राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह आयोजित : कर्नल संतोष बाबू महावीर चक्र और सूबेदार संजीव कीर्ति चक्र से सम्मानित

राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह आयोजित : कर्नल संतोष बाबू महावीर चक्र और सूबेदार संजीव कीर्ति चक्र से सम्मानित

वीरता पुरस्कार पाने वाले भारत मां के वीर सपूतों में से सात को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जान की बाजी लगाकर मातृभूमि की रक्षा करने वाले भारत मां के जांबाज सपूतों को आज रक्षा अलंकरण समारोह में वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया जिनमें गलवान घाटी में जौहर दिखाने वाले कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र , सूबेदार संजीव कुमार को कीर्ति चक्र , पांच शूरवीरों को वीर चक्र और छह रणबांकुरों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। कोविंद ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान ये पुरस्कार प्रदान किये।  वीरता पुरस्कार पाने वाले भारत मां के वीर सपूतों में से सात को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है।


रक्षा अलंकरण समारोह में कई अन्य सैन्य अधिकारियों को विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए भी सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों की घोषणा पहले ही कर दी गयी थी लेकिन राष्ट्रपति ने मंगलवार को अधिकारियों को इन पुरस्कारों से नवाजा।  इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अनेक गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।

कर्नल बाबू ने पूर्वी  गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में अपनी जान की बाजी लगा दी

सेना की बिहार रेजिमेंट के कर्नल बाबू ने पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान कुशल नेतृत्व और बहादुरी का परिचय देते हुए मातृ भूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी। उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी तथा मां ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।

सूबेदार संजीव कुमार ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए एक आतंकवादी को ढेर कर,  मातृ भूमि की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान दिया
सेना की पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्स) के सूबेदार संजीव कुमार ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए एक आतंकवादी को मार गिराया तथा एक अन्य को घायल कर दिया। आतंकवादियों से लड़ते हुए उन्होंने मातृ भूमि की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी ने यह सम्मान लिया।

बिहार रेजिमेंट के नायब सूबेदार नदूराम सोरेन ने भी दुश्मन से मुकाबला करते हुए प्राणों की बाजी लगा दी जिसके लिए उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।

 सेना की 81 फील्ड रेजिमेंट के हवलदार के पलानी को भी मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी ने यह सम्मान लिया। बिहार रेजिमेंट के नायक दीपक ङ्क्षसह को भी मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी को यह सम्मान प्रदान किया गया। पंजाब रेजिमेंट के सिपाही गुरतेज सिंह को अदम्य साहस तथा वीरता के लिए  मरणोपरांत वीर चक्र से नवाजा गया। उनके मांता पिता ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।

 राष्ट्रीय राइफल्स के जांबाज मेजर अनुज सूद को भी आतंकवादियों से लोहा लेते हुए मरते दम तक मातृभूमि की रक्षा करने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।

सेना की 3 मीडियम रेजिमेंट के हवलदार तेजिन्दर ङ्क्षसह को वीर चक्र , पैराशूट रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण ङ्क्षसह रावत , मराठा लाइट इंफेन्ट्री के मेजर अनिल उर्स , असम राइफल्स के राइफलमैन प्रणव ज्योति दास , पैराशूट रेजिमेंट के सोनम शेरिंग तमंग  और वायु सेना के पायलट विंग कमांडर विशाक नायर को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।

इसके अलावा उल्लेखनीय तथा विशिष्ट सेवा के लिए 16 सैन्य अधिकारियों को परम विशिष्ट सेवा पदक, दो को उत्तम युद्ध सेवा पदक  और 25 को अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।

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