नीट पीजी काउंसलिंग में देरी का मामला : रेजीडेंट्स डॉक्टरों का रहेगा कार्य बहिष्कार, वार्ता विफल

नीट पीजी काउंसलिंग में देरी का मामला : रेजीडेंट्स डॉक्टरों का रहेगा कार्य बहिष्कार, वार्ता विफल

विभागीय अधिकारियों के साथ सोमवार को हुई बातचीत, मरीजों की जान पर बन गया है संकट

 जयपुर। नीट पीजी काउंसलिंग में देरी सहित अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर रेजीडेंट डॉक्टर्स ने अब और भी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। रेजीडेंट्स ने अब जयपुर सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में सोमवार रात आठ बजे के बाद सभी तरह की सेवाओं का बहिष्कार शुरू कर दिया है। इससे पहले रेजीडेंट्स ने इमरजेंसी सेवाओं को कार्य बहिष्कार से मुक्त रखा था।


वहीं रेजीडेंट्स डॉक्टर्स की सोमवार शाम को चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार, अजमेर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सहित विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में वार्ता हुई। वार्ता में जयपुर एसोसिएशन आॅफ रेजीडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधि मौजूद रहे। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अमित यादव ने बताया कि वार्ता में सभी आठ मांगों पर चर्चा हुई, लेकिन लिखित में समझौता नहीं होने से बात नहीं बनी। ऐसे में एसोसिएशन ने सोमवार रात आठ बजे से इमरजेंसी सहित सभी तरह की सेवाओं का बहिष्कार करने का निर्णय लेते हुए कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। डॉ. यादव ने बताया कि जब तक हमारी मांगों पर लिखित में समझौता नहीं किया जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

अब मरीजों की और बढ़ेगी परेशानी
पिछले आठ दिनों से लगातार हड़ताल के कारण मरीज परेशान हो रहे हैं। वहीं अब मरीजों की परेशानी और बढ़ जाएगी। इमरजेंसी सेवाएं भी बाधित होने से गंभीर मरीजों को भी एसएमएस सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में इलाज मिलने में परेशानी होगी। वहीं रेजीडेंट्स के कार्य बहिष्कार से एसएमएस अस्पताल की ओपीडी सेवाओं का हाल बेहाल है। मुट्ठी भर सीनियर डॉक्टर्स के भरोसे मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। आॅपरेशन लगातार टाले जा रहे हैं। अब लेबर रूम और आईसीयू में भी कार्य बहिष्कार से गंभीर मरीजों की जान पर भी संकट पैदा हो गया है। ऐसे में राज्य सरकार को भी रेजीडेंट्स के साथ वार्ता कर समस्या का हल निकालना होगा नहीं तो मौसमी बीमारियों और कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच मरीजों की जान पर बनी रहेगी।

 

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