High Court से शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों को मिली बड़ी राहत
उच्च न्यायालय ने राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालयों का बिना कारण निरीक्षण किए जाने पर रोक
जयपुर। उच्च न्यायालय ने राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालयों का बिना कारण निरीक्षण किए जाने पर रोक लगाकर प्रदेश के शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों को बड़ी राहत दी हैं।
न्यायालय की एकल पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल ने फेडरेशन ऑफ राजस्थान टीचर एजुकेशन कालेज के सचिव डा प्रभात शर्मा की याचिका पर यह आदेश दिए। न्यायालय ने विश्वविद्यालय द्वारा सभी महाविद्यालयों का बिना कारण निरीक्षण किए जाने को रोक दिया है केवल कुछ बिंदुओं को और वो भी आवश्यक होने पर ही या उन बिंदुओं में कोई शिकायत होने पर ही उन्हीं महाविद्यालयों का निरीक्षण कर सकती है।
महाविद्यालयों को भी आठ मई तक का समय दिया है कि वे अपनी वेबसाइट पर राज्य सरकार द्वारा निर्देशित बिंदुओं को अपडेट कर ले तथा अपनी वित्तीय सूचना भी अपलोड कर ली जाए।
न्यायालय ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय खंडपीठ के दो सितंबर 2016 के निर्णय के अनुसार 10 मई तक इन शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों को संबद्धता प्रदान कर दे जिससे पीटीईटी को और नए बीएड करने वाले छात्रों को स्थिति स्पष्ट हो सके।
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