सात महीने के रिपोर्ट कार्ड से तय होगा, मंत्री बने रहेंगे या नहीं

भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में विधानसभा उप चुनावों से पहले होगा फेरबदल

सात महीने के रिपोर्ट कार्ड से तय होगा, मंत्री बने रहेंगे या नहीं

राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार के मंत्रिमंडल में भी अब जल्द ही फेरबदल होगा। पिछले सात महीने के रिपोर्ट कार्ड से तय होगा कि मंत्री पद पर रहेंगे या नहीं।

जयपुर। राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार के मंत्रिमंडल में भी अब जल्द ही फेरबदल होगा। पिछले सात महीने के रिपोर्ट कार्ड से तय होगा कि मंत्री पद पर रहेंगे या नहीं। मंत्रिमंडल में अभी 24 सदस्य है। राजस्थान में तीस मंत्री रह सकते हैं। छह पद अभी खाली है और कुछ को हटाया जा सकता है, तो आठ से दस नए मंत्री बन सकते हैं। 

आलाकमान स्तर पर पहले यह तय था कि राजस्थान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और मंत्रिमंडल में फेरबदल विधानसभा उप चुनाव होने और भजनलाल सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद किया जाएगा, लेकिन पिछले दिनों पार्टी में बदले अंदरूनी हालात और लोकसभा चुनावों में 11 सीटें हारने के चलते अब इन फैसलों को जल्द करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि विधानसभा उप चुनाव से पहले यह फेरबदल हो सकता है। मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके डॉ. किरोड़ीलाल मीणा पर भी आलाकमान स्तर पर फैसला विधानसभा सत्र समाप्ति के तुरंत बाद किया जाएगा। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि डॉ.मीणा को प्रदेशाध्यक्ष की कमान भी सौंपी जा सकती है, लेकिन इस पद पर मदन राठौड़ की नियुक्ति हो जाने से सारे कयास धरे रह गए। डॉ. मीणा को मुख्यमंत्री स्तर पर भी समझाइश की जा चुकी है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया।  सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनावों में पार्टी को 11 सीटों पर हारने के अलग-अलग गुटों ने कई कारण बताए हैं। इनमें से एक प्रमुख कारण सभी महत्वपूर्ण पदों पर ब्राह्मण वर्ग के लोगों का होना भी बताया गया है। यह भी बताया गया है कि अगर पांच विधानसभाओं में उप चुनावों से पहले इसमें सुधार नहीं किया गया, तो पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है। प्रदेशाध्यक्ष पद पर राठौड़ की नियुक्ति को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पिछले दिनों हुई दिल्ली यात्रा में आलाकमान की तरफ से संकेत भी दिए जा चुके हैं। 

हार का दिखेगा असर
मंत्रिमंडल के फेरबदल में लोकसभा चुनावों में 11 सीटों पर हुई हार का असर भी दिखाई देगा। इन चुनावों में जिन विधायकों ने अच्छा परिणाम दिया है, उनको मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। जिन मंत्रियों के यहां परिणाम खराब आया और मंत्री के रूप में छह माह की परफॉर्मेंस भी खराब रही है। ऐसे मंत्रियों की भी छुट्टी हो सकती है। सूत्रों की मानें तो आलाकमान की तीन-चार मंत्रियों पर नजर है, ऐसे में उनको हटाने की संभावना ज्यादा है। परफार्मेंस के आधार पर कुछ मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव किया जा सकता है।

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