आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी से जुड़े आठ लोग गिरफ्तार
निवेशकों के करोड़ों रुपए हड़पने के हैं आरोपी, अदालत ने जेल भेजा
कोवाली थाना पुलिस ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (मल्टी स्टेट) के करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
अजमेर। कोवाली थाना पुलिस ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी (मल्टी स्टेट) के करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही फरार थे। जिन्हें पुलिस करीब तीन साल से तलाश रही थी।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों में सुनारवाड़ा, सिरोही निवासी भरत मोदी (58) पुत्र देवीचन्द मोदी, समीर मोदी (35) पुत्र भरत मोदी, रोहित मोदी पुत्र वीरेन्द्र मोदी, भगत की कोठी, पाली रोड, जोधपुर निवासी वैभव लोढा (37) पुत्र दिनेश कुमार लोढा, आदर्शनगर लिंक रोड, सिरोही निवासी भरत दास (40) पुत्र मानदास, हनुमान नगर, जयपुर निवासी रामेश्वर सिंह (48) पुत्र महावीर, देव नगरी कॉलोनी, सिरोही निवासी विवेक पुरोहित (37) पुत्र प्रकाशचन्द पुरोहित और आदर्शनगर, सिरोही निवासी ईश्वर सिंह (57) पुत्र रणजीत सिंह हैं। पुलिस ने आरोपियों से मामले में गहनता से पूछताछ करने के बाद उन्हें अदालत के समक्ष पेश कर दिया। जिन्हें अदालत ने जेल में रखने के आदेश दिए हैं।
कोतवाली में 38 मुकदमे दर्ज
पुलिस ने सभी आरोपियों को कोतवाली थाने में आईपीसी की धारा 420, 406 व 409 के तहत दर्ज प्रकरण संख्या 101/2019 में गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ कोतवाली थाने में 38 मुकदमे दर्ज हैं, जबकि प्रदेश के अन्य शहरों के थानों में सैकड़ों धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज हैं।
निवेश पर ज्यादा मुनाफे का झांसा
पुलिस जांच में सामने आया कि उक्त आरोपियों द्वारा लोगों को उनकी सोसायटी में निवेश के लिए अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर निवेश के लिए प्रेरित किया गया था। खासकर लोगों को वह उनके निवेश पर अधिक लाभ दिलाने का झांसा देते थे। जिससे लालच में आकर लोगों ने लाखों रुपए का निवेश कर दिया। लेकिन निवेश के परिपक्व होने की निर्धारित अवधि के बाद भी उन्हें भुगतान नहीं कर उनसे धोखाधड़ी की गई, जो कुल रकम कई करोड़ रुपए की है।
एसओजी भी कर रही थी जांच
आरोपी करोड़ों रुपए हड़प करने के बाद अपने कचहरी रोड स्थित आदर्श क्रेडिट कोआॅपरेटिव सोसायटी के कार्यालय पर ताला लगाकर रफूचक्कर हो गए थे। सोसायटी संचालक मंडल पदाधिकारी व कर्मचारियों पर अन्य शहरों में भी मुकदमे दर्ज हुए थे। ऐसे मामलों में एसओजी की टीम भी जांच करने में जुटी हुई थी। सैकड़ों लोग भुगतान नहीं मिलने से काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं।
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