जहरीली शराब
अवैध शराब का धंधा जारी है
बोटाद के रोजिद गांव में कुछ लोगों ने किसी शराब तस्कर से शराब खरीद कर पी थी, लेकिन मृतकों की संख्या 35 से अधिक तक पहुंच गई।
गुजरात के बोटाद जिले में जहरीली शराब से 35 से अधिक लोगों की मौत का हादसा हुआ, लेकिन एक ऐसे प्रदेश में जहां दशकों से शराबबंदी लागू है। ऐसी मौतों से व्यक्त् होता है कि राज्य में अवैध शराब का व्यावार जारी है। बोटाद के रोजिद गांव में कुछ लोगों ने किसी शराब तस्कर से शराब खरीद कर पी थी, लेकिन मृतकों की संख्या 35 से अधिक तक पहुंच गई। अस्पताल में लगभग 50 लोगों का इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। गुजरात के पुलिस महानिदेशक ने बताया है कि यह शराब जहरीले केमिकल मिथाइल एल्कोहल से बनाई गई थी। यह भी पता चला है किसी केमिकल बेचने वाली कंपनी से मिथाइल एल्कोहल खरीदा गया और इसमें पानी मिलाकर शराब के नाम पर बेचा गया। हालांकि पुलिस ने इस मामले में 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने और कुछ लोगों की गिरफ्तारी की बात कही है। सवाल है कि अब तक क्या पुलिस सो रही थी। पुलिस को अच्छी तरह पता है कि राज्य में अवैध शराब की तस्करी होती है और ऐसे दो-तीन मामले हाल ही के पिछले दिनों में सामने आए भी हैं। राज्य में शराबबंदी भले ही हो, लेकिन शहरों से लेकर गांव कस्बों तक में जहरीली शराब का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है।
ऐसे में शराबबंदी के फैसलों और कानून का क्या औचित्य रह जाता है? यह केवल एक दिखावा मात्र रह गया है और लोग जहरीली शराब से बेमौत मर रहे हैं। बोटाद जिले की इस हादसे ने एक बार फिर सरकार और पुलिस प्रशासन को सवालों के घेरे में डाल दिया है। ऐसा इसलिए कि इससे पहले जब भी हादसे हुए है, उनसे कुछ सीखा नहीं गया। पुलिस ही बता रही है कि बोटाद के रोजिद गांव में जहरीली शराब बनाने का काम चल रहा था। इसके लिए मिथाइल एल्कोहल अहमदाबाद से लाया जाता था। पुलिस की जानकारी में यह सब था, तो फिर कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई। यह तक पता नहीं कि शहरों से गांवों तक क्या-क्या चल रहा है।
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