इजराइल के राजदूत ने 'द कश्मीर फाइल्स' पर गोवा फिल्मोत्सव में लापिड के बयान को बताया शर्मनाक
बताया भारत- इजराइल संबंधों को आहत करने वाला बयान
लापिड की टिप्पणी को भारत और इजराइल के संबंधों को आहत करने वाली बताया लेकिन उन्होंने विश्वास जताया कि भारत और इजराइल देश के लोगों की मित्रता बहुत सुदृढ़ है, और यह आप द्वारा पहुंचायी गयी क्षति को सहन कर लेगी।
नयी दिल्ली। भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2022 के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष इजराइली फिल्म उद्योग के प्रतिनिधि नदाव लापिड के 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म पर दिए गए बयान को शर्मनाक बताया है और कहा है, उन्हें संभवत: इतिहास का सही-सही ज्ञान नहीं है। गिलोन ने कहा कि लापिड ने ऐसा इजराइल की आंतरिक राजनीति के बारे में अपने आग्रह-दुराग्रह की भड़ास निकालने के लिए कहा था।
लापिड ने गोवा में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में 'द कश्मीर फाइल्स' को 53वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की फिचर फिल्मों की प्रतिस्पर्धा सूची में रखे जाने की आलोचना करते हुए कश्मीर में हिंदुओं के जनसंहार की घटनाओं पर केंद्रित इस फिल्म को वलगर प्रोपेगैंडा फिल्म (अभद्र दुष्प्रचार करने वाली फिल्म) की संज्ञा दी थी। उन्होंने कहा था कि इस फिल्म को पुरस्कार के लिए प्रस्तुत फीचर फिल्मों की सूची में देखकर वह बेचैन और हतप्रभ हुए हैं।
भारत के अलावा श्रीलंका और भूटान के लिए राजदूत जिम्मेदारी निभा रहे गिलोन ने अपने देश के इस फिल्म निर्माता की टिप्पणियों को भारत की अतिथि देवो भव: परंपरा का भद्दा अपमान बताया और कहा कि इससे भारत जैसे मित्र देश के लोगों ने यहूदियों पर दुनिया में हुए अत्याचार की कथाओं पर संदेह व्यक्त किया जाने लगा है। लापिड की टिप्पणी को भारत और इजराइल के संबंधों को आहत करने वाली बताया लेकिन उन्होंने विश्वास जताया कि भारत और इजराइल देश के लोगों की मित्रता बहुत सुदृढ़ है, और यह आप द्वारा पहुंचायी गयी क्षति को सहन कर लेगी। गिलोन ने कहा कि एक मनुष्य के रूप में मुझे शर्मिंदगी महसूस हो रही है, और हमने अपने अतिथियों की भलमनसाहत और मित्रता का जो बुरा सिला दिया है। उसके लिए मैं उनसे क्षमा मांगना चाहता हूं।
उन्होंने ट्विटर पर अपनी पोस्ट में कहा है कि भारत की संस्कृति रही है कि वे अपने अतिथि को देवता तुल्य मानते हैं। उन्होंने कहा कि हमने गोवा फिल्म उत्सव के निर्णायक मंडल की अध्यक्षता करने के लिए भारत के निमंत्रण के साथ-साथ अपने प्रति उनके विश्वास, सम्मान और ह्दय से अतिथ्य सरकार का अत्यधिक दुरुपयोग किया।
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