तीन साल से छात्रसंघ चुनाव नहीं, वसूली फिर भी जारी

छात्रसंघ चुनावी फंड स्पोर्ट्स, फर्नीचर व मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे

तीन साल से छात्रसंघ चुनाव नहीं, वसूली फिर भी जारी

कोटा यूनिवर्सिटी अब तक वसूल कर चुकी 10 लाख।

क ोटा। कोटा विश्वविद्यालय में पिछले चार वर्षों में से तीन साल तक छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए गए हैं। वहीं, इस सत्र में भी अब तक छात्रसंघ चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। यूनिवर्सिटी ने पिछले तीन सालों में छात्रसंघ चुनाव नहीं होने के बावजूद स्टूडेंट्स से फीस में छात्रसंघ चुनावी फंड के मद में कुल 10 लाख रुपए की वसूली कर चुकी है। इसके बावजूद विद्यार्थी सुविधाओं को तरस रहे हैं। विवि ने दस लाख रुपए स्पोर्ट्स, कल्चर, फाउंडेशन-डे, जॉब फेयर व अकेडमिक एक्टिविटी मदों में खपा दिए।  जबकि, स्टूडेंट्स लाइब्रेरी में किताबों, क्लासों में फर्नीचर सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।  हैरत की बात यह है कि छात्रसंघ फंड की राशि के स्टूडेंट्स की सुविधाओं में उपयोग नहीं होने के बावजूद छात्र संगठनों ने चुप्पी साध रखी है।  

तीन सत्र से चुनाव बंद फिर कर रहे वसूली
कोटा विवि में कोरोना काल में वर्ष 2020 व 2021 में लगातार दो साल छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए गए। इसके बाद वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव के कारण से छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए। ऐसे में पिछले चार सालों में से तीन साल छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए, मगर विवि प्रशासन ने छात्रसंघ चुनाव के मद में लगातार वसूली जारी रखी। ऐसे में तीन सत्रों में करीब 10 लाख रुपयों की वसूली की गई। इस राशि का छात्र सुविधाओें में उपयोग नहीं किया गया। क्लासों में बैठने के लिए टेबल-कुर्सी तक नहीं है। प्रेक्टिकल लैब में कक्षाएं लग रहीं हैं। इस साल भी अगस्त का आधा माह बीत चुका है लेकिन अब तक छात्रसंघ चुनाव की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। 

प्रतिवर्ष 3.30 लाख की वसूली 
कोटा यूनिवर्सिटी के फीस स्ट्रेक्चर के मुताबिक,  विवि में यूजी व पीजी के विभिन्न कोर्सों को मिलाकर कुल 1086 सीट हैं। जिनमें से प्रतिवर्ष औसतन 1650 सीटों पर एडमिशन होते हैं। एडमिशन फीस में स्टूडेंट यूनियन मद में प्रति छात्र 200 रुपए वसूले जाते हैं। इस तरह 1650 विद्यार्थियों से प्रतिवर्ष 3 लाख 30 हजार रुपए छात्रसंघ चुनाव फंड में वसूले गए। इसके बावजूद विवि में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। 

लाइब्रेरी में रैक तो क्लासों में टेबल-कुर्सी नहीं
छात्रसंघ महासचिव रोहिताश मीणा ने बताया कि पिछले तीन सालों में छात्रसंघ चुनाव नहीं होने के बावजूद विवि ने स्टूडेंट यूनियन मद में लाखों रुपए वसूल लिए। इसके बावजूद छात्र असुविधाओं से जूझ रहे हैं। लाइब्रेरी में किताबे रखने के लिए रैक नहीं है। जिसकी वजह से प्रमुख किताबें पढ़ने को नहीं मिल रही। वहीं, संस्कृति भवन में यूजी व पीजी की कक्षाएं लगती हैं। जिनमें 4.50 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। जिसके मुकाबले टेबल-कुर्सियां आधी भी नहीं है। ऐसे में प्रैक्टिकल लेब में कक्षाएं लगानी पड़ रही है।

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इस बार भी चुनाव के आसार नहीं
विश्वविद्यालय व कॉलेजों में वर्तमान सत्र में भी छात्रसंघ चुनाव होने के आसार नजर नहीं आ रहे। अमूमन चुनाव  अगस्त माह में होते हैं लेकिन अभी तक अगस्त का आधा माह बीत चुका है, पर चुनाव को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है। हालांकि, प्रदेशभर में चुनाव करवाने की मांग को लेकर छात्र संगठनों की ओर से धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं। हालांकि, आयुक्तालय की ओर से इस संबंध में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। 

