50 हजार की डिग्री अब 19 हजार में मिलेगी

सरकारी कॉलेजों में पहली बार शुरू हुए बीसीए व बीबीए डिग्री कोर्स

50 हजार की डिग्री अब 19 हजार में मिलेगी

गवर्नमेंट साइंस में बीसीए व कॉमर्स कॉलेज में बीबीए की मिली सौगात

कोटा। युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार ने शहर के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेशनल कोर्सेज शुरू कर दिए हैं। ताकि, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थी महंगी फीस के कारण व्यवसायिक शिक्षा से वंचित न रहे और इंडस्ट्री की डिमांड के अनुरूप अपनी कार्य क्षमता को निखार सके। साथ ही वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुरूप प्रोफेशनल एम्पलोइज बन आजीविका चलाने में सक्षम बन सके।  सरकार की इस पहल से मध्यम व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को संबल मिलेगा। दरअसल, प्राइवेट कॉलेजों में प्रोफेशनल कोर्सेज की महंगी फीस को देखते हुए सरकार ने राजकीय महाविद्यालयों में रोजगारोन्नमुखी कोर्सेज शुरू किए हैं। गवर्नमेंट कॉलेज कोटा में बैचलर आॅफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) व   राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय में बैचलर आॅफ बिजनेस एडमिनेस्ट्रेशन (बीबीए) की सौगात दी है। 

सरकारी में 6 तो निजी कॉलेज में 17 हजार सालाना फीस
गवर्नमेंट कॉलेज कोटा की प्राचार्य प्रो. प्रतिमा श्रीवास्तव कहतीं हैं, सरकार ने बैचलर आॅफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) डिग्री कोर्स की सौगात दी है। सरकारी कॉलेज में बीसीए की सालाना फीस साढ़े 6 हजार है, जबकि प्राइवेट कॉलेज में 17 हजार है। ऐसे में निजी इंस्टीट्यूड में तीन साल की फीस 50 हजार से ऊपर पहुंच जाती है और सरकारी में 17 हजार में ही डिग्री पूरी हो जाएगी। इसके अलावा यहां इंडस्ट्री विजिट, एक्सपर्ट गेस्ट लेक्चर, विषय-विषयज्ञों से सेमिनार सहित पर्सनालटी व स्किल डवलपमेंट एक्टिविटी भी कैरिकुलम में शामिल की गई है। ताकि, कोर्स पूरा होने तक विद्यार्थी मार्केट की आवश्यकता के अनुसार प्रोफेशनल एम्पलोइज के रूप में तैयार हो सके।  

व्यवसायिक शिक्षा से निखरेगा कौशल
शिक्षाविदें का कहना है, निजी कॉलेजों में व्यवसायिक प्रोफेशनल कोर्सेज की फीस काफी महंगी होती है, जिसकी वजह से आर्थिक रूप से कमजोर तथा मध्यम वर्ग के विद्यार्थी बीसीए व बीबीए जैसे प्रोफेशन कोर्स नहीं कर पाते और रोजगार की दौड़ में पिछड़ जाते हैं। सरकार द्वारा सरकारी कॉलेजों में इन कोर्सेज को शुरू करना उच्च शिक्षा की दिशा में सहरानीय कदम है। यहां मामूली फीस में बेहतर साधन-संसाधनों व क्वालीफाइड फैकल्टी के साथ प्रोफेशनल कोर्स कर मल्टीनेशनल कम्पनियों में जॉब पा सकेंगे। सरकार के इस प्रयास से न केवल छात्रों का कौशल निखरेगा बल्कि रोजगार की दिशा में भी आगे बढ़ेंगे। विद्यार्थी खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकेंगे। 

यूजीसी मापदंडों पर शिक्षकों का चयन
कॉलेज शिक्षा के सहायक क्षेत्रिय अधिकारी डॉ. गीताराम शर्मा ने बताया कि गवर्नमेंट कॉलेज में बीसीए की विद्या संबल पर तीन फैकल्टी लगाई गई है। शिक्षकों का चयन यूजीसी के तय मापदंड  पर ही की जाती है। जिसमें पीएचडी, नेट या सलेट क्वालिफाइड अभ्यर्थियों का ही चयन किया जाता है। ऐसे में सरकारी कॉलेज में वेल क्वालिफाइड शिक्षक हैं, जो विद्यार्थियों को कम्प्यूटर पढ़ा रहे हैं। इसके अलावा सरकार के रिसोर्सेज का लाभ भी विद्यार्थियों को रोजगार के रूप में मिलता है।

