सरसों के तेल में मिलावट का खेल

सरसों के तेल में मिलावट का खेल

कई कंपनियां शुद्ध और सात्विक विधि से तेल बनाकर बेचने का दावा भी करती हैं,जबकि यह दावा अधिकतर मामलों में झूठा निकलता है।

इन दिनों सरसों के तेल में मिलावट के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। मिलावटी तेल की वजह से कई बार तो लोगों के बीमार होने और यहां तक कि मौत होने तक की घटना घट जाती है। सरसों के तेल में मिलावट की वजह से होने वाले रोगों को ड्रॉप्सी कहा जाता है। ड्रॉप्सी का पहला मामला सन 1877 में पश्चिम बंगाल में सामने आया था। हालांकि यह रोग उत्तर भारत में प्रचलित था,जहां सरसों के तेल का प्रमुख रूप से सेवन किया जाता है। दक्षिण भारतीय राज्यों ने ड्रॉप्सी के किसी भी मामले की रिपोर्ट नहीं की,जो बड़े पैमाने पर मूंगफली या नारियल के तेल का सेवन करते हैं। देश के कुछ हिस्सों में साल 1998 में भी सरसों के तेल में मिलावट की घटनाएं सामने आई थीं। 

सरसों के तेल में  निम्न गुणवत्ता वाले तेलों की मिलावट की जाती है, जिससे इसकी शुद्धता, पौष्टिकता और गुणवत्ता खराब हो जाती है। आर्जीमोन तेल की पहचान प्राथमिक मिलावट के रूप में की गई, क्योंकि कुछ व्यावसायिक तेल के नमूनों और खुले नमूनों में इसकी सांद्रता कच्चे तेल की तुलना में लगभग आठ गुना अधिक थी। अरंडी के तेल को सरसों के तेल में दूसरा सबसे आम मिलावटखोर पाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि अब 80 फीसदी सरसों तेल राइस ब्रान मिलाकर बनाया जा रहा है। धान की खेती पंजाब में अधिक होती है,इसलिए वहां से सस्ती कीमत पर राइस ब्रान के टैंकर लाए जाते हैं। सरसों तेल गाढ़ा होता है, इसलिए राइस ब्रान को गाढ़ा करने के लिए उसमें सरसों तेल के रंग का कलर और सुगंध लाने के लिए एसेंस मिलाया जाता है। लेबोरेटरी जांच के बिना इनकी पहचान नहीं हो पाती है। इसमें मिलाया जाने वाला कलर और एसेंस लोगों में कैंसर का कारण बनता है। सरसों का तेल अमेरिका सहित कई देशों में प्रतिबंधित है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अनुसार, सरसों के तेल में इरुसिक एसिड की मात्रा काफी अधिक होती है। यह एक प्रकार का फैटी एसिड है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह ठीक से मेटाबोलाइज्ड नहीं होता है और मस्तिष्क की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है। इरुसिक एसिड कई मानसिक विकारों जैसे याददाश्त कमजोर होने से भी जुड़ा हुआ है। यह शरीर में वसा के संचय को भी बढ़ाता है। इन उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए अमेरिका,कनाडा और यूरोप ने सरसों के तेल के सेवन पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इरुसिक एसिड एक प्रकार का मोनोअनसैचुरेटेड ओमेगा-9 फैटी एसिड है, जो आमतौर पर सरसों के तेल, रेपसीड तेल और वॉलफ्लावर सीड ऑयल जैसे तेलों में पाया जाता है। इस एसिड के अत्यधिक सेवन से लिवर बढ़ सकता है और फैटी लिवर रोग विकसित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पहले सरसों के तेल में धान की भूसी का तेल बहुतायत में मिलाया जाता था,लेकिन अब पाम ऑयल मिलाया जाने लगा है। पाम ऑयल सस्ता होने के कारण दुकानदार को अधिक मुनाफा होता है। राइस ब्रान ऑयल का भी नकली सरसों का तेल बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। इन तेलों में रंग, खुशबू और मिर्च का अर्क, सिंथेटिक एलिल आइसोथियोसाइनेट, प्याज का रस और फैटी एसिड की मिलावट की जाती है। त्योहारों और शादियों के सीजन में मांग बढ़ने से मिलावटखोरी और बढ़ जाती है। इस दौरान सबसे ज्यादा रिफाइंड एवं सरसों के तेल की मांग होती है। महंगाई की वजह से सरसों के तेल में मिलावट की जड़ें देश में मजबूती से फैली हुई हैं। बाजार में नकली सरसों का तेल भी खूब बिक रहा है। बैरोमीटर के जरिए भी असली सरसों के तेल की शुद्धता का पता लगता है। बैरोमीटर की रीडिंग 58 से 60.5 है, लेकिन अगर सरसों तेल की रीडिंग तय मानक से ज्यादा है तो तेल नकली है। तेल का रंग बदलने का मतलब है कि इसमें मिलावट की गई है। इस प्रकार के तेल में एक जहरीला पॉलीसाइक्लिक नमक पाया जाता है,  जिसे सेंगुइनारिन कहा जाता है। सरसों के तेल को जांचने के लिए अपने हाथों में थोड़ा सा तेल लें और उसे अच्छे से मलें। अगर तेल से कोई रंग निकलता है या किसी केमिकल की गंध आती है तो तेल नकली है।

काफी हद तक तेल के बाजार का खेल विज्ञापन का भी है। कई कंपनियां शुद्ध और सात्विक विधि से तेल बनाकर बेचने का दावा भी करती हैं,जबकि यह दावा अधिकतर मामलों में झूठा निकलता है। आपको किसी भी तरह का तेल खरीदते समय बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। किसी भी कंपनी के दावों के झांसों में आकर तेल मत खरीदिए। किसी भी ब्रांड का तेल अधिक मात्रा में खरीदने से पहले थोड़ा सा लीजिए और स्वाद तथा गुणवत्ता जांचने के बाद ही अधिक मात्रा में खरीद कीजिए। तेल खरीदने से पहले सतर्कता बरतने से ही मिलावटी तेलों से बचा जा सकता है। मिलावटी तेल आपके परिवार के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए चिंता करना जरूरी है। अच्छा चुनिए, अच्छा खाइए। इस तरह आप खुद को और अपने परिवार को तेल में मिलावट के खेल से बचा पाएंगे। 

-अमित बैजनाथ गर्ग
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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