सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे मौत के यमदूत
ट्रैक्टर ट्रॉली, आॅटो, लोडिंग वाहन, ई-रिक्शों में हो रहा परिवहन
ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की आंखों के सामने से गुजर रहे मौत के सौदागर
क ोटा। शहर के व्यस्तम चौराहों व सड़कों पर बेधड़क यमदूत दौड़ रहे हैं। जिनके पीछे चलने वाले वाहन चालकों की जान खतरे में रहती है। क्योंकि, व्यस्तम मार्गों पर छोटे-बड़े वाहनों में लोहे के नुकीले सरिये, एंगलें व धारधार चददरें ले जाई जा रही हैं। जिससे पीछे चलने वाले वाहन चालकों की जान संकट में रहती है। हालात यह हैं कि चौराहों पर ट्रैक्टर- ट्रॉलियां, आॅटो, पिकअप, ई-रिक्शा लोडिंग वाहन ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की आंखों के सामने बेखौफ दौड़ रहे हैं। मोटर व्हीकल एक्ट की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही और जिम्मेदार आंखें मूंदे पड़े हैं। जबकि, नियमानुसार इस तरह की सामग्री पर लाल कपड़ा बांधना जरूरी होता है लेकिन यहां नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। सरियों के लटकते नुकीले पिछले हिस्सों को कवर नहीं किया जाता और न ही किसी तरह के कपड़ों से लपटे जाता। सरिए ले जा रहे वाहनों के अचानक बे्रक लगने से पीछे चलने वाले वाहन चालकों के शरीर के आर-पार हो सकते हैं। ऐसे में उनकी जान भी जा सकती है। इसके बावजूद गंभीर लापरवाही बरतने वाले यमदूतों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग के कारिंदे कार्रवाई नहीं कर रहे।
2-2 फीट वाहन से बाहर निकले रहे सरिए
शहर के व्यस्तम मार्गों से गुजर रहे वाहनों में लोहे की एंगले, सरिये व चद्दरें करीब 1 से 2 फीट तक बाहर निकले रहते हैं। शुक्रवार को घोड़ा सर्किल से गुजर रहे लोडिंग वाहन में इतने नुकीले सरिये थे कि पीछे वाले व्यक्ति के टच भी हो जाए तो गंभीर हादसा होना तय है। जबकि, इस चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के सिपाही व होमगार्ड्स भी तैनात रहते हैं, इसके बावजूद इन वाहन चालकों पर कार्रवाई नहीं होती।
बाल-बाल बची वाहन चालक की जान
झालावाड़ रोड पर एयरपोर्ट के समीप डीसीएम लिंक रोड की तरफ वाले कट पर शनिवार देर शाम 7 बजे सिमेंट के पाइप लिए टैÑैक्टर ट्रॉली गुजर रही थी। तभी उसने लिंक रोड स्थित क्रोसिंग कट पर ट्रैक्टर घुमाया तो पिछले हिस्से की ट्रॉली आधी रोड पर घूम गई। ऐसे में पीछे से आ रहे कार सवार के ब्रेक लगाने पर वह सीमेंट के पाइप से टकराते हुए बाल-बाल बचा। वहीं, सड़क के डिवाइडर वाले हिस्से की तरफ लंबा जाम लग गया।
जरा सी चूक और जान का खतरा
वाहन चालक अनिल गुप्ता, गिरीश अग्रवाल, महेंद्र सिंह का कहना है, सीएडी सर्किल, घोड़ा चौराहा रावतभाटा रोड, सब्जीमंडी क्षेत्र, गुमानपुरा चौराहा, और एयरोड्रम सर्किल से प्रतिदिन बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, आॅटो, पिकअप, लोडिंग रिक्शा वाहनों में सरिया, एंगलें, पाइप, टीन चद्दरों का धड़ल्ले से परिवहन किया जा रहा है। जबकि, इन मार्गों पर वाहनों का दबाव अधिक रहता है। इन वाहनों में सरिए आधे वाहनों से बाहर निकले रहते हैं। ऐसे में इनके अचानक ब्रेक लगने से पीछे चलने वाले वाहन चालकों के शरीर में घुसने का खतरा रहता है।
सरियों पर लाल कपड़ा भी नहीं
शहर के अंदरुनी इलाकों में निर्माण सामग्री लेकर जा रहे वाहन चालक सरियों, एंगलें व टीन चद्दरों पर लाल कपड़ा तक नहीं बांधते। जबकि, नियमोें के अनुसार यह सामग्री वाहन की बॉडी से बाहर नहीं निकलनी चाहिए और लाल रंग का कपड़ा लटका कर ले जाना होता है ताकि पीछे चल रहे वाहन चालक समझ सके कि आगे चल रहे वाहन से खतरा है। लेकिन, शहर में बिना लाल कपड़े बांधे खतरनाक सामग्री का परिवहन हो रहा है।
नियमों की उड़ी धज्जियां, मूक दर्शक बने जिम्मेदार
शहर में सकतपुरा स्थित नाकाचुंकी रोड पर सीमेंट के खंभे लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली गुजरती नजर आई। इसी तरह नयापुरा स्थित अग्रसेन चौराहे पर एक वाहन में लोहे की चद्दरे लेकर जा रहा था। वहीं, गुमानपुरा स्थित न्यू कॉलोनी इलाके में भी लोहे की चद्दर ले जाते मेटाडोर दिखाई दिया। इसके अलावा सीएडी सर्किल स्थित अम्बेडकर भवन के पास से लोडिंग वाहन में लोहे के सरिए ले जा रहा था। जबकि, यह मार्ग शहर का व्यस्तम मार्ग है। ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है।
ये है मोटर व्हीकल एक्ट
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार लोडिंग किए जाने वाली सरिये सहित अन्य सामग्री वाहनों से बाहर नहीं निकलना चाहिए। लोहे के सरिया को वाहन में परिवहन करते समय बंधे होने हो और उनके नूकीले हिस्से को कपड़े से बंधे होने चाहिए ताकि, ब्रेक लगने पर पीछे चलने वाले अन्य वाहन चालक को चोट न लगे। वाहन में पीछे की ओर रेड सिग्नल के रूप में लाल कपड़ा व रिफ्लेक्टर बंधा होना चाहिए। ताकि, रात को भी पीछे चलने वाले वाहन चालकों को दिखाई दे।
इनका कहना है
लाल रंग का कपड़ा बांधने व गाइड लाइन के अनुसार ही निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों के परिवहन का प्रावधान है। मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकोें के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। यातायात व्यवस्था बेहतर बनाने के प्रयास लगातार जारी है।
- पूरण सिंह, ट्रैफिक इंस्पेक्टर, यातायात पुलिस
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