अलजाइमर की दवा बनाने की दिशा में मिली एक महत्वपूर्ण कामयाबी
नया शोध अल्जाइमर्स से निपटने की शुरुआत
रिपोर्ट के अनुसार इस शोध से दिमाग की इस लाइलाज बीमारी से लोगों को बचाने के लिए अभी तक के हुए शोधों की नाकामयाबी के बीच उम्मीद की एक किरण नजर आयी है।
लंदन। ब्रिटेन के अलजाइमर्स रिसर्च के एक हालिया शोध को अलजाइमर की प्रभावी दवाई बनाने की दिशा में मिली अभी तक की सबसे महत्वपूर्ण कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार इस शोध से दिमाग की इस लाइलाज बीमारी से लोगों को बचाने के लिए अभी तक के हुए शोधों की नाकामयाबी के बीच उम्मीद की एक किरण नजर आयी है।
अभी तक इस बीमारी में दी जाने वाली दवाई '' लैकानेमैब'' का मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य पर थोड़ा बहुत ही असर नजर आता था। इसके अलावा बीमारी के शुरूआती दौर में ही यह दवाई मरीजों के लिए कुछ फायदेमंद नजर आती है। नवीनतम शोध के बाद आयी दवाई अलजाइमर की बीमारी की चपेट में आने वाले मरीज के दिमाग में बनने वाले बीटा एमीलॉयड पर हमला करती है। अभी तक इस मामले में चिकित्सा क्षेत्र में पर्याप्त निराशा रही है और इस नयी उम्मीद की किरण को एक प्रभावीशाली टर्निंग पॉइंट के रूप में देखा जा रहा है।
प्रो़ जॉन हार्डी ने कहा कि इस बीमारी से निपटने को एमीलॉयड को निशाना बनाये जाने का यह आइडिया 30 साल पहले के दुनिया के जाने माने शोधकर्ताओं का है। यह ऐतिहासिक और बेहद सकारात्मक शोध है, जिसे अल्जइमर्स से निपटने की शुरूआत के रूप में देखा जा रहा है। एडिनबर्ग यूनीवर्सिटी की प्रो़ तारा स्पाईर्स जोंस ने कहा कि यह परिणाम बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि काफी समय से हम पूरी तरह से असफल हो रहे हैं। अभी तक अलजाइमर के मरीजों को हम केवल वे दवाइयां दे रहे हैं, जिनसे उनके दिखायी दे रहे लक्षणों को मैनेज करने में मदद मिले लेकिन हकीकत में बीमारी पर इससे कोई प्रभाव या बदलाव नहीं हो रहा।
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