
किसानों की आय बढ़ाने के लिए राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड होगा गठित, दैनिक नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा, 'बाय प्रोडक्टस' बदल देगी किसानों की किस्मत! शिर्षक नाम से खबर की थी प्रकाशित
इस विषय पर दैनिक नवज्योति ने किसानों, मंडी व्यापारियों और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों से जाना था कि यदि बंपर फसल की स्थिति में उससे संबंधित बाय प्रोडक्ट इंडस्ट्री लग जाए तो क्या इस समस्या का हल होगा? साथ ही बताया था कि बाय प्रोडक्टस के लिए नए प्रयोग होने चाहिए।
जयपुर। राज्य में कृषि विपणन तंत्र को मजबूत कर किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड का गठन होगा। यह बोर्ड किसानों की आय बढ़ाने के लिए ठोस नीति बनाने एवं इसके प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में सुझाव देगा। साथ ही प्रदेश के अधिकाधिक किसानों को एग्रो-प्रोसेसिंग एवं मूल्य संवर्धन से जोड़ने के लिए रुपरेखा तैयार करेगा।
दैनिक नवज्योति ने किसानों के मुद्दे उठाते हुए प्रमुखता से 'बाय प्रोडक्टस' बदल देगी किसानों की किस्मत! शिर्षक से ख़बर प्रकाशित की थी। ख़बर में इस बात को उठाया गया था कि प्रकृति और सरकार के बीच किसान का भविष्य और फसल के भंडारण की किसानों के पास कोई सुविधा नहीं थी। इस विषय पर दैनिक नवज्योति ने किसानों, मंडी व्यापारियों और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों से जाना था कि यदि बंपर फसल की स्थिति में उससे संबंधित बाय प्रोडक्ट इंडस्ट्री लग जाए तो क्या इस समस्या का हल होगा? साथ ही बताया था कि बाय प्रोडक्टस के लिए नए प्रयोग होने चाहिए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को सीएमआर से वीसी के जरिए हुई कैबिनेट की बैठक बोर्ड गठन को मंजूरी दी गई। सरकार ने कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण, व्यवसाय एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात नीति-2019 लागू की थी। इस नीति के बाद राज्य में उत्पादित कृषि जिन्सों जैसे- जीरा, धनिया, लहसुन, ईसबगोल, अनार, खजूर, प्याज आदि के निर्यात को बढ़ावा देने तथा इनकी अंतर्राष्टÑीय स्तर पर पहचान सुनिश्चित करने की दिशा में इस बोर्ड का गठन राज्य सरकार का एक और बड़ा कदम होगा। कैबिनेट ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देने के उदेश्य से व्यास विद्यापीठ विश्वविद्यालय, जोधपुर विधेयक-2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया है। अब यह विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा और विधेयक के पारित होने से इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
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