नेटबॉल के आसमान में पंख फैला रही बेटियां

राष्टÑीय व राज्य स्तर पर कोटा को विशेष पहचान दिलाई

नेटबॉल के आसमान में पंख फैला रही बेटियां

कोटा जिले में अन्य खेलों के साथ-साथ महिला खिलाड़ी नेटबॉल में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए परचम लहरा रही है। जिले में लगातार नेटबॉल महिला खिलाड़ियों की पौध तैयार हो रही है।

कोटा। देश में स्पोर्ट्स के क्षेत्र में महिलाओं की भागेदारी बढ़ी है। साथ ही महिलाओं के खेल में शामिल होने से शान बढ़ी हैं। और खेलों में मेडल्स की संख्या भी। कोटा के जेके पवेलियन अंतरराष्टÑीय खेल मैदान में बेटियों को खेल के मैदान में पंख फैलाते हुए देखा जा सकता है। बेटियां नेटबॉल में गेंद डालने का प्रयास तो कहीं कबड्डी में विरोधी को पछाड़ने का जुनून ले रही हैं। स्पर्धा में खेल के प्रति इन बेटियों का इस कदर जोश है कि यह किसी भी कीमत पर सफलता का आसमान छूना चाहती हैं। इसलिए वह खेलों को वह अपना करियर बना रही हैं। महिला खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार भी लगातार कई पहल कर रही है। जिससे महिला खिलाड़ियों को घरेलू और वैश्विक स्तर पर उम्दा प्रदर्शन करने में मदद मिली है। जीवंत और मजबूत राष्टÑ के निर्माण में महिलाओं के योगदान को अब भुलाया नहीं जा सकता। कोटा जिले में अन्य खेलों के साथ-साथ महिला खिलाड़ी नेटबॉल में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए परचम लहरा रही है। जिले में लगातार नेटबॉल महिला खिलाड़ियों की पौध तैयार हो रही है। स्टेडियम के अलावा शहर में चल रहे तमाम प्राइवेट खेल संस्थानों में भी महिला खिलाड़ियों का ग्राफ बढ़ रहा है। कोटा की सैंकड़ों बेटियों ने नेटबॉल में शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्टÑीय व राज्य स्तर पर कोटा को विशेष पहचान दिलाई है।

200 के करीब खिलाड़ी
कोटा में नेटबॉल महिला खिलाड़ियों की संख्या 200 के करीब मानी जाती है। पिछलें 2 वर्षों में कोरोनाकाल के कारण अनेक महिला खिलाड़ियों ने खेलना छोड़ दिया। लेकिन अब फिर से महिला खिलाड़ियों की टीम तैयार हो रही है। कोटा में महिला नेटबॉल खिलाड़ियों के 5 क्लब है। नेटबॉल को बढ़ावा देने के  लिए जिला नेटबॉल संघ द्वारा अथक प्रयास किए जा रहे है।

राज्य स्तर की महिला खिलाड़ी
सविता रावत, दीक्षिता वर्मा, अनुभूति चतूर्वेदी, सरिता स्वामी, निरवत खानम, खुशबु जैन, गरिमा, प्रियंका कुमारी सहित अनेक महिला खिलाड़ियों ने राज्य स्तर पर कोटा का प्रतिनिधित्व करते हुए गोल्ड व सिल्वर मेडल हासिल किए हैं।

मिल रहा है बढ़ावा
नेटबॉल में सरकार व खेल विभाग के प्रयासों से लगातार बेटियों को बढ़ावा मिल रहा है। यही वजह है की अब खेलों में बेटियां बढ Þचढ़कर भाग ले रही हैं। इसके साथ ही अब बेटियों को परिवार का सहयोग मिल रहा है। पहले लड़कियों को खेलने के लिए घर से बाहर नहीं भेजा जाता था। जिसकी वजह से वह आगे नहीं बढ़ पाती थी। बालिका शिक्षा के साथ-साथ खेलों को बढ़ावा मिल रहा है।
- कविता सेन, कोच

मिल रही है मंजिल
खेलों में नाम और शोहरत दोनों हैं। इसलिए लड़कियां ग्राउंड पर दिन रात मेहनत करती है। कोटा में ऐसी अनेक खिलाड़ी है, जिन्होंने खेलों के माध्यम से अपनी मंजिल हासिल की है। मुझे राष्टÑीय स्तर का खिलाड़ी बनना है और यह मेरा सपना है। मैं अपने सपने को सच करके रहंूगी। खेलों को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तर पर लगातार आयोजन होते रहने चाहिए। यह आयोजन खिलाड़ियों के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।
- मरजीना, खिलाड़ी     

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