धनखड़ उपराष्ट्रपित पद के उम्मीदवार,गांव में खुशी की लहर

राज्यपाल धनखड़ के भाइयों का जाट समाज ने किया सम्मान

धनखड़ उपराष्ट्रपित पद के उम्मीदवार,गांव में खुशी की लहर

जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान में झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में एक सामान्य किसान परिवार में 18 मई 1951 को हुआ था। इनके पिता चौधरी गोकुलचंद धनखड़ खेती करते थे। धनखड़ ने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ व राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से शिक्षा ग्रहण की थी।

 झुंझुनूं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर झुंझुनूं जाट समाज द्वारा उनके प्रतिनिधि के रूप में उनके भाई यशपाल, चंद्रभान, वेद प्रकाश धनखड़ का सम्मान  जिले के कस्बा पिलानी में आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता संतोष दुगड़ संरक्षक पिलानी जाट समाज व सतवीर झाझड़िया, अजीत श्योराण, जिलाध्यक्ष कृष्ण श्योराण, जयपाल सांगवान, अतर सिंह काजला, राजेंद्र सिहाग, नितेश पूनिया, पार्षद वेद प्रकाश पूनिया, जय ओला, मोहर सिंह बलौदा, अनिल पूनिया, मुकेश धतरवाल, सुरेश, संदीप अर्घ के नेतृत्व में सूरजगढ़ युवा कार्यकारिणी की तरफ से हार्दिक स्वागत व अभिनंदन किया गया तथा मंच का संचालन पिलानी जाट महासभा सचिव महावीर सिंह डूडी के द्वारा किया गया।


गांव में जश्न का माहौल
 जगदीप धनखड़ को उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार की घोषणा के साथ जिले में खुशी की लहर है। गांव में जश्न मनाया गया। ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की है। जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान में झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में एक सामान्य किसान परिवार में 18 मई 1951 को हुआ था। इनके पिता चौधरी गोकुलचंद धनखड़ खेती करते थे। धनखड़ ने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ व राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से शिक्षा ग्रहण की थी। उन्होंने 1977 से राजस्थान उच्च न्यायालय में वकालत करनी शुरू कर दी थी। 1986 में मात्र 35 वर्ष की उम्र में ही धनखड़ राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बन गए थे। वे बार कौंसिल के भी सदस्य रहे हैं। जगदीप धनखड़ ने पश्चिम बंगाल के रा यपाल के रूप में 20 जुलाई 2019 को शपथ ली थी।


  राजनीतिक सफर
नौवीं लोकसभा 1989 से 1991 के लिए राजस्थान में झुंझुनूं संसदीय सीट से जनता दल उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। उसी दौरान कुछ समय के लिए वो वीपी सिंह की सरकार में संसदीय कार्य मंत्रालय में उप मंत्री बने। बाद में चंद्रशेखर की सरकार में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। वहीं 1991 में उन्होंने जनता दल छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। उन्होंने 1991 में कांग्रेस टिकट पर अजमेर से लोकसभा चुनाव लड़ा मगर भाजपा के रासा सिंह रावत से हार गए। 1993 में उन्होंने राजस्थान विधानसभा चुनाव में अजमेर जिले की किशनगढ़ विधानसभा चुनाव से कांग्रेस टिकट पर लड़ कर विजयी हुए। उन्होंने भाजपा के जगजीत सिंह को एक हजार नौ से 58 वोटों से हराया था। 1998 में उन्होंने झुंझुनूं से कांग्रेस टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ कर तीसरे स्थान पर रहे थे।


उन्होंने 2003 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने पर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। धनखड़ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील है तथा इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ आर्बिट्रेशन पेरिस के सदस्य हैं। राजस्थान के जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिलाने में धनखड़ की महत्ती भूमिका रही थी। ज्ञात रहे कि धनखड़ झुंझुनूं अभिभाषक संस्था के भी सदस्य है।

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