चूरू में दोपहर 12 से तीन बजे के बीच मालवाहक पशुओं को धूप में ले जाने पर हो सकती है सजा
गर्मी सबको लगती है बेजुबानों में भी जान
पशु कु्र्रता निवारण अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई
जयपुर। आग उगलती सूर्य की किरणों के बीच दोपहर 12 से तीन बजे के बीच चूरू में भारवाहक पशु ऊंट, घोड़ा, खच्चर, बैल, पाड़ा पर माल रखकर ले जाते पाए जाने पर 25 हजार रुपए जुर्माना और तीन माह की सजा हो सकती है। एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इण्डिया के आदेशों को लागू करने की पहल करते हुए चूरू जिला कलेक्टर पुष्पा सत्यानी ने आदेश जारी किए हैं। इसके तहत उनके मालिकों के खिलाफ पशु क्रुरता निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आदेश में कहा है कि भारवाहक पशु ऊंट, घोड़ा, खच्चर, बैल, पाड़ा और घोड़ा सहित अन्य जानवरों को दोपहर 12 से तीन बजे के बीच तेज धूप में सड़क पर चलाकर ले जाने पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम- 1960 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस सन्दर्भ में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह से अनेक बार सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
पशु क्रूरता अधिनियम के तहत क्या है सजा का प्रावधान
25 हजार रुपए का जुर्माना और तीन माह की सजा का प्रावधान है।
एनिमल वेलफेयर बोर्ड के निर्देशों की हुई पालना
एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इण्डिया गर्मी में मालवाहक जानवरों को धूप से बचाने के लिए प्रतिवर्ष सभी राज्य सरकारों को गाइड लाइन जारी करता है, जिसके तहत चूरू जिला प्रशासन ने आदेश जारी किए हैं। जानकारी के अनुसार अभी तक सिर्फ चूरू जिला प्रशासन ने ही आदेश दिए हैं।
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