अरनेठा स्कूल में कृषि संकाय की दरकार
विद्यार्थी कोटा, बूंदी और जयपुर जाने को मजबूर
22 साल से स्कूल में मात्र कला संकाय
अरनेठा। कस्बे में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पिछली 22 सालों से कला संकाय चल रहा है। कस्बे का दर्जनों गांवों से जुड़ाव होने एवं संचित कृषि क्षेत्र होने के कारण कस्बे में कृषि संकाय की सख्त आवश्यकता हैं। आर्थिक संपन्न परिवार के बच्चे कोटा, बूंदी, जयपुर जाकर अपना इच्छित विषय लेकर अध्ययन कर रहे हैं लेकिन गरीब परिवार के बच्चे ठीक प्रकार से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। ऐसे में कस्बे में कृषि संकाय होना अति आवश्यक है। संजू सैनी ने बताया संपूर्ण क्षेत्र कृषि से जुड़ा हुआ है। क्षेत्र के सभी किसान ज्यादातर कृषि पर निर्भर हैं। प्रारंभ से ही अरनेठा कस्बा सहित क्षेत्र कृषि प्रधान रहा है। समय के साथ शिक्षा ने कदम रखा और अपना प्रभाव दिखाया। कुछ व्यक्ति सरकारी नौकरियों में पहुंचने लगे लेकिन वर्तमान समय को देखते हुए किसान आज भी कृषि के मामले में दक्षता हासिल नहीं कर पाए हैं। ज्यादातर किसान वही परंपरागत तरीके अपनाकर अपना-अपना कृषि कार्य कर रहे हैं। कुछ मामले ऐसे हैं जिनमें सरकार लगातार किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है लेकिन अज्ञानता के कारण कुछ किसान उन कार्यों को अमल में नहीं ला रहे हैं। जिसका दुष्प्रभाव धीरे-धीरे प्रारंभ हो गया है। वर्तमान समय हालातों को देखते हुए अब किसानों को कृषि के प्रत्येक कार्यों में दक्षता की सख्त आवश्यकता हैं एवं उनके द्वारा किए जा रहे कृषि कार्यों से होने वाले प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी की रखने की आवश्यकता हैं ताकि उनके कार्य प्रकृति एवं जीव जंतु ,मानव के लिए हितकारी हो ऐसे में कस्बे के विद्यालय में एक कृषि संकाय की सख्त आवश्यकता हैं। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सन 2002 में बना था। तब से विद्यालय में कला संकाय चल रहा हैं। वर्तमान में विद्यालय में कुल 329 बच्चे हैं एवं कक्षा 12 में 47 बच्चे अध्ययनरत हैं। कृषि संकाय होने से क्षेत्र के बच्चों को प्रारंभ से ही कृषि की सूक्ष्म जानकारियां प्राप्त हो जाएगी और कृषि में नवाचार होंगे। जैविक खेती ठीक प्रकार से जानेंगे और सही तरीके अपनाकर उनके लाभ प्राप्त करेंगे । जिम्मेदारों से आग्रह हैं। उचित प्रयास कर कस्बे में कृषि संकाय खोल कर राहत प्रदान करे। इसी प्रकार किसान नरेंद्र गौतम , गोविंद गुर्जर, महावीर सुमन, घनश्याम मालव, प्रभुलाल मालव, कन्हैयालाल मेघवाल, जितेंद्र सुमन, मोनू धाभाई, भंवरलाल सुमन,चतुर्भुज श्रृंगी, सत्यनारायण सुमन, किशन माली, महेंद्र महावर, रमेश गोचर, रूक्मणी बाई गुर्जर, दीपक सुमन , सुरेंद्र सुमन आदि किसानों ने भी विद्यालय में कृषि संकाय की मांग की है।
