अपात्रों ने सरेंडर नहीं किया तो होगी कार्रवाई
राशन का गेहूं स्वैच्छा से छोड़ने वालों से मांगे आवेदन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में छंटनी अभियान शुरू
अभियान के दौरान अपात्र मिलने पर उसे विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
कोटा । अपात्र होने के बाद भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मुफ्त गेहूं लेने वाले लाभार्थियों को कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए राज्य सरकार एक और अवसर दे रही है। सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 में अपात्रों का छंटनी अभियान शुरू किया है। इसमें रसद विभाग ने स्वैच्छा से एनएफएसए में राशन का गेहूं छोड़ने वालों से आवेदन मांगे हैं। यदि छंटनी अभियान से पहले अपात्र लाभार्थी ने आवेदन के माध्यम से सरेंडर कर दिया तो उसे विभागीय कार्रवाई से छूट मिल जाएगी। अभियान के दौरान अपात्र मिलने पर उसे विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
तो कानूनी कार्रवाई के साथ होगी वसूली
घरेलू गैस सिलेंडर पर स्वैच्छा से सब्सिडी छोड़ने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की करीब दस साल पुरानी पहल को खाद्य विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना पर भी लागू कर दिया है। अतिरिक्त खाद्य आयुक्त पूनम प्रसाद सागर ने गत दिनों पत्र जारी करके खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों में निष्कासन की श्रेणी में आने वालों को स्वैच्छा से नाम हटवाने की अवसर दिया है। कोई लाभार्थी निष्कासन की श्रेणी में आने के बाद भी एनएफएसए से जुड़ा हुआ पाए जाने पर रसद विभाग की ओर से कानूनी कार्रवाई के साथ वसूली के दायरे में आ जाएगा। वहीं स्वैच्छा से नाम कटवाने वालों को विभागीय कार्रवाई से मुक्त रखा जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों से हो चुकी वसूली
राज्य सरकार ने पांच साल पहले एनएफएसए में मुफ्त गेहूं उठाने वाले लाखों राज्य व केन्द्रीय कर्मचारियों का पता लगाया था। रसद विभाग ने खाद्य सुरक्षा योजना को आधार से जोड़ दिया था। योजना के आधार से जुड़ते ही लाखों सरकारी कर्मचारी और उनके परिजन वसूली के दायरे में आ गए थे। आखिर रसद विभाग ने वसूली का डंडा चलाते हुए दो रुपए किलो में मिलने वाले राशन के गेहूं की 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से वसूली की थी। कोटा जिले सहित पूरे प्रदेश के कर्मचारियों ने इस योजना का बेजा लाभ उठाया था। अब सरकार शेष अपात्रों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
इधर ई-केवाईसी करवाना भी अनिवार्य
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने र्ई-केवाईसी नहीं करवाने वाले उपभोक्ताओं को अब मुफ्त राशन के लाभ से वंचित करने का निर्णय किया है। विभाग ने राशन सामग्री प्राप्त कर रहे जिले के समस्त उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी कराने के निर्देश दिए हैं। अब 30 नवंबर तक ई-केवाईसी नहीं करवाने पर वंचित सभी चयनित उपभोक्ताओं के नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से हटा दिए जाएंगे। इसके बाद इन उपभोक्ताओं को मुफ्त गेहूं मिलने की सुविधा बंद हो जाएगी। जिला रसद अधिकारी ने सभी पात्र उपभोक्ताओं से उचित मूल्य दुकानदार से सम्पर्क कर पोस मशीन के माध्यम से ई-केवाईसी पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।
अपात्रों के कारण पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने लाभार्थियों की लिमिट तय कर रखी है। इसलिए जरूरतमंदों के नाम भी नहीं जुड़ पा रहे हैं। अब इन अपात्रों को हटाकर जरूरतमंदों को इसका लाभ देना चाहिए।
-रोशनी बाई, लाभार्थी
एनएफएसए में अपात्र उपभोक्ता राशन डीलर से आवेदन प्राप्त करके स्वैच्छा से योजना का लाभ छोड़ सकते हैं। छंटनी अभियान के दौरान अपात्र की जद में आने पर राज्य सरकार के निर्देशानुसार कानूनी और राशि वसूली की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
-संध्या सिन्हा, प्रवर्तन निरीक्षक, रसद विभाग कोटा
फैक्ट फाइल
- जिले में कुल लाभार्थी 9,07,495
- जिले में बीपीएल लाभार्थी 245068
- जिले में नॉन बीपीएल लाभार्थी 633227
- जिले में अंत्योदय लाभार्थी 29429
- जिले में कुल राशनकार्ड 2,43,551
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