प्राइवेट कॉलेजों के साथ एमओयू कर सरकार देगी क्वालिटी एजुकेशन, निखारेगी प्रतिभाएं

राजस्थान राइजनिंग में अब उच्च शिक्षा भी शामिल

प्राइवेट कॉलेजों के साथ एमओयू कर सरकार देगी क्वालिटी एजुकेशन, निखारेगी प्रतिभाएं

कोटा में 16 निजी महाविद्यालयों ने सरकार से एमओयू करने के प्रस्तावों पर दी मंजूरी।

कोटा। राइजिंग राजस्थान के तहत सरकारी कॉलेजों के सूरतेहाल बदलने की तैयारी है। सरकार ने बड़ी पहल करते हुए प्राइवेट कॉलेजों के साथ एमओयू करने जा रही है। जिसका फायदा सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को साधन-संसाधनों की उपलब्धता के रूप में मिल सकेगा। वहीं, क्वालिटी एजुकेशन, रिसर्च वर्क, स्किल डवलपमेंट, पसर्नालटी डवलपमेंट को निखारने के संयुक्त प्रयास हो सकेंगे। शिक्षाविदें का मानना है, सरकार के इस प्रयास से संसाधनों व रिसोर्सेज से जूझते सरकारी महाविद्यालय को संजीवनी मिल सकती है, साथ ही छात्र-शिक्षकों के बीच मैं की जगह हम की भवना विकसित होगी।  

संभाग को मिले 44 निजी कॉलेज
कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय से कोटा संभाग को 44 प्राइवेट कॉलेजों की सूची जारी हुई है, जिसके साथ एमओयू किया जाना है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह एमओयू प्रदेश के हर जिले के नोडल कॉलेज की ओर से किए जाएंगे। हाड़ौती में 44 प्राइवेट कॉलेजों के लिए 17 सरकारी कॉलेजों को नोडल बनाया गया है, जो आयुक्तालय (उच्च शिक्षा विभाग) और प्राइवेट कॉलेजों के बीच समन्वयक की भूमिका निभाते हुए एमओयू करवाएंगे। इसके लिए सभी नोडल कॉलेजों द्वारा अपने अधीन प्राइवेट कॉलेजों से परिपत्र भरवाकर संस्था में उपलब्ध सुविधाएं व संसाधनों से जुड़ी जानकारियां एकत्रित की जा रही है। वहीं, निजी महाविद्यालयों को दो तरह के परिपत्र दिए जा रहे हैं, जिनमें पहला-वर्तमान का निवेश व दूसरा-भविष्य में निवेश। फिलहाल वर्तमान के निवेश पर काम किया जा रहा है। 

सबसे ज्यादा कॉमर्स को मिले निजी कॉलेज 
डॉ. गीताराम शर्मा ने बताया कि नोडल कॉलेजों में से सबसे ज्यादा 12 निजी कॉलेज राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय को मिले थे। इस पर कॉमर्स कॉलेज ने आयुक्तालय और इन महाविद्यालयों के बीच सामजंस्य बनाकर सरकार के साथ एमओयू के प्रपत्र साइन करवाकर सहमति प्राप्त कर ली है। उन्होंने बताया कि गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज को 1, कनवास को 1, सांगोद को 2, इटावा को 3 तथा रामगंजमंडी को 1 निजी महाविद्यालय का नोडल बनाया गया है। इनमें से रामगंजमंडी में स्थित निजी स्कूल ने एमओयू करने में रुचि नहीं दिखाई। 

