पाठक का हित और विश्वसनीयता सर्वोपरि

ह्रदय के अंतरतल से हार्दिक अभिनन्दन

पाठक का हित और विश्वसनीयता सर्वोपरि

इस 41 वर्ष की यात्रा में पाठकों के साथ ही एजेन्ट, संवाददाता और विज्ञापन दाताओं का भी हमें दृढ़ संबल मिलता रहा। हम इन सभी सहयोगियों को भी अनन्त शुभकामनाएं  प्रेषित करते हैं।

दैनिक नवज्योति के समग्र पाठकवृंद का ह्रदय के अंतरतल से हार्दिक अभिनन्दन। दैनिक नवज्योति के कोटा संस्करण ने अपनी स्थापना के 41 वर्ष पूर्ण कर लिए। इस दौरान पाठकों के स्नेह की अपार शक्ति हमारे साथ रही। इस 41 वर्ष की यात्रा में पाठकों के साथ ही एजेन्ट, संवाददाता और विज्ञापन दाताओं का भी हमें दृढ़ संबल मिलता रहा। हम इन सभी सहयोगियों को भी अनन्त शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं। पाठकों के साथ इन्हीं सशक्त सहयोगियों की बदौलत निष्पक्ष, निर्भीक होकर नवज्योति विकास की डगर पर लगातार अग्रसर होता रहा। इन्ही के सम्बल  के चलते नवज्योति छोटे से पौधे से  बरगद सरीखा पेड़ बन सका। आज इसकी छांव में हजारों लाखों लोगों की अपेक्षाएं और आशााएं फल-फूल रही हैं। इस समय  यह कहना जरूरी है कि सोशल मीडिया की उपस्थिति और गला काट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में भी नवज्योति ने अपने सिद्धांत और  खबरों की निष्पक्षता तथा विश्वसनीयता से कभी कोई समझौता नहीं किया। हालांकि कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा। लेकिन पाठकों के अपार स्नेह के आगे वह मुश्किलें समाचार पत्र पर हावी नहीं हो सकी। हमने लगातार पाठकों के हित को सर्वोपरि मान कर विश्वसनीयता के साथ प्रतिदिन नयापन देने की कोशिश की। मेरे दादाजी स्वर्गीय कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी द्वारा स्वतंत्रता आन्दोलन के दौर में 85 साल पहले जलाई ज्योति आप सभी के सहयोग से बरकरार है। एक मिशन के रूप में शुरू हुआ समाचार पत्र विभिन्न दौर देखता हुआ धीरे-धीरे प्रोफेशनल में बदला। समय के साथ पत्रकारिता और समाचार पत्र का स्वरूप बदलता रहा। इसके साथ ही पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा शुरू हुई। सबसे पहले समाचार देने की आपाधापी में अपुष्ट और आरोप प्रत्यारोप के समाचारों की बाढ़ आने से समाचार पत्रों की गरिमा पर प्रश्न उठने लगे।

ऐसे कठिन दौर में भी प्रामाणिकता के साथ अपने अतीत तथा अस्तित्व को अक्षुण्ण बनाए रखना और बदलते समय के अनुसार पाठकों की रुचि के अनुरूप कलेवर को नई प्रिंटिंग तकनीक के साथ पेश करते हुए स्पर्धा में डटे रहना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती रही। हालांकि इस चुनौती का सामना करने के लिए दैनिक नवज्योति को पाठकों से बराबर ताकत और विश्वास मिलता रहा।  मेरे दादाजी कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी, ने इस समाचार पत्र की बुनियाद 2 अक्टूबर,1936 में अजमेर के केसरगंज में एक सप्ताहिक अखबार के रूप में रखी थी। वह वटवृक्ष के रूप में समाचार जगत की बगिया में अपनी खुशबू बिखेर रहा है। देश के आजाद होते ही अजमेर संस्करण को दैनिक समाचार पत्र के रूप में लाया गया। वर्ष 1960 में इसका जयपुर से संस्करण शुरू हुआ। कोटा में 1981 में और 21वीं सदी के शुरुआत में वर्ष 2004 में जोधपुर संस्करण शुरू हुआ। मुद्रण की नवीनतम आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए समाचारों और विचारों की नई विषय वस्तु के चयन और तेवर में समयानुकूल बदलाव लाकर हर रोज नई भोर की ज्योति में दैनिक नवज्योति घर-घर सच को पहुंचा रहा है। नवज्योति ने कभी भी एक तरफा,सनसनीखेज और मसालेदार पत्रकारिता को नहीं अपनाया। जो सही था, उसे ही बिना लाग लपेट निष्पक्ष तरीके से पाठकों तक पहुंचाया। यही कारण रहा कि हमारी अधिकांश खबरों पर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई तो की ही न्यायालयों ने प्रसंज्ञान लेकर मामलों की सुनवाई भी की।

