
ऑनलाइन मिले आवेदनों में से महज 1267 व्यक्तियों को ही दिया ऋण
1267 व्यक्तियों को ही ऋण दिया जा सका
कोरोनाकाल के दौरान बेरोजगार हुए लोगों को स्वयं का छोटा रोजगार शुरू करने के लिए इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गई, लेकिन योजना के तहत ऑनलाइन मिले आवेदनों में से जयपुर में महज 1267 व्यक्तियों को ही ऋण दिया जा सका।
जयपुर। कोरोनाकाल के दौरान बेरोजगार हुए लोगों को स्वयं का छोटा रोजगार शुरू करने के लिए इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गई, लेकिन योजना के तहत ऑनलाइन मिले आवेदनों में से जयपुर में महज 1267 व्यक्तियों को ही ऋण दिया जा सका। लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या 3.63 फीसदी रही।अ मुख्यमंत्री ने 2021-22 के बजट में योजना की घोषणा की। इसके बाद जयपुर में 34,855 आवेदन ऑनलाइन पोर्टल से मिले। आवेदनों पर लोन स्वीकृत कराने की जिम्मेदारी निकायों की भी तय की गई, लेकिन उसके बाद भी इसका ग्राफ नहीं बढ़ सका है। इसका अन्य जिलों में भी प्रगति ना के बराबर रही है। इस योजना का रिक्शा वाला, मिस्त्री, मोची, रंग पेंट करने वाले, दर्जी, कुम्हार और बिजली के कार्य करने वालों को सीधा फायदा पहुंचाना था।
प्रत्येक वर्ष में अधिकतम 50 हजार तक का ऋण मिल सकता है। इस ऋण पर किसी भी प्रकार की गारंटी की आवश्यकता नहीं है। यह ऋण ब्याज मुक्त होगा। इस योजना के तहत ब्याज का शत प्रतिशत हिस्सा प्रदेश सरकार वहन करेगी। ऋण की राशि का पुनर्भुगतान चौथे से 15 महीने तक 12 समान मासिक किश्तों में किया जा सकेगा। यह ऋण उपलब्ध कराने के लिए किसी भी प्रकार की प्रक्रिया शुल्क नहीं ली जाएगी। इस योजना का लाभ केवल शहरी क्षेत्रों में रह रहे नागरिक ही प्राप्त कर सकते हैं।
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