अरनेठा क्षेत्र के अरनेठा मुख्यालय पर कृषि संकाय खोलने की सख्त आवश्यकता है। अशिक्षित किसान और शिक्षित किसान में बहुत बड़ा अंतर होता है। चंबल सिंचित क्षेत्र हैं। यहां अनेक प्रकार की फैसले मुख्यत: गेहूं ,चना, मटर, गन्ना, जौ आदि बोई जाती है । कृषि संकाय बेरोजगार युवाओं जो उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं। वह खेती में लग जाते हैं उनके लिए वरदान साबित हो सकती है । इससे वह कृषि का ज्ञान अर्जित करेंगे। उस ज्ञान का कृषि में उपयोग होगा जाएगा। उनकी आय दुगनी हो जाएगी। अल्प ज्ञान से परंपरागत खेती अब लाभप्रद नहीं है । अंधाधुंध दवाई उपयोग, उर्वरक ,सिंचाई प्रणाली में जागरूकता का अभाव, अच्छे किस्म के बीच की पहचान नहीं कर पाना आदि कार्यों में कृषि की अशिक्षा का ही परिणाम है। इसलिए कस्बे में कृषि संकाय होना चाहिए।
- कन्हैयालाल मीणा,किसान जलोदा
अरनेठा कस्बे में हायर सेकेंडरी के कई दशक हो गए हैं। आज भी मात्र कस्बे के विद्यालय में कला संकाय ही है। क्षेत्र से विधायक, सांसद रह चुके हैं कस्बे में भी खूब जनप्रतिनिधि रह चुके हैं । इस तरफ का ध्यान क्यों नहीं जा पा रहा है । यहां कृषि संकाय की सख्त आवश्यकता है । कृषि संकाय होने से समय एवं पैसों की बचत होगी। आर्थिक संपन्न परिवार के बच्चे कोटा, बूंदी, जयपुर जाकर अपना इच्छित विषय लेकर अध्ययन कर रहे हैं लेकिन गरीब परिवार के बच्चे ठीक प्रकार से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। ऐसे में कस्बे में कृषि संकाय होना अति आवश्यक है।
- रामचंद्र महावर, किसान अरनेठा
कृषि संकाय एक ऐसा संकाय है जो छात्रों को कृषि और खेती के बारे में शिक्षित करता है। इस संकाय के माध्यम से छात्रों को कृषि के विभिन्न पहलुओं जैसे कृषि के बारे में ज्ञान, फसल उगाने और पशुपालन कौशल, कृषि व्यवसाय की बारे में ज्ञान, पर्यावरण के बारे में जागरुकता, स्वावलंबन और आत्मनिर्भर की क्षमता की विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। वर्तमान समय में कस्बे में इसकी अत्यंत आवश्यकता है।
- हरिओम शर्मा, किसान अरनेठा
कृषि नवाचार उत्पन्न होने के लिए जिले में अनेक जगह कृषि संकाय विद्यालय होना बहुत जरूरी है । कृषि जानकारी बढ़ेगी तो नवाचार भी बढ़ेंगे। अंधाधुंध पेस्टिसाइड प्रयोग में कमी आएगी ,जिससे प्राकृतिक संतुलन बना रहेगा। किसान एवं कृषि इच्छुक युवा समय एवं दिन निर्धारित कर ले वह जब चाहेंगे तब इस मामले को हमारे लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष रखेंगे और जल्द से जल्द कृषि संकाय का खुलवाने का प्रयास करेंगे।
- चौथमल सैनी, जिला अध्यक्ष भाजपा ओबीसी मोर्चा बूंदी
इनका कहना है
वर्तमान समय को देखते हुए अब अरनेठा कस्बा विभिन्न क्षेत्र में अच्छी प्रगति कर रहा है। कई वर्षों से विद्यालय में मात्र कला संकाय ही चल रहा है। संपूर्ण क्षेत्र कृषि पर आधारित है। ज्यादातर गांवों का जुड़ाव अरनेठा से हैं। यहां स्कूल में कृषि संकाय की अत्यंत आवश्यकता है। इसके लिए पंचायत की जहां भी आवश्यकता होगी। पंचायत अपना सहयोग करेगी। पंचायत अपने स्तर से भी बड़े जन प्रतिनिधियों से मिलकर कृषि संकाय खुलवाने का प्रयास करेगी।
- बजरंगलाल मेघवाल, सरपंच ग्राम पंचायत अरनेठा
स्कूल से प्रस्ताव बनवाकर हमारे पास भिजवा दें उचित कार्रवाई की जाएगी।
- राजेंद्र व्यास, जिला शिक्षा अधिकारी बूंदी
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