कांग्रेस में पिछले 10-12 वर्षां से नहीं था संगठन : सैलजा
संगठन कार्यकर्ताओं की पहचान होती है
सैलजा ने कहा कि आलाकमान की तरफ से एक तथ्यान्वेषी समिति कार्यकर्ताओं के बीच जाकर हार के कारणों की तलाश करेगी, इसके बाद समिति की रिपोर्ट पर ही उच्चकमान निर्णय लेगा।
चंडीगढ़। कांग्रेस महासचिव और हरियाणा में सिरसा लोकसभा सीट से सांसद कुमारी सैलजा ने सोमवार को कहा कि कार्यकर्ताओं की पहचान संगठन होता है, जो कांग्रेस में पिछले 10-12 सालों से नहीं था। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अनपेक्षित हार के संबंध में रोहतक में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि कांग्रेस हार जाएगी, सबको पूरी उम्मीद थी कि हरियाणा में सरकार कांग्रेस की बनेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या संगठन का न होना भी कांग्रेस की हार का एक कारण रहा, सैलजा ने कहा कि संगठन होना जरूरी है, क्योंकि संगठन कार्यकर्ताओं की पहचान होती है, कांग्रेस का राज्य स्तर से लेकर ब्लाक स्तर तक संगठन था ही नहीं, संगठन से पार्टी का काम होता है, कार्यकर्ताओं को पहचान मिलती है। उन्होंने दावा किया कि हार से कांग्रेस कार्यकर्ता निराश जरूर हैं, पर हताश नहीं है और पार्टी चिंता न करके इस पर चिंतन कर रही है। उन्होंने कहा कि 10 साल विपक्ष में बैठे रहना आसान नहीं होता, लेकिन कार्यकर्ताओं ने खूब मेहनत की, जिसके लिए वे कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करती हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि आलाकमान की तरफ से एक तथ्यान्वेषी समिति कार्यकर्ताओं के बीच जाकर हार के कारणों की तलाश करेगी, इसके बाद समिति की रिपोर्ट पर ही उच्चकमान निर्णय लेगा।
उन्होंने कहा कि हार-जीत के कई कारण होते हैं, हार के कारणों की समीक्षा जारी है, पार्टी सभी से जानकारी लेगी, इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। क्या इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन हार का कारण बनी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से यह मामला चुनाव आयोग के समक्ष उठाया गया है, अब देखना है कि आयोग इस पर क्या संज्ञान लेता है। क्या प्रदेश संगठन में कोई बदलाव होने जा रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में कुछ नहीं कह सकती, ये सब हाईकमान के अधिकार क्षेत्र का मामला है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि कांग्रेस की बैठक में हार पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि यह हार आपसी फूट के कारण हुई है और उन्होंने इस पर काफी नाराजगी जताई थी, कुमारी सैलजा ने कहा कि यह अनकही बातें हैं, गांधी की ओर से ऐसा कोई बयान नहीं आया है। यह पूछने पर कि 10 साल कांग्रेस विपक्ष में रही और अब अगले पांच साल फिर विपक्ष में बैठेगी।
ऐसे में कार्यकर्ताओं का क्या होगा, के जवाब में उन्होंने कहा कि राजनीति का नाम ही संघर्ष है, जो कमियां रहीं, उन्हें दूर करेंगे, पांच साल तक जनता को कांग्रेस से जोडेÞंगे, सरकार की जनविरोधी नीतियों को लेकर आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 36 बिरादरी की पार्टी है, वह सभी को साथ लेकर चलती है, पर सामाजिक रूप से कुछ बातें होती है। कांग्रेस में सब बातों को लेकर मंथन हो रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोगों की क्या इच्छा थी, उन्हें क्या दिखाया गया, लोगों की क्या प्रतिक्रिया थी, इसे भी देखना होगा। कुछ कांग्रेस उम्मीदवारों का आरोप है कि वे हारे नहीं हराये गये हैं, इन बयानों पर उन्होंने कहा कि सबके अपने अपने अनुभव हैं, सभी जीतने के लिए ही चुनाव लड़ते हैं।
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