लीची की टॉक्सिन्स खाली पेट करती है नुकसान: एक्सपर्ट्स
लीची के टॉक्सिन्स की वजह से बच्चों को अक्यूट इनसेफेलाइटिस सिंड्रोम
बाजार में सजी खूबसूरत लीची हर किसी को आकर्षित करती हैं। लीची खाने में टेस्टी होती है और हेल्थ के लिए भी बहुत अच्छी होती है। हालांकि लीची खरीदने और इन्हें स्टोर करने में थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए। कुछ साल पहले बिहार में कई बच्चों की मौत की खबर आई थी।
बाजार में सजी खूबसूरत लीची हर किसी को आकर्षित करती हैं। लीची खाने में टेस्टी होती है और हेल्थ के लिए भी बहुत अच्छी होती है। हालांकि लीची खरीदने और इन्हें स्टोर करने में थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए। कुछ साल पहले बिहार में कई बच्चों की मौत की खबर आई थी। लोकल एरिया में इसकी वजह चमकी नाम के एक बुखार को बताया जा रहा था। बाद में एक्सपर्ट्स ने बताया था कि लीची के टॉक्सिन्स की वजह से बच्चों को अक्यूट इनसेफेलाइटिस सिंड्रोम हो गया था। लीची खरीदते और खाते वक्त क्या सावधानिया बरतनी चाहिए। लीची देखने में प्यारा और खूबसूरत फल है जो कि नॉर्थ इंडिया में काफी कम समय के लिए आता है। गर्मी से बरसात के बीच आपको मार्केट में ढेर सारी लीचियां दिख जाएंगी।
इन्हें खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें जैसे हमेशा पकी लीची लें। कच्ची लीची हरी सी दिखती है। इनमें टॉक्सिन्स होते हैं। लीची रेड, पिंक या आॅरेंज कलर की ही लें। साथ ही ऐसी लीची खरीदें जो कि साइज में छोटी न हों। पकी लीची में आपको अच्छी खुशबू आएगी और दबाने पर सॉफ्ट लगेंगी। अगल लीची चटकी है या इससे रस निकल रहा है या धब्बे हैं तो न लें। यह ज्यादा पकी होगी और सड़ने या अंदर कीड़े निकलने के चांस भी हो सकते हैं। डार्क ब्राउन कलर की लीची भी न लें ये ज्यादा पकी हो सकती हैं। लीची टिप पर हमेशा चेक करके खाएं इसमें गूदे के कलर के कीड़े भी होते हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि लीची की टॉक्सिन्स खाली पेट ज्यादा नुकसान करते हैं। अगर पोषक तत्वों की कमी से बॉडी शुगर लो है तो इसमें पाया जाने वाला मेथाइलीन साक्लोप्रोपिल ग्लाइसीन केमिकल दिमाग को प्रभावित करता है।
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