गर्मी बढ़ने के साथ ही कमजोर होने लगेगा एच-3 एन-2 वायरस

स्वाब टेस्ट से पकड़ में आता है ये वायरस

गर्मी बढ़ने के साथ ही कमजोर होने लगेगा एच-3 एन-2 वायरस

डॉ. सक्सेना ने बताया कि अमूमन मरीज खांसी, जुकाम, बुखार में खुद के स्तर पर ही मेडिकल स्टोर से दवाइयां लेते हैं, लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए और डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

जयपुर। घर-घर में इन दिनों एच-3 एन-2 इंफ्लूएंजा वायरस से ग्रसित होकर लोग सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, बदन दर्द से पीड़ित हो रहे हैं। हालांकि यह वायरस ज्यादा गंभीर नहीं है। लोगों में सामान्य फ्लू के लक्षण ही देखें जा रहे है। कुछ मामलों में ही निमोनिया बिगड़ने और अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ रही है। ऐसे में डॉक्टर भी इस वायरस से पीड़ित मरीजों को सामान्य फ्लू की तरह ही ट्रीटमेंट दे रहे हैं। इस वायरस को मुंह या नाक के जरिए स्वाब टेस्ट से ही पकड़ा जा सकता है, लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि इस तरह के कॉमन केस आने पर मरीज के लक्षण देखकर ही ट्रीटमेंट किया जा सकता है। इसमें 90 फीसदी से ज्यादा मरीज सामान्य और कम लक्षण वाले होते हैं। केवल गंभीर अवस्था या दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, उन्हीं की जांच कराई जा रही है।  

हल्के में ना लें, उपचार लें : डॉ. सक्सेना ने बताया कि अमूमन मरीज खांसी, जुकाम, बुखार में खुद के स्तर पर ही मेडिकल स्टोर से दवाइयां लेते हैं, लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए और डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर किसी मरीज की इम्युनिटी कम हो या उस पर वायरस का असर ज्यादा होता है तो उसे निमोनिया होने का भी खतरा रहता है। लंग्स में ज्यादा इंफेक्शन फैलने से मरीज को भर्ती भी करना पड़ता है।

मार्च अंत या अप्रैल की शुरुआत में घटेंगे मामले
एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जनरल मेडिसिन विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सेना का कहना है कि गर्मी का असर बढ़ते ही ये वायरस कमजोर हो जाएगा। जनवरी, फरवरी में इन वायरस का असर ज्यादा था, जो मार्च में कम हुआ है। वर्तमान में मौसम में जो उतार-चढ़ाव हो रहा है, उसकी वजह से ये फिर बढ़ रहा है, लेकिन मार्च अंत या अप्रैल के पहले सप्ताह में तापमान बढ़ने पर ये वायरस भी कमजोर होने लगेंगे। सर्दी से गर्मी और गर्मी से सर्दी की तरफ  जब मौसम जाता है तो अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शनस (यूआरआई) के केस बढ़ जाते हैं। इस वक्त सर्द-गर्म का जो मौसम चल रहा है, उसमें ये वायरस तेजी से एक्टिव होते हैं। इसी मौसम में एलर्जी के केस भी बढ़ते हैं।  

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