जेकेलोन रोड पर न्यास द्वारा बनाई गई दुकानों का मामला : मकसद पूरा नहीं, दुकानों के आगे अतिक्रमण हुआ

रोजगार की योजना धड़ाम, दुकानोें के शटर हुए डाउन

जेकेलोन रोड पर न्यास द्वारा बनाई गई दुकानों का मामला : मकसद पूरा नहीं, दुकानों के आगे अतिक्रमण हुआ

नगर विकास न्यास द्वारा जे.के. लोन रोड पर बनाई गई दुकानों के शटर अभी तक भी नहीं खुले हैं और ना ही उनके पीछे बनी पार्किंग का उपयोग हुआ है। दुकानें बनाने का मकसद तो पूरा नहीं हुआ जबकि दुकानों के आगे अतिक्रमण हो गया है।

कोटा । नगर विकास न्यास द्वारा जे.के. लोन रोड पर बनाई गई दुकानों के शटर अभी तक भी नहीं खुले हैं और ना ही उनके पीछे बनी पार्किंग का उपयोग हुआ है। दुकानें बनाने का मकसद तो पूरा नहीं हुआ जबकि दुकानों के आगे अतिक्रमण हो गया है। जे.के. लोन अस्पताल के सामने कई सालों से थड़ी लगाकर रोजगार करने वालों को नगर विकास न्यास द्वारा पक्की दुकानें बनाकर देने की योजना है। उस योजना के तहत न्यास ने  वहां रोजगार करने वालों का सर्वे किया। उनकी पूरी जानकारी जुटाई।  उसके बाद अस्पताल के सामने वोकेशनल स्कूल की चार दीवारी के पास 27 दुकानों का निर्माण भी करवाया है। उन दुकानों को आवंटन के लिए न्यास कार्यालय में लॉटरी भी निकाली जा चुकी है। लेकिन उसके बाद भी अभी तक न तो वे दुकानें आवंटित की गई हैं और न ही उन्हें शुरू किया गया है। हालत यह है कि दुकानें बने एक साल से भी अधिक का समय हो गया है। उसके बाद भी अभी तक उनके शटर बंद हैं। दुकानों पर ताले लटके हुए हैं।  उन नई बनी दुकानों के आगे अतिक्रमण हो गया है। पंचर सुधारने वाले से लेकर कबाड़ी तक ने वहां अपने सामान रखकर रोगजार शुरू कर दिया है। जिससे जे.के. लोन अस्पताल रोड की दशा ही बिगड़ गई है।
 
थड़ी वाले अभी भी पुरानी स्थिति में
जिन थड़ी वालों के लिए ये दुकानें बनाई गई थी वे अभी भी पुरानी स्थिति में ही हैं। कोई जे.के. लोन अस्पताल गेट के पास ठेले पर चाय बेच रहा है तो कोई अस्पताल के सामने। दुकानदारों का कहना है कि सर्वे में उनका नाम होने के बाद भी कई दुकानदारों के नाम काट दिए हैं। उनके स्थान पर अन्य लोगों के नाम जोड़ दिए हैं। इस मामले को लेकर विवाद चल रहा है। जिससे अभी तक वे दुकानें किसी को आवंटित नहीं हुई हैं। दुकानें बनने के बाद भी न्यास अधिकारियों का मकसद पूरा नहीं हो सका है।

दुकानों के सामने होगा अस्पताल का मुख्य द्वार
जे.के. लोन व एमबीएस अस्पताल में नए ओपीडी ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। उनके बनने के साथ ही जे.के. अस्पताल का नया मुख्य प्रवेश  द्वार भी बनाया जा रहा है। वह द्वार इन दुकानों के सामने होगा। जहां से दोनों अस्पतालों में वाहन आसानी से प्रवेश कर सकेंगे। साथ ही रास्ता भी सीधा हो जाएगा। जबकि वर्तमान गेट को छोटे गेट के रूप में काम में लिया जा सकेगा। साथ ही वर्तमान में जे.के. लोन अस्पताल के अंदर जो वाहन सटैंड बना हुआ है वह भी वहां से शिफ्ट हो जाएगा। न्यास द्वारा दोनों अस्पतालों की अंडरग्राउंड पार्किंग बनाई गई है।

पार्किंग भी खाली
दुकानों के पीछे ही इंटर लॉकिंग कर पार्किंग बनाई गई है। जहां दुकानदारों व अन्य लोगों के साथ ही सड़क पर खड़े होने वाले वाहनों को पार्क किया जाएगा। लेकिन हालत यह है कि अभी तक दुकानें ही चालू नहीं होने से उस पार्किंग का भी उपयोग नहीं हो पा
रहा है।

न्यास अधिकारी बोलने को तैयार नहीं
दुकानों के बनने के बाद भी उनका आवंटन शभी तक नहीं होने के बारे में न्यास का कोई भी अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं है। संबंधित अधिकारियों से जानकारी चाहने पर सभी का यही कहना है कि यह बड़े स्तर का मामला है। इसमें वे कुछ नहीं कह सकते। जबकि न्यास सचिव राजेश जोशी को फोन करने उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया।

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