मोदी ने कृषि क्षेत्र को विविधतापूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने का किया आह्वान 

पशुपालन पर भी लागू होती है

मोदी ने कृषि क्षेत्र को विविधतापूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने का किया आह्वान 

मोदी ने उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि खेती की समस्याओं के लिये मोनोकल्चर ही एकमात्र समाधान नहीं है, बल्कि इसमें विविधता बहुत आवश्यकता है।

गौतमबुद्धनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व समुदाय से खेती की वैज्ञानिक एवं पारंपरिक विधियां अपनाकर कृषि क्षेत्र को विविधतापूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि एक ही तरह की पद्धति पर आधारित मोनोकल्चर खेती की समस्याओं का समाधान नहीं है। मोदी ने उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि खेती की समस्याओं के लिये मोनोकल्चर ही एकमात्र समाधान नहीं है, बल्कि इसमें विविधता बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह बात पशुपालन पर भी लागू होती है। 
मोदी ने 50 देशों से आये प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेती में मोनोकल्चर ही समाधान नहीं है, बल्कि विविधता बहुत आवश्यकता है। यह पशुपालन पर भी लागू होता है। वैश्विक स्तर पर डेयरी सेक्टर, ना सिर्फ विश्व अर्थतंत्र को मजबूती देता है, बल्कि करोड़ों परिवारों की आजीविका को भी बल देता है। मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी क्षेत्र में अत्यधिक दुग्ध उत्पादन (मास प्रोडक्शन) करने से ज्यादा, लोगों द्वारा उत्पादन करने (प्रोडक्शन बाइ मासिस) वाले देश की है। इसीलिये भारत का डेयरी क्षेत्र सहकारी मॉडल पर आधारित है, जिसकी मिसाल दुनिया में कहीं और नहीं मिलती है। इस कारण बिचौलियों के अभाव में भारत के दुग्ध उत्पादकों को अधिकतम लाभ मिल पाता है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के पशुपालन क्षेत्र में नारी शक्ति के अग्रणी योगदान को विश्व फलक पर ले जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर में 70 प्रतिशत नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व है। भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलायें हैं। इतना ही नहीं भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं।

Post Comment

Comment List

Latest News