टाइगर से चीते तक के खून से सने हाईवे और रेलवे ट्रेक, जंगल में तीन तरफ से मौत का जाल
टाइगर रिजर्व व वनमंडल के जंगलों से गुजर रही रेलवे ट्रैक व हाईवे - करंट
रफ़्तार की बली चढ़ रहे शेड्यूल - 1 के वन्यजीव: मुकुंदरा व रामगढ़ टाइगर रिजर्व के वन्यजीवों को ट्रक और ट्रेनो ने रौंदा।
कोटा। मुकुंदरा और रामगढ़ टाइगर रिजर्व से गुजरते नेशनल हाइवे और रेलवे ट्रेक वन्यजीवों की अकाल मौत का कारण बन रहे हैं। भोजन-पानी की तलाश में जंगल से बाहर निकलते ही बेजुबान जानवर सड़कों पर तेज रफ्तार ट्रकों और पटरियों पर दौड़ती ट्रेनों की चपेट में आ रहे हैं। हालात इतने भयावह हैं कि बीते पांच वर्षों में यहां 51 से ज्यादा वन्यजीव अकाल मौत का शिकार हो चुके हैं। इतना ही नहीं, लापरवाही का आलम यह है कि हाल ही में मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से निकले चीते की बारां जिले से गुजर रहे आगरा-मुंबई हाइवे के शिवपुरी लिंक रोड पर अज्ञात कार की टक्कर से दर्दनाक मौत हो गई। इसके बावजूद बेजुबान वन्यजीवों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कागजों से आगे नहीं बढ़ पाए। जबकि, अकाल मृत्यु के शिकार हुए वन्यजीवों में अधिकतर शेड्यूल वन श्रेणी के हैं। इन वन्यजीवों को भी सुरक्षा का उतना ही अधिकार प्राप्त है, जितना टाइगर को। इसके बावजूद वन अधिकारियों द्वारा इनकी सुरक्षा में कोताही बरती जा रही है।
51 से ज्यादा वन्यजीवों को ट्रेन-ट्रकों ने कुचला
मुकुंदरा व रामगढ़ टाइगर रिजर्व में वर्ष 2019 से 2025 तक टाइगर, पैंथर, भालू व मगरमच्छ, हायना सहित 50 से ज्यादा वन्यजीवों की सड़क व रेल दुर्घटनाओं में दर्दनाक मौत हो चुकी है। वहीं, वन्यजीव विभाग के अधीन सेंचुरी में भी वन्यजीव सुरक्षित नहीं है। यहां वर्ष 2023 व 24 में मगरमच्छ व मादा नील गाय को हाइवे पर बेलगाम दौड़ते भारी वाहन कुचल गए। बेजुबानों की दर्दनाक मौत के बावजूद वन अधकारियों द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। अकाल मृत्यु में सर्वाधिक संख्या पैंथर की है।
इधर, ट्रेन से कटा टाइगर, उधर कार ने कुचला चीता
मुकंदरा टाइगर रिजर्व के दरा रेंज से गुजर रही रेलवे ट्रेक वन्यजीवों के लिए मौत का ट्रैक बनती जा रही है। वर्ष 2003 में रणथम्भौर से चलकर मुकुंदरा आया ब्रोकन टेल टाइगर की ट्रेन की टक्कर से मौत हो गई थी। वहीं, हाल ही में एनक्लोजर से बाहर निकली कनकटी भी कुछ मिनटों के लिए दरा रेलवे ट्रेक पर आ गई थी। इसके बाद वह पूरी रात ट्रेक के पास झाड़ियों में बैठी रही। जिससे उसकी जान को खतरा था। इधर, आठ दिन पहले गत 7 दिसम्बर को बारां जिले से गुजर रहे आगरा-मुंबई हाइवे के शिवपुरी लिंक रोड पर कूनो नेशनल पार्क से आया चीते को कार कुचल गई। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
11 केवी लाइन गिरी, करंट से लेपर्ड परिवार खत्म
मुकुंदरा व रामगढ़ टाइगर रिजर्व के बीच डाबी के डसालिया वनखंड से गुजर रही 11 केवी बिजली का तार टूटकर गिर गया। करंट की चपेट में आने से लेपर्ड का पूरा परिवार खत्म हो गया। यहां नर व मादा लेपर्ड के साथ दो शावकों की भी मौत हो गई थी। वहीं, 4 नेवलों की भी करंट की चपेट में आने से मुत्यु हो गई। इसी तरह 12 दिसम्बर 2023 को नेशनल हाइवे 148-डी पर अज्ञात भारी वाहन ने 1 वर्षीय मादा पैंथर को रौंद दिया।
ट्रेन की टक्कर से भालू के हो गए दो टुकड़े
12 जनवरी 2020 को मुकुंदरा में दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन पर ट्रेन से कटकर 12 वर्षीय नर भालू की दर्दनाक मौत हो गई थी। ट्रेन की रफ्तार से भालू के शरीर के दो टुकड़े हो गए थे। यह दुर्घटना कमलपुरा स्टेशन के पास रेलवे लाइन पर डॉट के मोखे के ऊपर हुआ था।
