
घुसपैठियों को पहचानने में मदद करेगा फेस डिटैक्शन सिक्योरिटी सिस्टम, आर्मी स्कूल के विद्यार्थियों ने किया अविष्कार
छात्रों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में लहराया परचम
यह-फेस डिटैक्शन सिक्योरिटी सिस्टम- प्रोजेक्ट कम्प्यूटर विजन तकनीक पर आधारित है। अल्ट्रासोनिक सेंसर तकनीक द्वारा निर्मित यह कार मार्ग में अवरोधों को पहचानकर दुर्घटना की आशंका समाप्त कर देती है और स्वत ही अपना रास्ता बदल लेती है।
बीकानेर। आर्मी स्कूल बीकानेर के विद्यार्थियों वंश, एशवीर, आकाश, अमन तथा अशवंध ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता) के माध्यम से सीमा क्षेत्रों में घुसपेठियों और अवांछित व्यक्तियों को तत्काल पहचानने का एक फेस डिटैक्शन सिक्योरिटी सिस्टम का अविष्कार किया है। इस अविष्कार का प्रयोग कर सुरक्षा एजेन्सियां भारत की सीमा क्षेत्र में घुसने वाले घुसपेठियों तथा अवांछित लोगों के बारे में तत्काल सूचना पाकर सतर्क हो सकेंगी। आर्मी पब्लिक स्कूल बीकानेर की प्राचार्य नीना सिंह ने बताया कि स्कूल के कम्प्यूटर त्रिभाग के विभागाध्यक्ष योगेश शर्मा के निर्देशन में ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों, टीम लीडर वंश, एशवीर, आकाश, अमन तथा अशवंध ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बूटकेंप में ऐसा अनूठा और अद्भुत फेस डिटैक्शन सिक्योरिटी सिस्टम का अविष्कार किया है।उन्होंने बताया कि इस फेस डिटैक्शन सिक्योरिटी सिस्टम के इस्तेमाल से देश के सीमा क्षेत्रों में घुसपेठियों और अवांछित व्यक्तियों को तत्काल पहचानकर सुरक्षा एजेन्सियों को सतर्क किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि यह-फेस डिटैक्शन सिक्योरिटी सिस्टम- प्रोजेक्ट कम्प्यूटर विजन तकनीक पर आधारित है।
दुर्घटना की आशंका समाप्त करेगी यह कार
आर्मी स्कूल के ही विद्यार्थियों ने एआई अनेबल्ड ओब्सटेकल अवोइडिंग स्मार्ट कार-का भी अविष्कार किया है। अल्ट्रासोनिक सेंसर तकनीक द्वारा निर्मित यह कार मार्ग में अवरोधों को पहचानकर दुर्घटना की आशंका समाप्त कर देती है और स्वत ही अपना रास्ता बदल लेती है। प्राचार्य नीना सिंह के अनुसार ये सभी प्रोजेक्ट भविष्य के डिजिटल इंडिया की झांकी प्रस्तुत करते हैं।
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