कांग्रेस में नए फैसलों का बड़े नेताओं के करीबियों पर भी पड़ेगा असर
कुछ नेताओं को भी एक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा
कांग्रेस के नवसंकल्प शिविर में लिए फैसलों को राजस्थान में लागू करने की कवायद शुरू होने के साथ ही कई दिग्गज नेताओं पर एक पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ने लगा है।
जयपुर। कांग्रेस के नवसंकल्प शिविर में लिए फैसलों को राजस्थान में लागू करने की कवायद शुरू होने के साथ ही कई दिग्गज नेताओं पर एक पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ने लगा है। राजस्थान कांग्रेस के एआईसीसी और आलाकमान के नजदीकी कुछ नेताओं को भी एक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। प्रदेश कांग्रेस में पांच साल से एक ही पद पर रहने वाले और दो पदों पर रहने वाले नेताओं ने अपने इस्तीफे देने शुरू कर दिया है। करीब एक दर्जन नेताओं के इस्तीफों के बाद करीब आधा दर्जन नेता ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने इस्तीफे नहीं सौंपें हैं। ये नेता कांग्रेस आलाकमान नेताओं के करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी कांग्रेस सचिव धीरज गुर्जर और जुबेर खान अभी दो पदों पर हैं। वहीं कुलदीप इंदौरा भी दो पदों पर हैं।
दो पदों पर कुछ को हुए लगातार पांच साल
धीरज गुर्जर कांग्रेस सचिव के साथ बीज निगम के चेयरमैन हैं, तो कांग्रेस सचिव जुबेर खान भी मेवात विकास बोर्ड के चेयरमैन हैं। कांग्रेस सचिव कुलदीप इंदौरा भी श्रीगंगानगर जिले के जिला प्रमुख हैं। लिहाजा इन नेताओं को दो पदों में से एक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। पीसीसी पदाधिकारियों में भी लगातार पांच साल से एक पद पर बने रहने वालों में जीआर खटाना, डॉ. जितेन्द्र सिंह, राजेन्द्र चौधरी, शोभा सोलंकी, प्रशांत सहदेव शर्मा आदि नाम शामिल हैं, जिनको अभी इस्तीफा देना बाकी है।
अभी तक ये दे चुके हैं इस्तीफा
मंत्री गोविन्दराम मेघवाल, महेन्द्रजीत मालवीय और रामलाल जाट दो पदों पर रहने के कारण इस्तीफा दे चुके हैं। इसके अलावा पीसीसी पदाधिकारी जसवंत गुर्जर, जिया उर रहमान, जिलाध्यक्ष यशपाल गहलोत, जाकिर हुसैन गैसावत, फतेह मोहम्मद, हीरालाल मेघवाल ने भी पार्टी को इस्तीफा भेज दिया है। इनके इस्तीफे मंजूरी के लिए प्रदेश प्रभारी अजय माकन को भेज दिए हैं।
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