कांग्रेस के दिग्गज नहीं बचा सके अपनी विधानसभा
कांग्रेस का कोई अधिकृत प्रत्याशी नहीं था
पटवारी के गृह क्षेत्र इंदौर संसदीय क्षेत्र की राऊ में लगभग यही स्थिति सामने आई। हालांकि इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के सामने कांग्रेस का कोई अधिकृत प्रत्याशी नहीं था।
भोपाल। हालिया घोषित लोकसभा चुनाव परिणामों में मध्यप्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता भी अपनी विधानसभा नहीं बचा पाए, इसी का परिणाम है कि राज्य की कुल 230 विधानसभा क्षेत्रों में से मात्र लगभग दो दर्जन पर कांग्रेस के प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशियों के मुकाबले में अपनी बढ़त बना सके। राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटें भाजपा के खाते में जाने के बीच एक रोचक तथ्य ये भी सामने आया है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी समेत पार्टी के कई दिग्गज नेता अपनी विधानसभा भी नहीं बचा सके और उन्हें भाजपा प्रत्याशियों के हाथों अपने क्षेत्र में भी हार का सामना करना पड़ा। लगभग 200 से ज्यादा सीटों पर भाजपा के ही प्रत्याशी बढ़त बनाए रहे। पटवारी के गृह क्षेत्र इंदौर संसदीय क्षेत्र की राऊ में लगभग यही स्थिति सामने आई। हालांकि इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के सामने कांग्रेस का कोई अधिकृत प्रत्याशी नहीं था।
छिंदवाड़ा में भी पिछड़ी कांग्रेस
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की गृह विधानसभा छिंदवाड़ा में भी यही स्थिति रही। कमलनाथ यहां से विधायक हैं, लेकिन इस विधानसभा में उनके पुत्र और कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ को भाजपा प्रत्याशी विवेक साहू से लगभग पांच हजार कम मत हासिल हुए। रतलाम की झाबुआ विधानसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया भी भाजपा प्रत्याशी अनिता नागर सिंह चौहान से पीछे रहे। ये सीट भूरिया की परंपरागत सीट है और वर्तमान में यहां से उनके पुत्र डॉ विक्रांत भूरिया विधायक हैं। हालांकि इसी संसदीय क्षेत्र की सैलाना विधानसभा पर भूरिया को चौहान से ज्यादा मत हासिल हुए।
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