विद्यार्थियों को यह होंगे फायदे
छात्र कुणाल शर्मा, रुचिता गोस्वामी, शंकर तिवारी, इकबाल खान,महिमा रस्तोगी ने बताया कि इस एमओयू के जरिए राजकीय और प्राइवेट कॉलेज मिलकर एजुकेशन के नए आइडियाज, नवाचार और स्किल डवलपमेंट के क्षेत्र में काम करेंगे। वहीं, प्राइवेट कॉलेजों और राजकीय कॉलेजों में क्या-क्या सुविधाएं ऐसी हैं जो अलग हैं, इसे देखा जाएगा। ताकि, सभी कॉलेजों को एक दूसरे की मदद से विद्यार्थियों को नया सिखाने का मौका मिलेगा। एमओयू में कॉमन पहलू यह होंगे कि एजुकेशन के क्षेत्र में होने वाले नवाचारों, नए आइडियाज को एक-दूसरे से शेयर करके इस पर मिलकर काम किया जाएगा। एमओयू में शामिल कॉलेज अपने संसाधनों का उपयोग भी दूसरे को करने देंगे। सरकारी कॉलेज का विद्यार्थी भी उस कॉलेज में जाकर संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे। स्किल डवलमेंट पर फोकस करके सभी कॉलेज क्वालिटी एजुकेशन का माहौल तैयार कर सकेंगे। इससे छात्रों को काफी फायदा होगा। 

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20 में से 16 निजी कॉलेजों ने किया एमओयू
क्षेत्रिय सहायक निदेशक डॉ. गीताराम शर्मा ने बताया कि कॉलेज आयुक्तालय से मिली 44 निजी महाविद्यालयों की सूची में कोटा जिले के 20 प्राइवेट कॉलेज शामिल हैं। सरकार के साथ एमओयू करवाने के लिए 6 राजकीय महाविद्यालयों को नोडल बनाया गया है। जिनमें गवर्नमेंट आटर्स कॉलेज कोटा, गवर्नमेंट कॉमर्स  कॉलेज, कनवास, सांगोद, इटावा, रामगंजमंडी शामिल हैं। जिन्हें तहसील स्तर पर कॉलेज आवंटित किए हैं। इनमें से 4 को छोड़कर अन्य सभी कॉलेजों ने अपने अधीन 16 कॉलेजों की  सरकार के साथ एमओयू करवाने की सहमति प्राप्त कर ली है और उनके प्रपत्र भी भरवाकर आयुक्तालय को भेज दिए गए हैं, अब आगे की कार्रवाई उच्च शिक्षा विभाग द्वारा की जाएगी। 

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नियमों की पेचीदगी में देगी शिथिलता
राजस्थान राइजनिंग के तहत कोई भी संस्था या समूह राज्य व शिक्षा के विकास में अपनी भागीदारी निभा सकता है। संस्था, सरकार या सरकारी महाविद्यालय जिसके भी साथ एमओयू करना चाहती है तो कर सकती है। यदि, कोई संस्था सरकारी कॉलेजों में विकास कार्य करवाना चाहते हैं, स्किल डवलपमेंट व कम्प्यूटर ट्रैनिंग प्रोग्राम, स्पोकन इंग्लिश, लैब की सुविधा देना चाहते हैं तो इसमें एमओयू हो सकते हैं। वहीं, कोई प्राइवेट कॉलेज अपने कैम्पस में ही फैकल्टी बढ़ाकर कोई नया कोर्स शुरू करना चाहते हंै तो भी सरकार से एमओयू कर सकते है। सरकार, नियमों की पेचीदगी में शिथिलता प्रदान करेगी। लेकिन, इसके बदले हमारी अपेक्षा यही रहेगी कि इसका लाभ सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थियों को भी मिले, उनकी पढ़ाई में मदद करें।
- डॉ. सुनील भाटी, एडिशनल कमीशनर, कॉलेज आयुक्तालय जयपुर

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सरकार का यह सराहनीय कदम है। सरकार और निजी क्षेत्रों के संयुक्त निवेश, प्रयास और संसाधनों से कॉलेजों में उच्च शिक्षा का गुणवत्तापूर्ण परिवेश तैयार होगा। साथ ही सहयोग की भावना भी बढ़ेगी। वहीं, वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुरूप विद्यार्थियों को साधन-संसाधनों की उपलब्धता के साथ क्वालिटी एजुकेशन मिल सकेगी। 
- डॉ. गीताराम शर्मा, क्षेत्रीय सहायक निदेशक, आयुक्तालय कोटा 

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