जलदाय विभाग का लीकेज ठीक करना आमजन को पड़ रहा भारी
दुरुस्ती के बाद औपचारिक रूप से मिट्टी से ढक कर अपने कार्य की इतिश्री कर लेते है
जलदाय विभाग की लापरवाही के चलते लीकेज ठीक करने के लिए मुख्य मार्गों पर खोदे गए गड्ढे आवागमन करने वाले वाहनों व राहगीरों के लिए दुर्घटनाओं का सबब बने हुये है, अनेक बार शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया गया है।
बाड़ी। जलदाय विभाग की लापरवाही के चलते लीकेज ठीक करने के लिए मुख्य मार्गों पर खोदे गए गड्ढे आवागमन करने वाले वाहनों व राहगीरों के लिए दुर्घटनाओं का सबब बने हुये है, अनेक बार शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया गया है। नगर में वर्षो पुरानी डली पेयजल पाइप लाइन जर्जर अवस्था में होने से जगह जगह लीकेज की समस्या उत्पन्न हो रही है, इन लीकेजो की मरम्मत करने के लिए जलदाय विभाग के कर्मचारियों द्वारा गड्ढे खोदे जाते है, जिनको दुरुस्ती के बाद औपचारिक रूप से मिट्टी से ढक कर अपने कार्य की इतिश्री कर लेते है, लेकिन एक, दो दिन बाद गड्ढे में मिट्टी के धंसने से फिर वही गड्डा हो जाता है, जिसके कारण आवागमन करने वाले वाहन व राहगीर दुर्घटनाग्रस्त होते है
ऐसे ही नगर की कांसोटि खेडा पुलिया के पास मुख्य सड़क पर गड्डा बना हुआ है, जिसको जलदाय विभाग दो बार औपचारिक रूप से ढककर लीपापोती कर गया है, लेकिन बावजूद इसके वह गड्डा ज्यो की त्यों बना हुआ है, पक्की सड़क व व्यस्ततम मार्ग होने के कारण आये दिन वाहन क्षतिग्रस्त व राहगीर इस गड्ढे से चोटिल होते हैं। ऐसे ही मास्टर कॉलोनी, शास्त्री नगर की मुख्य सड़क पर लीकेज मरम्मत कार्य के बाद गड्डा बना हुआ है, जिसमे बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं आए दिन चोटिल होती है, जिसको लेकर आक्रोशित कॉलोनीवासियों ने अपने स्तर पर ही इस गड्ढे में श्रम करके इसको दुरुस्त किया। कॉलोनीवासी गिरीश शर्मा व गंगादत्त पचोरी ने बताया कि लीकेजो की मरम्मत करने के लिए पक्की सड़क को खोदा जाता है, लेकिन मरम्मत होने के बाद उस गड्ढे को पक्के तौर पर भरा नहीं जाता है। सिर्फ मिट्टी डालकर औपचारिकता निभाई जाती है जो धंसने के बाद फिर गड्ढे में तब्दील हो जाती है।
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