सरकार की कार्रवाई से डरे अपात्र, करने लगे सरेंडर
कोटा जिले में 20 अपात्रों ने खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाया नाम
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं वंचितों और पात्र लोगों को मिले, इसके लिए राज्य सरकार ने गिव अप अभियान शुरू किया है।
कोटा। अपात्र होने के बावजूद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वा कर मुफ्त गेहूं लेने वाले लाभार्थियों ने अब सरेंडर करना शुरू कर दिया है। खाद्य सुरक्षा योजना की सूची से नाम हटवाने के लिए अपात्र लाभार्थी राशन डीलरों के पास पहुंचने लगे हैं। राज्य सरकार के गिव अप अभियान के कारण ऐसा हुआ है। सरकार की कार्रवाई के डर से अपात्र योजना से अपना हटवाने लगे हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं वंचितों और पात्र लोगों को मिले, इसके लिए राज्य सरकार ने गिव अप अभियान शुरू किया है। इस अभियान के दौरान सक्षम व्यक्ति अपना नाम 31 जनवरी 2025 तक खाद्य सुरक्षा सूची से हटवा सकता है। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोटा जिले में अब तक 20 अपात्रों ने आवेदन कर खाद्य सुरक्षा योजना से अपना नाम हटवा लिया है।
राशन की दुकानों पर लगेंगे पोस्टर
विभागीय अधिकारियों के अनुसार गिव अप अभियान की जानकारी देने के लिए उचित मूल्य की दुकानों पर पोस्टर भी लगाए जाएंगे। स्वैच्छा से नाम हटवाने वालों की जगह वंचितों और पात्र लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची में जोड़े जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि गिव अप अभियान की समीक्षा के दौरान नाम हटाने के दो कारण नजर आए हैं। पहला कारण तो यह कि जो लोग सक्षम हैं, वह अपने नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवा लेंगे। दूसरा कारण यह नजर आया कि बहुत से राशन कार्डों में फर्जी नाम हैं। उदाहरण के तौर पर परिवार में वास्तविक सदस्य संख्या तो चार ही है, लेकिन राशन कार्ड में संख्या 6 या इससे अधिक दिखा रखी है। ई-केवाईसी अभियान में ऐसे नाम स्वत: ही हट जाएंगे।
फैक्ट फाइल
जिले में कुल लाभार्थी 9,07,495
जिले में बीपीएल लाभार्थी 245068
जिले में नॉन बीपीएल लाभार्थी 633227
जिले में अंत्योदय लाभार्थी 29429
जिले में कुल राशनकार्ड 2,43,551
...तो पूरी हो जाएगी राज्य की सीमा
विभागीय अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 9 के तहत राज्य की सीमा 4 करोड़ 46 लाख है। अभी जुलाई से लेकर सितंबर तक नए नाम जोड़ने का अभियान चलाया गया तो 12 लाख नए नाम जोड़े गए। इनमें विशेष योग्यजन के अलावा विवाहिताएं और बच्चे शामिल हैं। इन्हें मिलाकर राज्य की सीमा 4 करोड़ 44 लाख हो गई है। इनमें से 3 करोड़ 80 लाख की ई-केवाईसी हो चुकी है। प्रदेश में अभी भी 64 लाख ऐसे व्यक्ति हैं, जिनकी ई-केवाईसी नहीं हुई है। ई-केवाईसी नहीं करवाने वालों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटा कर नए नाम जोड़े जाएंगे। नए नाम जुड़ने से राज्य की जो सीमा है वह पूरी हो जाएगी।
इनको माना अपात्र, भरना होगा फार्म
रसद विभाग के अधिकारियों के अनुसार पात्र नहीं होने पर भी जो लोग 31 जनवरी तक खाद्य सुरक्षा सूची से नाम नहीं हटवाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चौपहिया वाहन (ट्रैक्टर और सभी प्रकार के वाणिज्य वाहनों को छोड़ कर) मालिक, आयकर रिटर्न भरने वाले और सरकारी कर्मचारियों को अपात्र माना गया है। ऐसे लोग स्वैच्छा से 31 जनवरी तक अपने नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवा लेते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। उसके बाद खाद्य सूरक्षा सूची की गहराई से जांच करवा कर ऐसे लोगों का पता लगाया जाएगा और फिर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खाद्य सुरक्षा योजना सूची से स्वैच्छा से नाम हटवाने वालों को एक फार्म भरना होगा। यह फार्म सभी उचित मूल्य की दुकानों पर उपलब्ध करवाए गए हैं। यह फार्म भर कर देने वालों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हट जाएंगे।
अपात्रों के कारण पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने लाभार्थियों की लिमिट तय कर रखी है। इसलिए जरूरतमंदों के नाम भी नहीं जुड़ पा रहे हैं। अब इन अपात्रों को हटाकर जरूरतमंदों को इसका लाभ देना चाहिए।
-मुरारीलाल, निवासी सूरसागर
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं वंचितों और पात्र लोगों को मिले, इसके लिए राज्य सरकार ने गिव अप अभियान शुरू किया है। इस अभियान के दौरान सक्षम व्यक्ति अपना नाम 31 जनवरी 2025 तक खाद्य सुरक्षा सूची से हटवा सकता है। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-संध्या सिन्हा, प्रवर्तन अधिकारी, रसद विभाग कोटा
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