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लैब व कम्प्यूटर की उपलब्धता भी अधिक
गवर्नमेंट साइंस कॉलेज के पास बड़ी लैब है, जहां 18 से 20 कम्प्यूटर हैं। इसके अलावा कॉलेज प्रशासन ने नई लैब बनाने व कम्प्यूटर सहित अन्य संसाधनों की उपलब्धता के लिए प्रस्ताव बनाकर आयुक्तालय भेजा है। जहां से स्वीकृति मिलते ही हाईटेक लैब तैयार की जाएगी। इसके अलावा प्लेसमेंट सेल भी आईटी कम्पनियों से समनव्य स्थापित कर रही है। 

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इधर, बीबीए की सौगात 
राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय में सरकार ने बैचलर आॅफ बिजनेस एडमिनेस्ट्रेशन (बीबीए) कोर्स खोला है। हालांकि, वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति देरी से मिलने के कारण एडमिशन प्रक्रिया में अनावश्यक देरी हो गई। जिसकी वजह से पर्याप्त एडमिशन नहीं मिल पाए। वर्तमान में 9 सीटें भर चुकी हैं और कोर्स चलाने के लिए 10 विद्यार्थियों का एडमिशन होना जरूरी है। ऐसे में कॉलेज प्रशासन आवेदन करने वाले विद्यार्थियों से समम्पर्क कर कन्वेंस कर रहा है। संभव: इसी माह से यहां बीबीए कोर्स शुरू हो जाएगा।  

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क्या कहते हैं विद्यार्थी
कम फीस में बेहतर सुविधाओं के साथ प्रोफेशनल बीसीए कोर्स करने का मौका मिला है। सरकार की इस पहल से ग्रामीण परिवेश से आने वाले विद्यार्थियों को संबल मिला है और रोजगार की दिशा में यह प्रयास मिल का पत्थर साबित होगा। गवर्नमेंट साइंस कॉलेज प्रशासन ने क्वालिफाइड शिक्षक लगाए हैं। कम्प्यूटर लैब में भी पर्याप्त कम्प्यूटर हैं। नियमित क्लासें लग रही हैं। फेकल्टी भी थ्योरी के बाद प्रेक्टिकल करवाती है। 
-परमेंद्र सिंह, चारू कुमारी, मयंक, छात्र 

प्राइवेट कॉलेजों में बीसीए की तीन साल की फीस 50 हजार से ऊपर जाती है। ऐसे में मध्यम वर्ग के विद्यार्थियों के लिए यह कोर्स कर पाना आसान नहीं होता। गवर्नमेंट साइंस कॉलेज में यह कोर्स खुलने से बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रोफेशनल कोर्सेज कर पाएंगे। शिक्षक लैब में हर डाउट का सॉल्यूशन देते हैं। सरकार को इस तरह के अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज भी शुरू करना चाहिए। 
-रणजीत कुमार, योगेंद्र, आसिफ मंसूरी, छात्र 

बढ़ेगा रोजगार, तैयार होंगे प्रोफेशनल्स  
प्राइवेट कॉलेजों  व इंस्टीट्यूड्स में बीसीए व बीबीए जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज की महंगी फीस होने के चलते कई प्रतिभाशाली विद्यार्थी वंचित रह जाते हैं। जबकि, यह कोर्सेज वर्तमान की आवश्यकता है। सरकारी हो या प्राइवेट सेक्टर हर जगह सभी कार्य आॅनलाइन हो गए हैं। ऐसे में मार्केट में आईटी प्राफेशनल की डिमांड बढ़ गई। वहीं, कई कम्पनियां खुदरा व्यवसाय में कई प्रोजेक्ट चला रही है। जिससे मैनेजमेंट एम्पलोइज की भी आवश्यकता बढ़ी है। ऐसे में सरकार ने सरकारी कॉलेजों में बीसीए व बीबीए जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज शुरू किए हैं, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। 
-प्रो. गीताराम शर्मा, क्षेत्रिय सहायक निदेशक, कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय कोटा

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