हर जगह लावारिस मवेशियों का जमावड़ा, यातायात हो रहा प्रभावित
हाइवे से लेकर कस्बे की गलियों व मुख्य मार्गों पर दुर्घटनाओं की बनी रहती है आशंका, संभागीय आयुक्त के निर्देशों की नहीं हो रही पालना
कस्बे में हाइवे 70 से लेकर गली मोहल्लों और मुख्य बाजारों व सड़कों पर आवारा मवेशियों के जमावड़े से एक तरफ तो आए दिन यातायात प्रभावित होता रहता है वहीं दूसरी ओर दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है।
सुल्तानपुर। कस्बे में हाइवे 70 से लेकर गली मोहल्लों और मुख्य बाजारों व सड़कों पर आवारा मवेशियों के जमावड़े से एक तरफ तो आए दिन यातायात प्रभावित होता रहता है वहीं दूसरी ओर दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। जानकारी के अनुसार पिछले दिनों मुख्य सचिव द्वारा आयोजित वीडियो कांफ्रेंस में हुई चर्चा के बाद हाइवे, मेगा हाईवे एवं अन्य सार्वजनिक मार्गों पर पशुओं के बैठने को गंभीरता से लिया गया था। रात्रि के समय रोड पर बैठे हुए पशु नजर न आने के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस संबंध में एनएचएआई संबंधित एजेंसी एवं रोड के आसपास के क्षेत्र की ग्राम पंचायत नगर पालिका को पाबंद करते हुए राजमार्ग पर एवं अन्य सार्वजनिक मार्गों पर पशुओं को बैठने से रोकने की कार्यवाही की चर्चा की गई थी। जिसके तहत संभागीय आयुक्त दीपक नंदी द्वारा 5 अगस्त को कोटा, बूंदी, बारां एवं झालावाड़ जिले में आदेश निकाला गया था कि हाइवे व मेगा हाइवे एवं अन्य सार्वजनिक मार्गों पर बैठने वाले पशुओं को हटाने की व्यवस्था की जाए।
लेकिन लेटर जारी होने के 2 दिन बाद तक इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है। कस्बे से गुजर रहे स्टेट हाइवे 70 पर जगह-जगह आवारा जानवरों के जमावड़े के चलते यातायात प्रभावित होने के साथ ही आए दिन छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जिसमें कभी तो जानवरों को चोटिल होना पड़ता है तो कभी बाइक सवारों को भी चोट लगती है। सड़कों पर जानवर बैठे रहने से जब बड़े वाहन सड़कों से गुजरते हैं तो जानवरों को भी आए दिन चोटें लग जाती हैं। जिससे जानवरों के पैरों से खून निकलता रहता है। इसके लिए न तो कोई जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं और ना ही प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। कस्बे सहित क्षेत्र में गोवंश की स्थिति दयनीय होती जा रही है। क्षेत्र की सड़कों पर बाजारों में सर्वाधिक स्थानों पर गोवंश का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे हादसों का अंदेशा बना रहता है। कई बार वाहनों की टक्कर से गोवंश की मृत्यु तक हो जाती है। अनेक बार गोवंश घायल हो जाते हैं। ग्रामीण छोड़ जाते हैं गोवंश कस्बे में क्षेत्र के आसपास के गांवों के किसान व अन्य लोग अपने गांव व खेतों से आवारा जानवरों को रात्रि के समय कस्बे की सड़कों पर छोड़ जाते हैं। जिससे अधिक समस्याएं बन रही हैं। क्योंकि वर्तमान में गायों के लिए जो चारागाह की जमीन हैं उन पर किसानों ने अतिक्रमण कर कब्जे कर लिए हैं। जानवरों के लिए चरने के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी है। जिससे जानवरों को भी समस्याएं आ रही हैं।
इनका कहना है......
नगर पालिका द्वारा पूर्व में सुल्तानपुर कस्बे में बैठने वाली 200 आवारा गायों को कस्बे की गौशाला में भिजवा दिया गया है। जिसके चलते गौशाला में क्षमता से अधिक गाय हो गई हैं। गौशाला में 500 गाय रखने की क्षमता है। जबकि वर्तमान में करीब 800 गाय गौशाला में हो गई हैं। अधिक गाय होने से गौशाला में रखरखाव की व्यवस्थाओं के साथ ही चार की भी कमी होने की आशंका है। -रमेश खंडेलवाल, महामंत्री, श्रीगोपाल गौशाला
गोवंश की इस दुर्दशा को सुधारने के लिए जनप्रतिनिधियों और प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। गोवंश ऊपर दिया जाने वाला अनुदान जिसका लाभ गोवंश को पूर्णतया नहीं मिल पा रहा है। जिससे दिनों दिन गोवंश की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यहां घूमते बेसहारा गोवंश की स्थानीय स्तर पर भी कोई देखभाल व रखरखाव की व्यवस्था नहीं की जा रही है। इस संदर्भ में कई बार अवगत करा दिया गया है। लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। शीघ्र समस्या का समाधान नहीं हुआ तो युवाओं को उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। -विष्णु गोस्वामी, अध्यक्ष, व्यापार महासंघ
कस्बे में बाजार में जितनी भी गाय थीं, उन्हें गौशाला में भिजवा दिया गया था। लेकिन आसपास के गांव से रात्रि में लोग कस्बे में गाय छोड़ जाते हैं। जिससे समस्याएं अधिक बढ़ गई हैं। सड़कों से गाय हटाने के लिए शीघ्र ही कोई उपाय किया जाएगा। -हेमलता शर्मा, चेयरमैन, नगर पालिका
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