नगर में गंदगी से अटी पड़ीं नालियां बीमारियों को दे रहीं न्यौता
कई जगह कचरा पात्र गायब, लोग खुले में कचरा डालने को मजबूर
कचरे से जाम नालियों से हालात बदतर।
सांगोद। एक ओर तो सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत रुपए करोड़ों रुपए का बजट पानी की तरह बहा रही है, वहीं दूसरी ओर नगर में पानी की गंदी व जाम नालियां कुछ और ही हालात बयान कर रही हैं। जानकारी के अनुसार छोटी व बड़ी नालियां पॉलीथिन, गुटखे के पाउच, गंदे व अपशिष्ट के कारण इतनी जाम हो गई हैं कि उनसे पर्याप्त रूप से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। नगर वासी परेशान हैं। जिसमें खासकर वह जिनके घर नालियों के किनारे हैं। कई बार सफाई कर्मियों को भी अवगत करवाया जा चुका है। लेकिन वह भी आज-कल का बहाना बना कर टालते रहते हैं। सांगोद स्थित नसिया जी बाईपास पर बड़े नाले में कचरा व दर्जनों वेस्ट पॉलीथिन पड़ी हुई है। यहां के निवासी ने बताया कि सफाई महीने में मुश्किल से एकाध बार की जाती है। इसी तरह कचरे से नाला रुका हुआ है और सड़ांध मारता रहता है।
गर्मी में हालात और भी बदतर
गर्मी में अधिक तापमान के कारण रुका हुआ गंदा पानी बहुत बुरी तरह सड़ांध मारता है। जिससे यहां रहने वाले लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। कई आवारा सूअर इन गंदी नालियों में बैठे रहते हैं जो कई प्रकार की बीमारियों को न्यौता देते हैं।
कई जगह पर कचरा पात्र भी गायब
नगर में कई जगह पर कचरा पात्र नहीं होने के कारण लोग खुले में कचरा डालने पर मजबूर हंै। यही कचरा गर्मी में लू भरी अंधड़ के कारण उड़कर सड़कों पर आ जाता है और कई गौ वंश इस पॉलीथिन और गंदे कचरे को खाकर बीमार हो जाते हैं। यहां तक कि उनकी मृत्यु तक हो जाती है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से भी गंभीर लापरवाही
चिकित्सा विभाग के अनुसार इसी प्रकार के रुके हुए व गंदे पानी में ही डेंगू व मलेरिया के मच्छर अपने अंडे देते हैं। एक बार में लाखों अंडे दिए जाते हैं। यह अंडा लार्वा और फिर उससे मच्छर बन जाते हैं। यह मच्छर जब स्वस्थ व्यक्ति को काटते हैं तो वह बीमारी का शिकार हो जाता है। इसी गर्मी के सीजन में मच्छरों के काटने के कारण अस्पताल भरे पड़े हैं। जिससे लोगों को आर्थिक व शारीरिक नुकसान होता है।
पालिका की प्राथमिकता नगर की साफ-सफाई व स्वच्छता रहनी चाहिए। कर्मचारियों को भी तुरंत लोगों के कहने पर एक्शन लेना चाहिए। अगर साफ-सफाई नहीं रहेगी तो बीमारियां बढ़ेंगी। इसलिए समय-समय पर नालियों की साफ-सफाई की जाए। निश्चित स्थान पर कचरा पात्र भी रखे जाएं।
- मुकेश गोचर, नगर वासी
एक ग्रहणी होने के नाते मेरा यह कहना है कि जिस तरह हम हमारे घर को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखते हैं, इसी तरह पालिका, जो कि नगर को पालनकर्त्ता होती है, उनका भी कर्तव्य है कि नगर को साफ व स्वच्छ रखें। सफाई कर्मचारी समय-समय पर निरीक्षण करें और सफाई करें।
- ममता गौत्तम, ग्रहणी
सफाई कर्मचारियों को बोलकर जल्द ही समस्या का निस्तारण किया जाएगा। जहां भी नालियां जाम है वहां पर कचरा गाड़ी भेज कर कचरा साफ कर व तुरंत भरकर अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा। ताकि नगर वासियों को गंदगी से राहत मिल सके। वैसे कचरे की गाड़ियां नगर के हर गली मोहल्ले में जाती हंै। पर फिर भी जहां पर कचरा पात्र नहीं है, वहां पर कचरा पात्र की व्यवस्था की जाएगी। पालिका की प्राथमिकता हमेशा स्वच्छता को लेकर रही है।
- कविता गहलोत, अध्यक्ष, नगर पालिका, सांगोद
बाईपास पर नाला जाम होने की सूचना मिली है। काफी कचरा भरा हुआ है। मामला संज्ञान में आया है। सफाई कर्मचारियों को भेजकर नालियों व नालों में से कचरा, पॉलीथिन साफ करवाया जाएगा। साथ ही जहां पर कचरा पात्र नहीं है, वहां की स्थिति देख कर कहां-कहां कचरा पात्र रखवाने हैं, सुनिश्चित कर वो भी रखवाए जाएंगे।
- ओमप्रकाश सोनी, अध्यक्ष, स्वच्छता व स्वास्थ्य समिति, नगर पालिका, सांगोद
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