरोप लगाया कि आरोपी कार्यवाही में देरी कर रहे हैं। साथ ही वे सुनवाई में तेजी लाने के लिए इच्छुक नहीं हैं। ईडी ने आरोप लगाया कि आरोपी आबकारी नीति से उत्पन्न अपराध की आय की प्रमुख लाभार्थी हैं। ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। लाइसेंस शुल्क माफ व कम कर दिया गया। वहीं एल.1 लाइसेंस को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना बढ़ाया गया।
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