देश-प्रदेश में ऐसे खेल विश्वविद्यालय स्थापित हों, जिनका दृष्टिकोण स्पोर्ट्स फर्स्ट रहे, केवल डिग्रियां नहीं
रिपोर्ट केन्द्रीय खेल मंत्रालय को भी भेजी
ओलंपिक और दीगर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की पदक तालिका में भारत को शीर्ष देशों की श्रेणी में पहुंचने के लिए अपनी शिक्षा नीति में बदलाव की दरकार है
जयपुर। ओलंपिक और दीगर अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की पदक तालिका में भारत को शीर्ष देशों की श्रेणी में पहुंचने के लिए अपनी शिक्षा नीति में बदलाव की दरकार है। प्रदेश में ऐसे खेल विश्वविद्यालय स्थापित किए जाएं जो पूरी तरह स्पोर्ट्स एजुकेशन और ट्रेनिंग आधारित हों। जो पारंपरिक विश्वविद्यालयों से इतर स्पोर्ट्स फर्स्ट के दृष्टिकोण पर काम करें। जहां खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के लिए अत्याधुनिक उपकरण और उच्चगुणवत्ता की कोचिंग हो। भारत और चीन समेत अन्य एशियाई देशों के ओलंपिक इतिहास के अध्ययन के बाद गुरु स्पोर्ट्स स्किल प्रमोशन फाउण्डेशन जयपुर के युवा मानस गर्ग ने ये रिपोर्ट तैयार की है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय खेल मंत्रालय को भी भेजी है।
खेलों में अव्वल बनना हो विजन
मानस ने पदक तालिका में ऊपर आने के लिए शिक्षा में स्पोर्ट्स फर्स्ट, एजुकेशन आॅलवेज का नया कंसेप्ट दिया है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में ऐसे खेल विश्वविद्यालय स्थापित किए जाएं, जिनका विजन देश को खेलों में दुनिया में अव्वल बनना हो। सिर्फ डिग्री बांटने की जगह पदक विजेता खिलाड़ी तैयार करना उद्देश्य हो।
सवा सौ साल में सिर्फ 41 पदक
भारत ने 1900 में पहले एशियाई देश के रूप में ओलंपिक में कदम रखा लेकिन अपनी सवा सौ साल की यात्रा में अब तक 10 स्वर्ण समेत कुल 41 पदक जीते हैं। वहीं चीन पहली बार 1952 के मेलबोर्न ओलंपिक में आया लेकिन पूरी तरह उसके ओलंपिक सफर की शुरूआत 1980 के मास्को ओलंपिक से ही मानी जाती है। चीन ने भारत की तुलना में अपने 44 साल के छोटे से सफर में ही 727 पदक जीत अपनी गिनती ओलंपिक के शीर्ष देशों में कर ली। जापान, कोरिया और इंडोनेशिया जैसे अन्य एशियाई देश भी भारत से कहीं आगे निकल गए हैं।
ये हैं पिछड़ने के कारण
- ओलंपिक में एथलीटों की औसत आयु अन्य देशों से ज्यादा
- अन्य देशों में छोटी उम्र से शुरू होती है खिलाड़ियों की ट्रेनिंग, भारत में देरी से
ज्यादातर खेलों में भारत की हिस्सेदारी ही नहीं रहती - एथलेटिक्स, स्वीमिंग, साइक्लिंग, जिम्नास्टिक में रहते हैं सबसे ज्यादा पदक
- भारत में कभी खेलों को प्राथमिकता में नहीं लिया
- मानसिकता खेलों की जगह पढ़ाई को तरजीह देने की रही
- खेलों के प्रति अवेयरनेस नहीं
ओलंपिक में शीर्ष एशियाई देश
देश | ओलंपिक | गोल्ड | सिल्वर | ब्राँज | कुल |
चीन | 12 | 303 | 226 | 198 | 727 |
जापान | 24 | 189 | 162 | 191 | 542 |
द.कोरिया | 19 | 109 | 100 | 111 | 320 |
ईरान | 18 | 27 | 29 | 32 | 80 |
इंडोनेशिया | 17 | 10 | 14 | 16 | 40 |
इंडिया | 26 | 10 | 10 | 21 | 41 |
टोक्यो में पदक विजेताओं की औसत उम्र
खेल स्वर्ण रजत कांस्य
आर्चरी 20.0 30.0 29.5
आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक 21.0 24.4 23.4
लयबद्ध जिम्नास्टिक 22.0 22.0 18.0
साइक्लिंग रेसिंग 22.5 25.0 24.0
साइक्लिंग एमबी 24.0 27.5 29.5
स्वीमिंग 22.4 22.9 23.3
डाइविंग 22.8 22.2 26.8
ताइक्वांडो 22.2 21.0 22.5
जूडो 25.5 26.1 26.4
फेंसिंग 25.5 30.8 30.3
वेटलिफ्टिंग 25.8 24.6 24.9
एथलेटिक्स 26.3 26.4 26.3
ओलंपिक में भारतीय एथलीटों की औसत उम्र
खेल उम्र
तीरन्दाजी 28.5
जिम्नास्टिक 25.5
स्वीमिंग 22.0
जूडो 25.0
फेंसिंग 27.0
वेटलिफ्टिंग 26.0
एथलेटिक्स 26.0
ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल वाले इवेंट
एथलेटिक्स 45+
स्वीमिंग 35+
साइक्लिंग 22+
जिम्नास्टिक 18+
रेस्लिंग 18+
केनोइंग 16+
शूटिंग 15+
वेटलिफ्टिंग 14+
जूडो 14+
बॉक्सिंग 13
फेंसिंग 12+
सेलिंग 10+
ताइक्वांडो 8+
डाइविंग 8+
रोइंग 8+
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