अब बच्चों को टीका

अब बच्चों को टीका

देश के बच्चों को भी इसी महीने से टीके लगाने का अभियान शुरू होने वाला है, जो एक बड़ी राहतकारी पहल है।

कोरोना संक्रमण अभी काफी निचले स्तर पर है, लेकिन दिवाली के बाद देश के कुछ इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामले मामूली रूप से बढ़ते भी सामने आ रहे हैं। वैसे कोरोना का विस्तार काफी कम हुआ है। देश में वैक्सीनेशन अभियान की सफलता के बाद ही कोरोना संक्रमण के विस्तार पर अंकुश लगा है। इसलिए यह जरूरी है कि जिन लोगों ने अभी तक भी टीके नहीं लगवाए हैं, उन्हें जल्द से जल्द लगवाने को आगे आना चाहिए। इसी बीच खबर है कि देश के बच्चों को भी इसी महीने से टीके लगाने का अभियान शुरू होने वाला है, जो एक बड़ी राहतकारी पहल है। केन्द्र सरकार ने इस साल अगस्त में बच्चों के पहले स्वदेशी टीके जायकोव-डी को मंजूरी देकर बारह से अठारह साल के किशोरों के टीकाकरण का रास्ता साफ कर दिया था। अब सरकार ने अहमदाबाद की कंपनी जॉयडस कैडिला को तीन खुराक वाले जॉयकोव-डी के एक करोड़ टीके खरीदने का आॅर्डर दे दिया है। इस टीके की खासियत यह है कि यह नीडल फ्री है, जिसकी तीन खुराक एक महीने के अंदर ही लगाई जाएगी। को-वैक्सीन की भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने भी 2 से 18 साल के बच्चों के लिए भी टीका तैयार कर लिया है। इसके तमाम तरह के परीक्षण भी किए जा चुके हैं। यह दुनिया का एक मात्र टीका है जो पांच साल की उम्र के बच्चों के लिए तैयार हुआ है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को-वैक्सीन को पहले ही मान्यता दे चुका है। अब यह टीका दुनिया के बाजारों में भी उपलब्ध होगा। भारत में अब स्कूल-कॉलेज पूरी तरह खोल दिए गए हैं तो बच्चों वाला टीका काफी उपयोगी सिद्ध होगा। एक अनुमान के अनुसार देश में 18 से कम उम्र के 43-44 करोड़ बच्चे हैं। सभी को एक साथ टीका लगाना मुश्किल होगा। संभवत: टीकाकरण चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। इससे हर उम्र के लोगों को कोरोना से बचाव का सुरक्षा कवच मिल जाएगा और आगे चलकर हम कोरोना से जंग जीतने में कामयाब हो सकेंगे। कैडिला का दावा है कि वह हर महीने एक करोड़ टीके बनाकर देगी। कई देशों में पहले ही बच्चों को टीके लगने शुरु हो गए और अब भारत में शुरू होगा, एक बड़ी उपलब्धि होगी।

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