भ्रामक विज्ञापन वाले कोचिंग संस्थानों की खैर नहीं, सीसीपीए ने रोक लगाने के लिए जारी की गाइडलाइंस
उपभोक्ताओं को गुमराह करते हैं
सीसीपीए ने इस तरह के मामलों में अब 50 लाख तक का जुर्माना लगाया है और जरूरत पड़ने पर लाइसेंस भी रद्द करने का प्रावधान किया है।
नई दिल्ली। भ्रामक विज्ञापन देने वाले कोचिंग संस्थानों की अब खैर नहीं होगी। भ्रमित करने वाले इन विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने गाइडलाइंस जारी की है। सीसीपीए ने इस तरह के मामलों में अब 50 लाख तक का जुर्माना लगाया है और जरूरत पड़ने पर लाइसेंस भी रद्द करने का प्रावधान किया है।
सीसीपीए को यह जानकारी मिली थी कि कुछ कोचिंग संस्थान सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम की अवधि और उम्मीदवारों द्वारा भुगतान की गई फीस के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर उपभोक्ताओं को गुमराह करते हैं। इस तरह के मामलों को रोकने के उद्देश्य से ये गाइडलाइंस जारी की गई हैं। सीसीपीए ने 45 कोचिंग सेंटरों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की और भ्रामक विज्ञापनों के लिए 18 कोचिंग संस्थानों पर 54,60,000 रुपए का जुर्माना लगाया है।
गाइडलाइन में क्या
- गाइडलाइंस में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर, उनके एंडोर्समेंट, विज्ञापन और क्लेम्स की पूरी परिभाषा स्पष्ट होनी चाहिए।
- कोर्स से जुड़े फर्जी क्लेम, कोर्स की समय अवधि, फ्री इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम, कोर्स छोड़ने के नियम और शर्तें, सक्सेस से जुड़े गलत क्लेम, अलग अलग परीक्षाओं से जुड़े अस्पष्ट और भ्रामक क्लेम, सीट भरने वाली है जैसी फॉल्स एजेंसी का विज्ञापन आदि ऐसे तमाम दावे अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस हैं।
- सफल बच्चों के फोटो और डाटा को इस्तेमाल कर रहे हैं तो लिखित कंसेंट जÞरूरी होगा।
- डिस्क्लेमर को स्पष्ट रूप से दिखना जरूरी, पहली स्लाइड पर ये जानकारी देना अनिवार्य होगा।
- कोचिंग सेंटर, उसकी डीटेल्स, मौजूद सुविधाएं, सेफ्टी से जुड़े उपाय, वहां का माहौल और सुरक्षा, एक समय में कितने छात्र बैठने की सुविधा है, आदि जानकारी देनी होगी।
- किसी आपात स्थिति में एग्जिट की क्या सुविधा है, क्या लोकल अॅथोरिटी से सभी जरूरी अनुमति मिली है? ये सब कुछ बताना जरूरी होगा।
क्या एक्शन हो सकता है
एक लाख तक जुर्माना लगातार वॉयलेशन पर 50 लाख तक जुर्माना, लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
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