
अग्निपथ पर प्रदर्शन
भाजपा कार्यालय और विधायक पर हमला
सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना के विरोध का दायरा बढ़ गया है। सात प्रदेशों में न केवल उग्र प्रदर्शन हुए, बल्कि आग, पथराव व तोड़फोड़ भी हुई। बिहार में तो 5 ट्रेनों में आग लगा दी गई।
सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना के विरोध का दायरा बढ़ गया है। सात प्रदेशों में न केवल उग्र प्रदर्शन हुए, बल्कि आग, पथराव व तोड़फोड़ भी हुई। बिहार में तो 5 ट्रेनों में आग लगा दी गई। भाजपा कार्यालय और विधायक पर हमला किया गया। प्रदर्शनों की वजह से देश में 34 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी। हरियाणा के रोहतक में दो साल पहले सेना भर्ती के फिजिकल और मेडिकल टेस्ट निकाल चुके सचिन नाम के युवक ने आत्महत्या कर ली। वह 22 साल का हो चुका था, लेकिन अभी तक लिखित परीक्षा नहीं हुई थी। आंदोलन बढ़ता देखकर केन्द्र सरकार ने देर रात अग्नि वीरों के लिए अधिकतम आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी। यह छूट सिर्फ इसी साल के लिए लागू होगी, क्योंकि पिछले दो साल से सेना में भर्तीयां नहीं हो पाई और लाखों युवा 21 साल की उम्र पार कर चुके हैं। यह ठीक है कि सरकार व सैन्य प्रशासन ने योजना की घोषणा से पहले इस बात का ध्यान नहीं रखा। आयु सीमा को लेकर सेना में भर्ती की उम्मीद लगाए युवकों में निराशा व भ्रम पनप गया। नि:संदेह सेना में भर्ती होने की आकांक्षा रखने वाले युवकों को अग्निपथ योजना के कुछ प्रावधान उचित नहीं लगे हों, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे सड़कों पर उतर कर देश में अराजकता का माहौल पैदा कर दें।
विरोध दर्ज कराने के नाम पर राष्ट्र की सम्पत्ति को नष्ट करने का काम करें। तोड़-फोड़, आगजनी आदि जैसी हरकतें करना गुण्डागर्दी के अलावा कुछ नहीं मानी जा सकती। बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल के अलावा जिन राज्यों में भी अराजकता घटनाएं हुई हैं। तो सरकारों को उपद्रवी तत्वों के खिलाफ सख्त कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। आखिर ऐसे अनुशासहीन और अराजक युवा सेना में भर्ती होने के अधिकारी कैसे हो सकते हैं। ऐसी खबरें भी है कि कुछ राजनीतिक दलों ने युवाओं को अग्निपथ योजना के खिलाफ उकसाया है। यह भी किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है। अग्निपथ योजना सेना में भर्ती की नई योजना है। इस योजना को ठीक से समझे बिना ही राजनीति करना उचित नहीं। सैनिक बनने के आकांक्षी युवाओं को अनुशासन का परिचय देना चाहिए था। अपनी आपत्तियों के सभ्य तरीके से भी सरकार तक पहुंचाया जा सकता था। वैसे सरकार को पूरी तैयारी के साथ किसी नई योजना को घोषित करना चाहिए ताकि विरोधी की स्थिति न बन सके।
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