सड़कों पर ही नहीं निगम कार्यालय तक में अब श्वानों का जमघट

निगम आने वाले लोगों को सता रहा डर

सड़कों पर ही नहीं निगम कार्यालय तक में अब श्वानों का जमघट

हर बार सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन व आदेश का हवाला देकर इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा।

कोटा। शहर की सड़कों पर आवारा श्वान(स्ट्रीट डॉग) की समस्या का तो समाधान नहीं हो पा रहा है। अब तो श्वानों ने नगर निगम कार्यालय तक में डेरा डाल लिया है। निगम कार्यालय में श्वानों के कारण यहां आने वाले लोग भी इनसे घबराने लगे हैं। शहर में जिस तरह से लावारिस हालत में सड़कों पर मवेशियों का जमघट लोगों के लिए परेशानीका कारण बना हुआ है।उनसे ट्रैफिक में बाधा उत्पन्न होने के साथ हीआए दिन हादसों काभी खतरा बना हुआहै। उसी तरह से आवारा श्वान भी लोगो के लिए परेशानीका कारण बने हुए हैं। श्वानों द्वारा आए दिन लोगों को काटने की घटनाएं हो रही हैं उसके बाद भी इन्हें नगर निगम शहर से बाहर नहीं कर पा रहा है। हर बार सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन व आदेश का हवाला देकर इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा। लेकिन हालत यह है कि अब तो यह नगर निगम कार्यालय तक में घूमने लगे हैं।  

श्वानों को पकड़ने व उन्हें शहर से दूर करने की जिम्मेदारी नगर निगम कीहै। लेकिन श्वान शहर कीसड़कों से  कम होना तो दूर अब निगम कार्यालय  तक में आने लगे है।  सामान्य कार्य दिवसों में भी श्वानों को निगम कार्यालय में देखा जा सकता है। लेकिन अवकाश के दिनों में तो पूरे कार्यालय में श्वानों का ही राज हो जाता है। हालत यह है कि निगम परिसर में ही नहीं अब तो श्वान अधिकारियों के कक्ष तक पहुंचने लगे है। नगर निगम के बी व सी ब्लॉक में अधिशाषी अभियंता कक्ष के बाहर श्वान इतने आराम से बैठे हुए हैं जैसे वह यहां रखवाली कर रहा हो। वहीं परिसर में भी नगर निगम कोटा उत्तर महापौर कक्ष के बाहर पॉर्च में नींद निकाल रहा था। ऐसीनिगम में कईजगह हैं जहां श्वान हीश्वान देखे जा सकते हैं। 

बधियाकरण व वैक्सीनेशन किया जा रहा
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि श्वानों के बधियाकरण व वैक्सीनेशन का कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है। बंधा धर्मपुरा स्थित श्वान शाला में यह काम हो रहा है। निजीफर्म को इसका टेंडर दिया हुआ है। श्वानों को पकड़कर शहर के दृूर छोड़ने का कोई प्रावधान नहीं है। अदालत के आदेश की पालना में श्वानों को जिस जगह से ले जाकर बधियाकरण किया जाता है। एक निर्धारित समय के बाद उन्हें वापस वाहीं छोड़ा जा रहा है।  निगम अधिकारियों का कहना है कि कार्यालय समय में तो गार्ड व लोग रहतेहैं इसलिए श्वानों का आना मुश्किल है। यदि आ भीजातेहैं तो उन्हें भगा देतेहै। लेकिन अवकाश केदिन में गार्ड व लोग नहीं होने से श्वान आस-पास से आ जातेहैं। ठंडक केलिए कार्यालय के अंदर भी आ सकतेहैं। उन्हें तो कैसे रोका जा सकता है। 

आए दिन हो रही दुर्घटनाएं
नगर निगम कार्यालय आई किशोरपुरा निवासी शबीना बानी ने बताया किगली मौहल्लों में ही इतने अधिक श्वान हैं कि वे आए दिन बच्चों व महिलाओं का ेकाट रहे हैं। जिससे कई लोगों व बच्चों का तो घर से बाहर खेलना तक बंद हो गया है। लेकिन जिस नगर निगम की श्वानों को पकड़ने कीजिम्मेदारीहै उस निगम कार्यालय में ही जहग-जगह श्वान बैठे हुए हैं। अब तो स्थिति यह है कि जिस तरह की घटनाएं हो रहीहै उनसे श्वान देखकर ही डर लगने लगा है। अनंतपुरा निवासी राजेन्द्र नागर ने बताया कि उन्हें लगताहै कि शहर में सड़कों पर ही श्वानों का आतंक है। लेकिन ये तो नगर निगम कार्यालय  तक में जमे हुए हैं। जब निगम अधिकारी इन्हें अपने कार्यालय से ही नहीं हटा सकते तो फिर शहर कीसड़कों सेकैसे हटाएंगे। श्वानों का वैक्सीनेशन व बधियाकरण होने के बाद ये अधिक खूंखार हो जाते है। ऐसे में इनसे बचकर रहना ही अच्छा है। 

Read More एसआई भर्ती परीक्षा रद्द कराने की मांग, पानी की टंकी से नहीं उतरे दोनों युवक

Post Comment

Comment List

Latest News

शावक का बढ़ा बजन, सीसीटीवी से हो रही है निगरानी शावक का बढ़ा बजन, सीसीटीवी से हो रही है निगरानी
शावक का वजन बढ़कर 2 किलो 200 ग्राम हो गया है। पहले इसका वजन 990 ग्राम था। वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक...
कश्मीर में सुरक्षा बलों की आतंकवादियों के साथ मुठभेड़, कार्रवाई में चली गोलियां
जलदाय कर्मचारियों ने ली इंटक की सदस्यता, विभाग मेें की नई भर्ती करने की मांग
जेडीए में भौतिक पत्रावलियों की स्केनिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त
कश्मीर में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस की दूसरे वाहन से टक्कर, 12 लोग घायल
विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर की चर्चा : कटेजा
टूटी सड़कों को सही करने के लिए सरकार ने स्थानीय निकायों को दिए निर्देश