रामचरितमानस चौपाई विवाद: स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में आई सांसद बेटी संघमित्रा मौर्य

कहा- जब तक किसी बात को पूरी तरह समझ न लें हमें टिप्पणी नहीं करनी चाहिए

रामचरितमानस चौपाई विवाद: स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में आई सांसद बेटी संघमित्रा मौर्य

उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना एक अहम स्थान रखने वाले और बसपा से लेकर भाजपा और अब सपा से राजनीति करने वाले कद्दावर और समाजवादी पार्टी से विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों पर आपत्ति  की तो चारों और चर्चा होने लगी और स्वामी प्रसाद मौर्य अपने विरोधियों की  निशाने पर आ गए थे।

बदायूँ((एजेंसी))। रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को लेकर आपत्ति दर्ज कराकर विरोधियों के निशाने पर आये समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में आज उनकी बेटी और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद संघमित्र मौर्य सामने आयीं।

संघमित्र मौर्य ने पत्रकारों द्वारा उनके पिता से जुड़े इस विवाद को लेकर जब सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि हम तो हर चीज को सकारात्मक दृष्टि से लेते हैं जिनको आपत्ति हो रही है उन्हें सकारात्मक दृष्टि से देखना चाहिए कि जो व्यक्ति भगवान राम में नहीं भगवान बुद्ध में विश्वास रखता हो, वह व्यक्ति भाजपा में 5 साल रहने के बाद भगवान राम में आस्था कर रहे हैं और भगवान राम में आस्था करने की वजह से ही राम चरित मानस को पढ़ा। हम सब स्कूलों से ही सीखते आ रहे है कि यदि कोई डाउट हो तो उसका क्लियेरिफिकेशन होना चाहिए ताकि आगे हमें किसी तरह की कोई दिक्कत न आए।

उन्होंने कहा कि पिता जी ने राम चरित मानस को पढ़ा और उन्होंने अगर उस लाइन को कोड  किया,तो शायद इसलिए कोड किया होगा हालांकि मेरी इस सम्बंध में उनसे बात नहीं हुई है, क्योंकि वह लाइन स्वयं भगवान राम के चरित्र के विपरीत है। जहां भगवान राम ने शबरी के झूठे बेर खाकर के जाति को महत्व नहीं दिया वहीं पर उस लाइन में जाति का वर्णन किया गया है। उस लाइन को उन्होंने डाउट फुल दृष्टि से कोड करके स्पष्टीकरण मांगा तो हमें लगता है स्पष्टीकरण होना चाहिए। बहुत से विद्वान हैं और यह विषय मीडिया में बैठकर बहस का नहीं है हमें लगता है विश्लेषण का बिषय है।इस पर विद्वानों  के साथ बैठकर चर्चा  होनी चाहिए।कि वह लाइन है तो उसका क्या अर्थ है? और उसका क्या मतलब  है?

भाजपा सांसद से सवाल किया गया कि आपको यह नहीं लगता कि बार बार कुछ ब्यान स्वामी जी के कुछ ऐसे विवादों में जाते हैं, कुछ वह ज्यादा एग्रेसिव हो जाते हैं  इस पर भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने कहा कि यह तो नहीं पता हमें विवाद में क्यों आते  हैं।शायद उसका रीजन एक यह भी हो सकता है कि हम ताड़ के बैठे हों कि ये कुछ भी बोलें और हम इन पर हमला करें। हमने आपसे अभी पूर्व में भी कहा कि वह हमारे पिता हैं इसलिए मैं उनका बचाव नहीं कर रही हूं, बल्कि मैं कह रही हूं कोई भी व्यक्ति किसी भी बात को बोलता है तो उसकी बात को जब तक हम पूरी तरह समझ न लें हमें टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना एक अहम स्थान रखने वाले और बसपा से लेकर भाजपा और अब सपा से राजनीति करने वाले कद्दावर और समाजवादी पार्टी से विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों पर आपत्ति  की तो चारों और चर्चा होने लगी और स्वामी प्रसाद मौर्य अपने विरोधियों की  निशाने पर आ गए थे।

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