जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए गतिरोध का सहारा ले रही भजनलाल सरकार : गोविंद सिंह डोटासरा
स्पीकर को भावुक देखकर मन को कष्ट पहुंचा
पांच दिन बीतने के बाद भी न तो मंत्री की माफी हुई है और न ही अशोभनीय टिप्पणी को हटाया गया है जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण और देश के महानायकों का अपमान है।
जयपुर। विधानसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच चल रहे गतिरोध को लेकर पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने भजनलाल सरकार को गतिरोध के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 21 फरवरी को सदन की कार्यवाही के दौरान पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी का विरोध करने के कारण सदन में डायस पर चढ़ने के आरोप में बजट सत्र की शेष अवधि के लिए उनके साथ पांच सदस्यों को निलम्बित कर दिया गया। जिसके बाद 24 फरवरी दोपहर आसन की अनुमति से सदन में आकर खेद प्रकट करने तक वे सदन की किसी कार्यवाही का हिस्सा नहीं रहे। जनता के मुद्दे सदन में उठाए जाए व सार्थक चर्चा हो इस उद्देश्य से पक्ष एवं विपक्ष के बीच स्पीकर के सामने वार्ता की गई, जिसमें दोनों ही पक्षों के खेद प्रकट करने पर सहमति बनी थी तथा स्पीकर की अनुमति के बाद बड़ा दिल रखते हुए सदन में समस्त घटनाओं को लेकर समस्त बिंदुओं को वर्णित करते हुए खेद प्रकट किया तथा आसन का हमेशा सम्मान रहा हैं, इस वक्तव्य के साथ अपना सम्बोधन समाप्त किया था। सत्ता पक्ष ने अपना वादा नहीं निभाया और अशोभनीय टिप्पणी पर मंत्री ने ना तो माफी मांगी और ना ही इन शब्दों को विधानसभा की कार्यवाही से हटाया गया। जिस पर कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर सदन से बर्हिगमन किया गया। अब उनकी छवि धूमिल करने के लिए अनर्गल आरोप लगाकर बयानबाजी की जा रही है, जो कि गलत है। यह सत्ता पक्ष का अपनी वादाखिलाफी छिपाने का एक हथकण्ड़ा मात्र है। भाजपा सरकार प्रदेश में गुड गर्वेंनेन्स देने में विफल रही है तथा कानून व्यवस्था, चिकित्सा, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी सहित बजट घोषणाओं के पूरा ना होना तथा चुनावी वादों से पीछे हटने के आरोप पर कांग्रेस नेता लगातार भाजपा सरकार को घेर रहे हैं उनके मंत्रियों से जवाब देते नहीं बन रहा, इसलिए सदन में गतिरोध समाप्त करने में भाजपा की कोई रूचि नहीं है। प्रदेश सरकार जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए विधानसभा में गतिरोध का सहारा ले रही है।
स्पीकर को भावुक देखकर मन को कष्ट पहुंचा
जयपुर। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के सदन में भावुक होकर टिप्पणी करने पर पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए अपना पक्ष रखा। डोटासरा ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सदन के भीतर एवं सदन नहीं चलने के दौरान हुए संपूर्ण घटनाक्रम पर सदन में मेरे प्रकट किए गए खेद के एक-एक शब्द की गवाह राजस्थान की जनता है, लेकिन उसके बावजूद मंगलवार को अध्यक्ष को एक समाचार पत्र में छपी कपोल-कल्पित खबर पर भावुक देखकर मन को कष्ट पहुंचा है। वासुदेव देवनानी अच्छे एवं नेक इंसान हैं, लेकिन बिना तथ्यों को जाने एवं बिना दूसरे पक्ष की सुने अवास्तविक खबर पर यूं प्रतिक्रिया देंगे, यह अपेक्षा से परे है। फिर भी उन्हें कष्ट पहुंचा है, तो मैं व्यक्तिगत तौर पर उनसे मिलकर खेद प्रकट करूंगा, लेकिन सवाल फिर भी मंत्री की माफी का बाकी रहेगा, जो समझौते में तय हुआ था और जिसका जिक्र स्वयं अध्यक्ष ने मंगलवार की कार्यवाही के दौरान किया था। सदन में उत्पन्न गतिरोध का कारण मंत्री अविनाश गहलोत की अशोभनीय टिप्पणी है, जो उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के लिए की है। देश के लिए बलिदान देने वाली पूर्व पीएम इंदिरा का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पांच दिन बीतने के बाद भी न तो मंत्री की माफी हुई है और न ही अशोभनीय टिप्पणी को हटाया गया है जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण और देश के महानायकों का अपमान है। हम चाहते हैं कि गतिरोध टूटे, पक्ष-विपक्ष मिलकर सदन चलाएं और प्रदेश की जनता के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो। इसलिए पूरे घटनाक्रम पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, हमारे वरिष्ठ सदस्यों एवं स्वयं मेरी ओर से खेद प्रकट किया जा चुका है।
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