मोबाइल की ऐसी लत! पांच दिन से न सोया, न खाया, न पिया, भूल गया सब कुछ, अब अस्पताल में भर्ती
मनोचिकित्सक ने शुरू किया इलाज
चूरू। जिले के साहवा कस्बे के 20 वर्षीय युवक को मोबाइल की ऐसी लत लगी कि वह अब मानसिक रोगी बन गया है। पिछले एक महीने से अपना काम धंधा छोड़कर मोबाइल में लगा युवक, पांच दिन से सो भी नहीं पाया है। जब तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो परिजन उसे चूरू के राजकीय भरतिया अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड लेकर पहुंचे। जहां मनोचिकित्सक के द्वारा युवक का इलाज शुरू किया गया है।
मोबाइल की लत में पहले काम धंधा छोड़ा
युवक के परिवार में चाचा अरबाज ने बताया कि 20 वर्षीय अकरम गांव में ही बिजली की मोटर वाइडिंग का काम करता है। पिछले एक महीने से वह अधिकतर समय मोबाइल पर बिताने लगा था। मोबाइल के चलते उसने अपना काम भी छोड़ दिया था। परिजनों द्वारा बार-बार कहने पर भी वह मोबाइल को नहीं छोड़ता था।
पूरी-पूरी रात खेलता गेम
गत कुछ दिनों से तो वह पूरी-पूरी रात मोबाइल पर चेट और गेम खेलता रहता। इस कारण उसने खाना पीना भी छोड़ दिया था। अकरम की मां ने बताया कि अब तो अकरम खाना भी नहीं खा रहा। रात को जब खाना देने कमरे में जाती हूं तो खाने को बिस्तर पर बिखेर देता है। इस संबंध में मानसिक रोग विषेशज्ञ डॉ. जितेन्द्र कुमार ने बताया कि युवक की सिटी स्केन करवाई गई है, जिसका इलाज शुरू किया गया है।
मोबाइल और इंटरनेट की लत आज समाज में जहर की तरह घुल गई है। इसलिए बच्चों को मोबाइल से दूर रखें। युवाओं और बड़ों को भी प्रोफेशनल काम के अलावा दो घंटे से ज्यादा मोबाइल या स्क्रीन यूज नहीं करना चाहिए। इससे ज्यादा यूज करने पर मोबाइल या इंटरनेट एडिक्शन का खतरा पैदा हो जाता है, जो कि ड्रग्स के एडिक्शन की तरह है और मानसिक रोगी बना सकता है। -डॉ. शिव गौतम, वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ जयपुर
जरूरत से ज्यादा मोबाइल का यूज करने से कई बार मानसिक रोग का शिकार हो सकते हैं। इसके कारण कई बार व्यक्ति अवसाद और हिंसा की भावना से भी घिर जाता है। समाज में इस तरह की घटनाएं अब ज्यादा देखने को मिल रही हैं। ऐसे में मोबाइल एडिक्शन से बचें और कम से कम मोबाइल, कम्प्यूटर और इंटरनेट का प्रयोग करें। -डॉ. जीडी नाटाणी, वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ, जयपुर
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