शिक्षा विभाग : अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरणों का समय पर होगा निस्तारण
संशोधन भी जारी किए गए है
प्रकरणों में वांछित शिथिलन प्रदान करने की स्वीकृति भी प्रदान की है। इसके बावजूद भी यदि अनुकंपा नियुक्ति में देरी होती है तो संबंधित कार्मिक और अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
जयपुर। शिक्षा विभाग अपने कार्मिकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण करने की पहल की है। इसमें समय पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जाएगी। राजस्थान राज्य कर्मचारियों के आश्रितों को तुरन्त राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के कार्मिक विभाग की जारी अधिसूचना के अनुसार आश्रित को अनुकपात्मक नियुक्ति दी की जाती है, जिसमें आश्रितों को राहत प्रदान करने के लिए प्रावधानों में समय-समय पर संशोधन भी जारी किए गए है। राज्य सरकार की ओर से आवश्यकता अनुसार प्रकरणों में वांछित शिथिलन प्रदान करने की स्वीकृति भी प्रदान की है। इसके बावजूद भी यदि अनुकंपा नियुक्ति में देरी होती है तो संबंधित कार्मिक और अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रस्ताव में देरी को दूर करने का प्रयास:शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरण का निस्तारण उसी प्रकार किया जाना चाहिए, जिस प्रकार से पेंशन प्रकरण का निस्तारण किया जाता है, किन्तु विभाग के ध्यान में आया है, कि कतिपय अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा मृतक आश्रितों को नियुक्ति के प्रस्ताव निदेशालय भिजवाने में असाधारण विलम्ब किया जा रहा है, जिसके कारण ऐसी नियुक्तियों का मूल उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है। विभाग द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरणों का नियमान्तर्गत परीक्षण कर भिजवाने के लिए जांच सूची निर्धारित की गई है, तदनुसार प्रकरणों का परीक्षण कर भिजवाने के लिए निर्देशित किया जाता रहा है, किन्तु अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा प्रकरणों का निर्धारित जांच सूची अनुसार परीक्षण किए बिना ही प्रकरणों में नियुक्ति की अभिशंषा कर निदेशालय भिजवाए जाते है।
ऐसे प्रकरण भी मिले
कई प्रकरण तो ऐसे भी ध्यान में आए हैं कि आवेदक के पात्र नहीं होने के उपरांत भी प्रकरण में नियुक्ति की अभिशंषा कर प्रकरण निदेशालय को भिजवा दिए जाते हैं, जिसके कारण प्रकरण निस्तारण मे अनावश्यक विलम्ब कारित होता है। शासन के निदेर्शानुसार कर्मचारी की मृत्यु के समय पात्र आश्रित की ही नियुक्ति देय है और किसी अवयस्क के वयस्क होने तक प्रकरणों को लम्बित रखे जाने का अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम-1996 में प्रावधान नहीं है।
अब होगी कार्रवाई
विभाग के निदेशक आशीष मोदी के निर्देश के अनुसार इस प्रकरणों की पालना में अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) माध्यमिक शिक्षा को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी तथा संबंधित नियंत्रण अधिकारी/संस्था प्रधान/पीईईओ को केस प्रभारी नियुक्त किया गया है। मोदी ने कहा कि भविष्य में बिना परीक्षण किए प्रकरण प्राप्त होने अथवा प्रकरण भिजवाने में अनावश्यक विलम्ब पाए जाने की स्थिति में संबंधित अधिकारी और कार्मिक के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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