यह वन्यजीव हुए अकाल मौत के शिकार
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व : ब्रोकन टेल टाइगर, पैंथर, नर व मादा भालू, जरख, सियार, मगरमच्छ, मादा नील गाय, सांभर, चीतल, मोर, जंगली बिल्ली सहित अनेक जानवरों की ट्रेन व भारी वाहनों की टक्कर से मौत हो गई। इनमें से अधिकतर जानवरों की मौत पटरी पार करते हुए ट्रेन की चपेट में आने से हुई है।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व : पैंथर, जंगली सूअर, नर व मादा नील गाय (बच्चा), मोर, मादा सांभर, सियार, चीतल शामिल हैं। यह तो वो एनीमल हैं, जिनकी मौत रिकॉर्ड में दर्ज हैं, इसके अलावा कई एनीमल तो ऐसे हैं, जिनकी मौत का कोई रिकॉर्ड ही नहीं है।
वाइल्ड लाइफ कोटा : वन्यजीव विभाग के अधीन अभयारणयों से मगरमच्छ व मादा नील गाय की मौत हुई है। यहां जंगलों से सटकर निकल रहे नेशनल, स्टेट व मेगा हाइवे गुजर रहे हैं। जिन्हें पार करते हुए मौत के शिकार हो गए।
आंकड़ों में देखिए, ट्रेन से पैंथरों की दर्दनाक मौत
- 5 मार्च 2023 को रामगढ़ टाइगर रिजर्व में भीमलत के पास बूंदी-चित्तौड़गढ़ रेलवे लाइन पर नर पैंथर की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी।
- 22 जनवरी 2021 को भीमलत के पास जालंधरी-श्रीनगर स्टेशन के बीच मादा पैंथर ट्रेन की चपेट में आ गई थी। जिससे उसका दम टूट गया।
- 11 मार्च 2021 को भीमलत के जंगलों में सीताकुंड वनक्षेत्र के जैतपुरा बांध के पास नर पैंथर की मौत हो गई।
- 30 अक्टूबर 2019 को भारी वाहन ने 7 माह के पैंथर शावक को हाइवे पर कुचल दिया।
-15 दिसम्बर 2025 : कोटा चित्तौड़ नेशनल हाइवे पर अज्ञात वाहन ने 4 वर्षीय मादा पैंथर को कुचल दिया। स्थिति नाजुक बनी हुई है।
इनका कहना है
रामगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों के लिए पर्याप्त भोजन-पानी की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में जंगल से बाहर निकलने पर रेलवे ट्रैक पार करते वक्त ट्रेन या हाइवे पार करते समय भारी वाहनों की चपेट में आने से जान गंवा बैठते हैं। बिजौलिया से करोंदी टोल के पास भालू की दुर्घटना में मौत होती रहती है। कई जगह से रिजर्व की दीवारें टूटी हुई हैं। यहां प्रोपर गश्त नहीं होती। जिसकी वजह से वनकर्मियों को वन्यजीवों की मौत का पता ही नहीं लग पाता। इनका मुखबिर तंत्र भी कमजोर है। फोरस्ट अधिकारियों को स्थानीय लोगों को साथ लेकर बेजुबानों की जान बचाने के प्रयास करना चाहिए।
-विट्ठल सनाढ्य, वन्यजीव विशेषज्ञ बूंदी
जब भी फोरेस्ट की तरफ से रेलवे ट्रैक के आसपास वन्यजीव के मूवमेंट की जानकारी मिलती है तो ट्रेनों की स्पीड कम कर दी जाती है। पटरियों के पास व पीछे की ओर क्रेश बेरियर वॉल बनाई गई है। हालांकि, कुछ जगहों पर छुटी हुई है। लेकिन, मथूरा से नागदा तक क्रेश बेरियर वॉल का काम चल रहा है।
-सौरभ जैन, सीनियर डीसीएम रेलवे कोटा
वाइल्ड लाइफ में नए प्रोजेक्ट पर कई कंडीशन लगाते हैं, जिसमें एलीवेटेड रोड व टनल बने, अंडर पास बने। वहीं, लोकल सर्विस रोड की मरम्मत की मंजूरी के दौरान अधिक ब्रेकर बनवाते हैं, जिससे वाहनों की गति कम रहे और वन्यजीव को सड़क पार करने को समय मिल सके। इसके अलावा जहां कहीं इस तरह की घटनाएं होती है तो उसके संबंध में हाई आॅथोरिटी से बात कर उचित उपाए करवाएंगे।
-सुगनाराम जाट, सीसीएफ मुकुंदरा टाइगर रिजर्व

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