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10 मदों में प्रति स्टूडेंट से 1000 रुपए की वसूली
विवि में दाखिले के दौरान एडमिशन फीस के अलावा विभिन्न 10 मदों में प्रति छात्र से 1000 रुपए वसूले जाते हैं। जो इस प्रकार है। 

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मद                            फीस
स्टूडेंट यूनियन            200
स्टूडेंट एसोसिएशन      100
स्टूडेंट आईकार्ड           100
स्टूडेंट अस्टिेंट फंड      100
मेडिकल अस्टिेंट         100
कॅरियर काउंसलिंग     100
एंड प्लेसमेंट
टेक्निकल अस्टिेंट       100
पार्किंग फीस              100
विभिन्न मद में           100

जल मंदिर का पानी खराब
कैम्पस में दो जल मंदिर हैं। जिनमें पुराने खस्ताहाल वाटरकूलर लगे हैं, जो पहले खराब हो चुके थे, नए लगाने की जगह उसी को रिपेयर करवाकर लगा दिया। इसमें पानी फिल्टर नहीं होने से दुर्गंध आती है। इसका पानी पीने योग्य नहीं है। विवि जितनी फुर्ति वसूली करने में दिखाता है, उतनी ही सुस्ती सुविधाएं देने में दिखाता है। यह विद्यार्थियों के साथ अन्याय है। 

क्या कहते हैं छात्र प्रतिनिधि
चुनाव नहीं तो वसूली क्यों?
पिछले तीन सत्रों से छात्रसंघ संस्कृति भवन में यूजी-पीजी के 4.50 छात्रों की कक्षाएं लगती हैं, जिनमें बीएससी, एमएससी जूलॉजी, बोटनी, एमए में ज्योग्राफी, ड्राइंग एंड पेंटिंग, लोकप्रशासन, इतिहास आदि शामिल हैं। टेबल कुर्सी नहीं होने से प्रेक्टिकल लैब में कक्षाएं लगती हैं। लाइब्रेरी में किताबों को रखने के लिए रैक नहीं है, जिसकी वजह से नई किताबें खरीद नहीं जा रही।  
- रोहिताश मीणा, छात्रसंघ महासचिव, कोटा विवि

गर्मी में धूप में तपते हैं छात्र
कैम्पस में 101 नम्बर का रूम है, जहां परीक्षा से संबंधित कार्य किए जाते हैं। इस विंडों पर छात्रों की कतारें लगी रहती है। भरी गर्मी में भी उन्हें धूप में ही तपना पड़ता है। विवि प्रशासन द्वारा टेंट लगाकर छाया तक की व्यवस्था नहीं करवाता। बाहर से आने वाले विद्यार्थियों के लिए कैम्पस में कॉमन सुविधाघर तक नहीं है। ऐसे में उन्हें भटकना पड़ता है।
- देवकीनंदन मेहता, छात्र प्रतिनिधि कोटा विवि

छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए तो क्या हुआ, हमने छात्र कल्याण को लेकर कई तरह की एक्टिविटी करवाई है। जिसमें गत तीन सत्रों में एकत्रित हुई स्टूडेंट यूनियन फंड की कुल राशि से ज्यादा ही राशि विवि खर्च कर चुका है।  स्टूडेंट एक्टिविटी में स्पोर्ट्स, कल्चर, फाउंडेशन-डे, अंगदान महादान, जॉब फेयर, शैक्षणिक भ्रमण सहित अकेडमिक एक्टिवीटी करवाई गई है। हरियाणा में आयोजित सांस्कृतिक गतिविधि में भाग लेने स्टूडेंट्स भेजे हैं, जिनकी प्रेक्टिस करवाते हैं, ट्रैनर को भी फीस देते हैं। सिर्फ चुनाव करवाना ही नहीं बल्कि स्टूडेंट्स के डवलपमेंट पर भी फोकस किया गया है। वहीं, बेहतर सुविधाएं भी मुहैया करवाई जा रही है।
- डॉ. नीलू चौहान, डीएसडब्ल्यू प्रभारी, कोटा विवि

विवि में सुविधाओं को बेहतर बनाने के प्रयास लगातार जारी है। चाहे वो फर्नीचर से संबंधित हो या भवन निर्माण से। यह सभी सुविधाएं विद्यार्थियों को केंद्र में रखकर दी जा रही है।
- प्रो. रीना दाधीच, कुल सचिव कोटा विवि 

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