जेजेएम घोटाला : एसीबी की SIT ने पांच आरोपी किए गिरफ्तार, सभी लोगों की मिलीभगत होने के मिले साक्ष्य
पीएचईडी अधिकारियों से वार्ता कर 2 लाख बीस हजार रुपए की घूस ली
एसीबी डीजी गोविन्द गुप्ता ने बताया कि एसीबी ने जल जीवन मिशन के सभी मामलों की जांच व सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश करने के लिए एक एसआईटी का गठन किया है। जिसमें एएसपी हिमांशु कुलदीप, भूपेन्द्र, महावीर प्रसाद शर्मा शामिल हैं।
जयपुर। जल जीवन मिशन (जेजेएम) घोटाले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने बुधवार को पांच आरोपियों महेश कुमार मित्तल, (प्रोपराइटर गणपति ट्यूबवेल), हेमन्त मित्तल उर्फ गोलू पुत्र महेश कुमार मित्तल, उमेश कुमार शर्मा मैनेजर लाइजनिंग ऑफिसर (श्याम ट्यूबवेल), गोपाल कुमावत तत्कालीन लेखाधिकारी पीएचईडी, पीयूष जैन पुत्र पदम चन्द जैन (प्रोपराइटर श्याम ट्यूबवेल) को गिरफ्तार कर लिया।
यह था मामला
एसीबी ने जेजेएम घोटाले में मुकदमा नम्बर 215/23 दर्ज किया था, जिसमें श्याम ट्यूबवेल, पदम चन्द जैन प्रोपराइटर व गणपति ट्यूबवेल, महेश कुमार मित्तल प्रोपराइटर, माया लाल सैनी पीएचईडी के अधिशाषी अभियंता खण्ड बहरोड, राकेश चौहान सहायक अभियंता उपखण्ड नीमराना और प्रदीप कुमार कनिष्ठ अभियंता उपखण्ड नीमराना से मिलीभगत कर जल जीवन मिशन प्रोजेक्ट में निविदा संख्या 15/21-22 व 33/21-22 प्राप्तकर्ता फर्म मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवेल एवं श्री श्याम ट्यूबवेल के प्रोपराइटर्स और पीएचईडी के कर्मचारियों की मिलीभगत कर प्राप्त किया था। इन्होंने कार्य में अनियमितता और घटिया कार्य कर मनमानी तरीके से मेजरमेन्ट बुक भरकर राजकोष से करोड़ों रुपए प्राप्त किए। इन सभी लोगों की आपसी फोन कॉल की बातचीत एसीबी ने रिकॉर्ड की थी, जिसमें इनकी मिलीभगत होने के साक्ष्य मिले हैं।
एसआईटी कर रही है जांच
एसीबी डीजी गोविन्द गुप्ता ने बताया कि एसीबी ने जल जीवन मिशन के सभी मामलों की जांच व सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश करने के लिए एक एसआईटी का गठन किया है। जिसमें एएसपी हिमांशु कुलदीप, भूपेन्द्र, महावीर प्रसाद शर्मा शामिल हैं। इस घोटाले में एसीबी ने पूर्व में भी छह व्यक्तियों के यहां औचक निरीक्षण किया था, जिनके विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया गया। इस मामले में अन्य आरोपी फरार थे। आरोपी महेश, हेमन्त, उमेश, गोपाल, पीयूष को आज अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार कर लिया। इन सभी ने पूर्व में पीएचईडी अधिकारियों से वार्ता कर 2 लाख बीस हजार रुपए घूस के लिए थे।

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