दीपावली विवाद दोहरा रहा 62 साल पुराना इतिहास
जब भी ऐसी स्थिति आएगी, लगातार दो साल रहेगी
सन् 1962 में दीपावली को लेकर देशभर के ज्योतिषों में मतभेद हो गए थे।
जयपुर। दीपावली मनाने को लेकर जो संशय की स्थिति बनी है, वह 62 साल पहले भी बनी थी। उस समय भी ज्योतिषि एक मत नहीं थे। काफी जद्दोजहद के बाद उस समय की दीपावली पहले दिन ही मनाई गई थी। ज्योतिषियों के अनुसार जब-जब भी कार्तिक अमावस्या दो दिन की आएगी, उसके अगले साल भी ऐसी ही स्थिति रहेगी। मतलब ऐसी परिस्थितियां दो साल लगातार आएंगी। 1962 में दो दिन अमावस्या थी तो 1963 में भी दो दिन रही। 2024 में है तो 2025 में भी दो दिन अमावस्या रहेगी।
सन् 1962 में दीपावली को लेकर देशभर के ज्योतिषों में मतभेद हो गए थे। उस साल ज्योतिषों के एक गुट ने दीपावली 27 अक्टूबर को मनाने का ऐलान किया था, लेकिन दूसरे गुट के विद्वानों ने उसे नकारते हुए दूसरे दिन 28 अक्टूबर को मनाने की घोषणा की थी। उस समय भी केन्द्र सरकार ने अपने कैलेण्डर में 27 अक्टूबर को ही छुट्टी घोषित की थी। उस समय अमावस्या तिथि 27 अक्टूबर को शाम 4:18 बजे से शुरू होकर 28 अक्टूबर को शाम को 6:35 बजे समाप्त हुई थी। काफी मंथन के बाद ज्योतिषियों में सहमति बनी कि दीपावली 27 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। अगले साल 1963 में भी यहीं हालात रहे। उस समय 16 अक्टूबर को अमावस्या शाम सवा चार बजे शुरू हुई और 17 अक्टूबर को शाम 6:13 बजे तक रही। परंतु 1963 में भी दीपावली पहले दिन 16 अक्टूबर को ही मनाई गई। इस साल दीपावली को लेकर संशय बना हुआ है।
इस साल कार्तिक माह की अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे शुरू होगी, जो अगले दिन एक नवम्बर को शाम 5:13 बजे तक रहेगी। ऐसी ही स्थिति वर्ष 2025 में होने जा रही है। जब कार्तिक अमावस्या दो दिन रहेगी।
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