प्राचीन तालाबों की नही ली सुध,प्रशासन कर रहा अनदेखी

सार संभाल से पानी की समस्या से मिल सकती है निजात , प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

प्राचीन तालाबों की नही ली सुध,प्रशासन कर रहा अनदेखी

उपखंड मुख्यालय शाहाबाद क्षेत्र में कई प्राचीन तालाब हैं, जो जर्जर अवस्था में हैं। प्रशासन द्वारा यदि इस तालाब पर ध्यान दिया जाए तो पानी की समस्या के साथ-साथ क्षेत्र में पानी का लेवल भूमि के अंदर बढ़ जाएगा जो कुएं अभी खाली पड़े हुए हैं वह सब काम करने लगेंगे और सैकड़ों बीघा भूमि सिंचित हो सकती है।

शाहाबाद। उपखंड मुख्यालय शाहाबाद क्षेत्र में कई प्राचीन तालाब हैं, जो जर्जर अवस्था में हैं। जिसमें से एक तालाब शुभघरआ ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है। जिसको उदैया तालाब के नाम से जाना जाता है। यह तालाब काफी प्राचीन बताया जाता है। शुभघरा निवासी कुंवरपाल, रामजीलाल दोजिया, रघुवीर आदि ने बताया कि यह तालाब काफी प्राचीन है। आज शुभघरा बस्ती को बसे हुए लगभग 60 वर्षों से अधिक हो गए हैं। यह तालाब उससे भी पुराना है। इसमें काफी पानी रोकने की अपार संभावनाएं हैं। प्रशासन द्वारा यदि इस तालाब पर ध्यान दिया जाए तो पानी की समस्या के साथ-साथ क्षेत्र में पानी का लेवल भूमि के अंदर बढ़ जाएगा जो कुएं अभी खाली पड़े हुए हैं वह सब काम करने लगेंगे और सैकड़ों बीघा भूमि सिंचित हो सकती है।

जल संरक्षण पर नहीं दिया जाता ध्यान
 सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं। नरेगा के अंतर्गत तलाई खुदाई आदि कराई जाती हैं परंतु जो तालाब प्राचीन छोटे बड़े हैं। जिनमें जल भंडारण की अपार क्षमता है। ऐसे तालाबों को नरेगा के अंतर्गत गहरीकरण नहीं कराया जाता जबकि इन तालाबों से क्षेत्र की सैकड़ों बीघा भूमि चिंतित हो सकती है परंतु सरकार द्वारा नरेगा में करोड़ों रुपए की धनराशि तलाई खुदाई पर तो लगाई जाती है। प्राचीन तालाब जो छोटे बड़े हैं। उनमें कोई भी नरेगा का काम नहीं कराया जाता और नई योजनाएं लाकर पुरानी योजनाओं को छोड़ दिया जाता है।

हो सकती है सैकड़ों बीघा सिंचित भूमि
 सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। कहीं एनीकट तो कहीं नवीन तलाई निर्माण आदि का कराया जा रहा है परंतु जो प्राचीन जल भंडारण हैं जिनमें पानी रुकने की अपार संभावनाएं हैं उन पर ध्यान बिल्कुल भी नहीं दिया जाता जबकि यह जल स्त्रोत प्राचीन समय से ही लोगों की एवं पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था का उत्तम साधन रहे हैं यदि इन तालाबों की मरम्मत कराई जाए तो अपार जल भंडारण हो सकता है। जिससे क्षेत्र के किसानों के साथ पशु पक्षी सभी को पर्याप्त पानी मिल सकता है।

पाल कमजोर होने के कारण नहीं ठहरता पानी
 काफी प्राचीन होने के कारण इसकी पाल कमजोर हो चुकी है। इस कारण से बरसात बरसात के समय से ही इस तालाब से पानी का रिसाव होता है। जिसके चलते इस तालाब में पानी नहीं ठहर पाता लगभग दिसंबर तक पानी रुक पाता है। मरम्मत आदि कराई जाए तो क्षेत्र के लोगों को क्षेत्र के किसानों को कृषि एवं जानवरों के लिए पीने के लिए पानी मिल सकेगा। जहां सरकार द्वारा नवीन तालाब निर्माण आदि कराई जा रही है। उनके साथ ही प्राचीन तालाबों पर विशेष ध्यान देकर इनकी मरम्मत आदि कराई जानी चाहिए।

 पानी रिसाव होने से गल जाती है फसल
गोपाल भील गुलाब भील आदि ने बताया कि हमारे खेत तालाब से निचले की तरफ लगी होने के कारण बरसात की फसल नहीं कर पाते हैं, क्योंकि तालाब से बहने वाला पानी हमारे खेतों में होकर निकलता है और हमारी फसलें गल जाती हैं। हम जिला कलेक्टर से मांग करते हैं कि इस तालाब की मरम्मत कराई जानी चाहिए। जिससे क्षेत्र के लोगों को लाभ मिल सके।

नरेगा योजना के अंतर्गत ठीक कराया जाए तालाब
 वही क्षेत्र के लोग उप जिला प्रमुख उर्मिला जैन से मांग की है कि जो भी प्राचीन तालाब पंचायत समिति शाहाबाद के अंतर्गत हैं जिन पर अभी ध्यान नहीं दिया जा है, उन्हें विशेष रुप से नरेगा योजना में शामिल कर इन तालाबों की खुदाई मरम्मत पाल की मरम्मत पानी निकासी की सही व्यवस्था आदि सरकार द्वारा कराई जानी चाहिए। यदि इस तालाब के मरम्मत कराई जाती है तो सैकड़ों बीघा भूमि सिंचित होने के साथ-साथ कई गांव के पशुओं को एवं जंगल के जानवरों को भी पानी पीने को मिलेगा। साथ ही शाहाबाद शुभघरआ कुशालपुरा मंगलपुरा मुंगावली आदि क्षेत्रीय किसानों के कुओं का जलस्तर बढ़ेगा और लाभ मिलेगा।

यह तालाब काफी पुराना है इसमें पानी रोकने की अपार संभावना है यदि इसकी की मरम्मत आदि कराई जाए तो सैकड़ों बीघा भूमि सिंचित हो सकेगी साथ ही जानवरों को पानी मिलेगा। -कुंवरपाल सहरिया, निवासी, कुशालपुरा   

तालाब देखरेख के अभाव में बिल्कुल जर्जर हो चुका है यह तालाब काफी पुराना है। इसकी मरम्मत कि जिला कलक्टर से हम मांग करते हैं क्योंकि इस तालाब से  सहरिया समाज के लोगों की सैकड़ों बीघा भूमि सिंचित हो सकती है। - रामजीलाल सहरिया, निवासी शुभघरा     

 नरेगा योजना के अंतर्गत इस तालाब को लेकर इसकी मरम्मत कराई जानी चाहिए, क्योंकि तलेटी क्षेत्र में जलस्तर बहुत ही कम है। प्राचीन तालाब और की मरम्मत आदि होने से क्षेत्र में जल स्तर बढ़ने की प्रबल संभावना है। - कल्याण प्रसाद यादव, उपसरपंच, ग्राम पंचायत शुभघरा

मैं जिला प्रमुख उर्मिला जैन भाया से मांग करती हूं कि इस तालाब को नरेगा योजना के अंतर्गत लेने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इस तालाब का गहरी करण कराना आवश्यक है। क्योंकि यह काफी प्राचीन है और इस तालाब से क्षेत्र के पशुधन को पानी पीने के लिए मिलेगा। -कलाबाई सरपंच, शुभघरआ, ग्राम पंचायत पंचायत समिति शाहाबाद

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