बजट के अभाव में अटका अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क का निर्माण कार्य
द्वितीय चरण में एनक्लोजर, वेटनरी हॉस्पिल, स्टाफ क्वार्टर सहित होने हैं कई कार्य, चिड़ियाघर में बंद वन्यजीवों को शिफ्टिंग का इंतजार
कोटा के रियासतकालीन चिड़ियाघर के पिंजरों में बरसों से बंद वन्यजीव अपनी आजादी का इंतजार कर रहे हैं। अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में द्वितीय चरण के तहत 25 करोड़ की लागत से कई निर्माण कार्य होने हैं, जो बजट के अभाव में शुरू नहीं हो पाए।
कोटा। कोटा के रियासतकालीन चिड़ियाघर के पिंजरों में बरसों से बंद वन्यजीव अपनी आजादी का इंतजार कर रहे हैं, जो सरकारी लेटलतीफी के कारण खत्म होता नजर नहीं आ रहा। भीषण गर्मी के बीच छोटे पिंजरों में दिन काटने को मजबूर हैं। दरअसल, अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में द्वितीय चरण के तहत 25 करोड़ की लागत से कई निर्माण कार्य होने हैं, जो बजट के अभाव में शुरू नहीं हो पाए। जबकि, वन्यजीव विभाग सरकार को कई बार प्रस्ताव भेज चुका है। इसके बावजूद बजट स्वीकृत नहीं हुआ। जिसके चलते एक दर्जन से अधिक वन्यजीव चिड़ियाघर से बायोलॉजिक पार्क में शिफ्ट नहीं हो पा रहे।
25 करोड़ से द्वितीय चरण में यह होने हैं कार्य
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में द्वितीय चरण के तहत 25 करोड़ की लागत से कई निर्माण कार्य होने हैं। जिनमें 31 एनक्लोजर, स्टाफ क्वार्टर, कैफेटेरिया, वेटनरी हॉस्पिटल, इंटरपिटेक्शन सेंटर, पर्यटकों के लिए आॅडिटोरियम, छांव के लिए शेड, कुछ जगहों पर पथ-वे सहित अन्य कार्य शामिल हैं।
संसाधनयुक्त हॉस्पिटल बेहद जरूरी
डीएफओ डॉ. आलोक गुप्ता ने बताया कि 2017 में बायोलॉजिकल पार्क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जो नवंबर 2021 में बनकर पूरा हुआ। लेकिन, द्वितीय चरण में बेहद महत्वपूर्ण काम होने थें, जो बजट के अभाव में नहीं हो सके। जब तक साधन-संसाधनयुक्त हॉस्पिटल नहीं होगा तब तक चिड़ियाघर हो या बायलॉजिकल पार्क इनके होने का उददेशय पूर्ण नहीं होगा। वन्यजीवों के इलाज के लिए अभी कामचलाउ व्यवस्था कर रखी है लेकिन इमरजेंसी पड़ने पर परेशानी होगी।
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