स्कूल बहा रहा अपनी बदहाली पर आंसू

गजरौन के राजकीय प्राथमिक स्कूल का मामला : टपकती छतों व फर्श पर भरे बरसाती पानी के बीच पढ़ने को मजबूर नौनिहाल

स्कूल बहा रहा अपनी बदहाली पर आंसू

भंवरगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत घट्टी के गजरौन गांव का राजकीय प्राथमिक विद्यालय जहां अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है वहीं विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी बरसात के मौसम में टपकती छतों व फर्श पर भरे बरसाती पानी के बीच पढ़ने को मजबूर हैं।

भंवरगढ़। भंवरगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत घट्टी के गजरौन गांव का राजकीय प्राथमिक विद्यालय जहां अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है वहीं विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी बरसात के मौसम में टपकती छतों व फर्श पर भरे बरसाती पानी के बीच पढ़ने को मजबूर हैं। विद्यालय की स्थापना के बाद 1994 में क्षेत्र में शिक्षा की ज्योति जलाने वाली संस्था लोक जुंबिश परियोजना द्वारा विद्यार्थियों के बैठने के लिए तीन कमरे वह एक प्रधानाध्यापक कक्ष का निर्माण करवाया था कुछ साल तो सब कुछ अच्छा रहा किंतु गत 4 वर्ष से भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। जगह-जगह से उखड़ है प्लास्तर पूरे विद्यालय भवन का प्लास्टर जगह-जगह से उखड़ गया हैछतों से पानी टपक रहा है। फर्श पर बरसाती पानी भरा रहता है खिड़की दरवाजे भी पूरी तरह जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच गए हैं। विद्यालय में अध्ययन करने वाले छात्र छात्राओं के अभिभावकों द्वारा पूर्व में ग्राम पंचायत से लेकर उच्चाधिकारियों तक विद्यालय भवन की मरम्मत अथवा नवीन भवन बनाने के लिए कई बार लिखित में प्रार्थना पत्र दिया जा चुका है किंतु नतीजा वही ढाक के तीन पात है। यहां तैनात प्रधानाध्यापक दीनदयाल सेन ने बताया कि विगत 3 वर्ष से वह भी प्रयासरत हैं यहां विद्यालय के तीन कमरों में से एक कमरा आंगनवाड़ी को दिया हुआ है। एक कमरे में स्टाफ रूम है दो कमरों में कक्षा एक से पांचवी तक के बच्चों की पढ़ाई करवाई जाती है। विद्यालय में वर्तमान में 60 बच्चों का नामांकन है। पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी से लेकर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ग्राम सरपंच वह क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को गत 3 वर्ष से लगातार प्रार्थना पत्र दे रहे हैं। वहां से अभी तक केवल आश्वासन ही मिला है इधर टपकती छतें वह फर्श पर भरा बरसाती पानी बच्चों के भविष्य को अंधकारमय कर रहा है। बड़ा हादसा होने का भी डर अभिभावकों ने बताया कि समय रहते भवन की मरम्मत नहीं हुई तो कभी बड़ा हादसा होने का भी डर रहता है। जिसके कारण बच्चे डर के साए में पढ़ने पर मजबूर है। अभिभावकों ने अविलंब जिला प्रशासन से विद्यालय भवन की मरम्मत करवा राहत प्रदान करने की मांग की है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय गजरोन का मामला मेरे ध्यान में है। सर्कुलर के तहत तेज बरसात होने पर बच्चों के भविष्य को देखते हुए सुरक्षित स्थान पर पढ़ाई कराने के निर्देश जारी किए हुए हैं। विद्यालय की मरम्मत के लिए एक सप्ताह के अंदर कनिष्ठ अभियंता से एस्टीमेट बनवाकर समग्र शिक्षा अभियान बारां को प्रेषित कर अतिशीघ्र भवन की मरम्मत करवाने के प्रयास किए जाएंगे। -राजेंद्र प्रसाद झज्जर, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, किशनगंज।

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