आवारा पशुओं के कारण हो रही हादसे हों या सीवरेज से होने वाले हादसे, निर्माण कार्यों के चलते होने वाली परेशानी हो या बूढ़ी सड़कों पर दचके खाने की मजबूरी। अतिक्रमण से बिगड़ रहे सौन्दर्य का मुद्दा हो या नहरों, नदियों के प्रदूषण की बात। मुकंदरा में बाघों की मौत और लोगों के विस्थापन का मसला हो या टोल प्लाजा की मनमानी, कोविड व पोस्ट कोविड का कहर हो या अस्पतालों में अपर्याप्त संसाधन की स्थितियां, हमारी खबरों पर न्यायालयों ने जिम्मेदार अधिकारियों को तलब कर जनता को राहत का रास्ता खोला। जब कोचिंग सिटी के नाम से विख्यात हमारे कोटा में बच्चों की आत्महत्या के प्रकरण बढ़ने लगे तो इससे कोटा की छवि धूमिल होने लगी। इस मुद्दे को लेकर भी हमने काम किया। परिणाम यह निकला कि जिला प्रशासन इन मुद्दों के प्रति गंभीर हुआ। प्रशासन ने गाइड लाइन में हमारे भी कुछ सुझावों को शामिल किया गया। हाडौती के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए हमने प्राथमिक, माध्यमिक और कॉलेज शिक्षा के गिरते स्तर को सशक्त करने के उद्देश्य को लेकर ह्लक्वालिटी एजुकेशन क्यों नहींह्व शीर्षक के साथ अभियान के रुप में समाचारों का प्रकाशन किया। हमारी खबरों के प्रकाशन के बाद न्यायालय ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को तलब कर व्यवस्था सुधार के निर्देश दिए। इसके साथ संभागीय आयुक्त ने भी संभाग के सभी राजपत्रित अधिकारियों को माह में दो दिन अपने नजदीक के स्कूल में पढ़ाने के निर्देश दिए। जिससे बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन मिल सके और अधिकारी स्कूलों पर निगरानी रख सकें। बारिश के समय बरसात के स्थानीय पानी के साथ मध्य प्रदेश से बांधों के जरिए आने वाले जल प्रवाह से शहर की निचली बस्तियों में पानी भरना और सैकड़ों लोगों का बेघर होना जैसे परंपरा बन गई थी। हमने इस मुद्दे पर बेबाकी के साथ सेन्ट्रल स्प्रेड पेज देकर बाढ़ के हालात प्रशासन के सामने रखे। शहर में चल रहे सौन्दर्यीकरण के   कार्यों को लेकर भी हमने कई रचनात्मक और सकारात्मक समाचारों का प्रकाशन किया। आकर्षक रिवर फ्रंट, सुन्दर अंटाघर अंडर पास, सेल्फी प्वाइंट बना जेल चौराहा, घोडेवाला बाबा चौराहा, अदालत चौराहा, विवेकानन्द चौराहा,गवर्नमेंट कॉलेज के रोशनी से जगमगाते आकर्षक चित्र प्रकाशित कर शहर की काया पलट को पाठकों के सामने रखा।

शहर के ओवर ब्रिज और अंडर पास बनने के बाद शहर कितना सुन्दर नजर आएगा? हमने इसकी एक परिकल्पना भी प्रस्तुत की। समाचारों के माध्यम से हमने यह भी बताया कि कुछ परेशानी दूर हो जाए तो भविष्य में हमारा शहर न्यूयार्क जैसा स्वच्छ और सुन्दर बन सकता है। कोटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्थापना को लेकर हमने सदैव सक्रियता और सकारात्मक सोच के साथ हर एंगल से समाचारों का प्रकाशन किया जिससे हाडौती में एयरपोर्ट की राह आसान हो सके। सामाजिक सरोकार के तहत हमने स्कूलों में रचनात्मकता समृद्ध करने तथा बच्चों की प्रतिभा को एक मंच देने के साथ शिक्षकों की गरिमा और सम्मान बनाए रखने के उद्देश्य से स्कूलों में इवेन्टस आयोजित किए। पिछले वर्षों में हमने नवज्योति कार्यालय में हमने कोविड वैक्सीनेशन शिविर लगाए थे। इस वर्ष भी यह कार्य सतत रूप से जारी रहेगा। हाड़ौती के पाठकों के बीच निष्पक्ष व निर्भीकता के साथ खबर पहुंचाना समाचार पत्र का मुख्य उद्देश्य रहा।  पिछले आठ दशक में दैनिक नवज्योति की यही विरासत रही है। विरासत और परम्पराओं के मूल तत्व को हाड़ा राजपूतों के शौर्य, आन बान और शान की कई गौरव गाथाओं को समेटे वीर प्रसूता हाडौती की यह  धरा बखूबी समझती है।  क्योंकि इसकी विकास यात्रा भी इसके स्थापना काल में दैनिक नवज्योति जैसी रही है। शौर्य, स्वाभिमान और अपनत्व से भरी। यही वह प्रमुख कारक हैं, जिनकी बदौलत दैनिक नवज्योति अब तक लोगों की आवाज बना हुआ है। पुनश्च:सभी शुभचिंतकों का आत्मिक आभार। जय हिंद।

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- नरेन्द्र चौधरी

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